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अंत्योदय अन्न योजना (AAY) के नए नियम जारी, अब दिव्यांगों को भी मिलेगा 35 किलो अनाज

नयी दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है जिसमें कम दरों पर राशन की योजनाएं भी शामिल हैं। इन्हीं में से एक योजना है ‘अंत्योदय अन्न योजना’ इस योजना के तहत गरीबों को सस्ते दामों में महीने भर का राशन दिया जाता है। केंद्र सरकार ने अब इसके नियमों में बदलाव किया है जिसकी जानकारी खुद केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि इस योजना का लाभ दिव्यांगों को नहीं मिल रहा है और इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश को गंभीरता से लिया गया है। इसके बाद सभी राज्यों को आदेश जारी किए गए हैं कि दिव्यांगों को भी इस योजना में शामिल किया जाए।

गौरतलब हो कि इस योजना को केंद्र सरकार ने दिसंबर 2000 में शुरू किया था जिसके तहत 10 लाख से ज्यादा गरीब बरिवारों को हर महीने सस्ती दरों पर 35 किलो धान और गेहूं उपलब्ध करवाया जाता है। योजना को लेकर अपने ट्वीट में केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि अब इस योजना के तहत दिव्यांगों को भी 35 किलो अनाज हर महीने मिल सकेगा। अंत्योदय अन्न योजना (AAY) राशनकार्ड और प्राथमिकता वाले परिवार (PHH) राशनकार्ड के अंतर्गत कौन लाभार्थी होंगे इसकी जवाबदेही राज्य सरकार पर है।

केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर लिखा है, वर्ष 2003 में अंत्योदय अन्न योजना का विस्तार किए जाने के दौरान निर्गत गाइडलाइन में इस योजना के तहत दिव्यांगजनों को भी शामिल करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। सभी राज्य सुनिश्चित करें कि कोई भी दिव्यांग इससे वंचित न रहे। राज्य सरकारों से यह भी आग्रह है कि दिव्यांगजनों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना PMGKAY और आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत प्रति व्यक्ति 5 Kg अतिरिक्त मुफ्त अनाज वितरण का भी समुचित लाभ सुनिश्चित करें।

क्या है अंत्योदय अन्न योजना?
योजना के तहत लाभार्थी को 35 किलो अनाज दिया जाता है जिसमें 2 रुपए प्रति किलो की दर से गेहूं और 3 रुपए प्रति किलो की दर से चावल प्रदान किया जाता है।

योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी गरीबी रेखा से नीचे होना चाहिए साथ ही उसका नाम प्राधिकारी द्वारा अंत्योदश राशन कार्ड के लिए चयनित होना चाहिए।

इस योजना में रजिस्ट्रेशन के लिए लाभार्थी को अपने क्षेत्र के पटवारी द्वारा जारी आय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है। साथ ही यह भी दिखाना होता है कि उसके पास पहले से कोई राशन कार्ड नहीं था। इसके लिए उसे हलफनामा देना पड़ सकता है कि उसके पास पहले कोई राशन कार्ड नहीं था।

योजना लाभ लेने के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं देना होता लेकिन पहचान पत्र और निवासी प्रमाण पत्र पेश करना होता है।

योजना का लाभ लेने के लिए आपको अपने क्षेत्र के पंचायत प्रधान के पास जाकर अपने परिवार की आय व अन्य जानकारियों के साथ सादे कागज पर आवेदन करवाना होगा।