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बीएमसी का फरमान- गणपति उत्सव के बाद मुंबई लौट रहे लोगों को कराना होगा कोविड टेस्ट!

मुफ्त RT-PCR टेस्ट के लिए बीएमसी ने स्थापित किए 266 केंद्र

मुंबई: बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने गणपति उत्सव/विसर्जन 2021) के बाद अपने गृहनगर से शहर लौट रहे लोगों से एहतियात के तौर पर कोविड-19 जांच कराने को कहा है. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. अतिरिक्त नगर आयुक्त (पश्चिमी उपनगर) सुरेश काकानी ने बताया कि बीएमसी ने गणपति उत्सव मनाने के बाद मुंबई लौटे लोगों की मुफ्त आरटी-पीसीआर जांच करने वाले 266 केंद्र स्थापित किए हैं. लोगों के नमूनों की जांच के परिणाम उनके घर पहुंचा दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगले 15 दिन महत्वपूर्ण हैं.
मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर ने कहा कि लोगों को ध्यान रखना चाहिए क्योंकि वे अपने गृहनगर में दूसरों के संपर्क में आए होंगे. लोगों को यहां स्थापित जांच केंद्रों का लाभ उठाना चाहिए. सावधानियां संक्रमण को और फैलने से रोकने में मदद करेंगी. सभी के लिए टीके उपलब्ध हैं. लोगों को टीकाकरण के लिए भी बढ़चढ़कर आगे आना चाहिए.

मुंबई में शनिवार को संक्रमण के 478 नए मामले सामने आए और 6 लोगों की मौत हो गई. इसी के साथ यहां संक्रमितों की कुल संख्या 7,37,678 और कुल मृतक संख्या 16,048 हो गई है. शहर में आज 3,841 मरीज ठीक होकर अपने घर गए है. अबतक ठीक होने वाले मरीजों कि कुल संख्या 63,28,561 है.

क्या मुंबई ने जीत ली कोरोना से जंग? सीरो सर्वे में 86 फीसदी आबादी में एंटीबॉडी विकसित
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने शुक्रवार को दावा किया कि नवीनतम सीरो-सर्वेक्षण के अनुसार, मुंबई की 86.64 प्रतिशत आबादी में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी है.महानगरपालिका की ओर से जारी बयान के अनुसार, महामारी के बाद से इस तरह का यह 5वां सर्वेक्षण है और यह 12 अगस्त से 9 सितंबर, 2021 के बीच किया गया. बयान में बताया गया कि झुग्गियों में 87.02 फीसदी आबादी में एंटीबॉडी है, जबकि अन्य इलाकों में यह 86.22 फीसदी है.
बीएमसी ने बताया, ग्रेटर मुंबई शहर में झुग्गी और गैर झुग्गी बस्तियों में कुल मिलाकर पिछले सर्वेक्षण की तुलना में एंटीबॉडी कहीं ज्यादा है. बीएमसी ने कहा कि मुंबई ‘द्वीप शहर’ और उपनगरों में एंटीबॉडी में उल्लेखनीय अंतर नहीं है.
टीके की दोनों खुराक या एक खुराक लेने वाली 90.26 प्रतिशत आबादी में एंटीबॉडी मिले, जबकि टीके की खुराक नहीं लेने वालों में यह 79.86 फीसदी था. वहीं लैंगिक तुलना के संबंध में 88.29 प्रतिशत महिलाओं में जबकि 85.07 फीसदी पुरुषों में एंटीबॉडी मिला. सर्वेक्षण में 8,674 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 20 फीसदी नमूने स्वास्थ्य कर्मियों के थे.