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अमरावती में महिला RFO ने खुद को मारी गोली: प्रताड़ित करने के आरोप में DCF रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार

अमरावती: शुक्रवार को महाराष्ट्र के अमरावती के मेलघाट टाइगर रिजर्व की वन रेंज अधिकारी दीपाली चव्हाण की आत्महत्या के मामले में वन विभाग के प्रमुख (DCF) विनोद शिवकुमार को गिरफ्तार किया गया है। मेलघाट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत हरिसल की वन रेंज अधिकारी दीपाली चव्हाण ने गुरुवार को एक सरकारी आवास पर खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी।
शुरूआती जांच में सामने आया है कि वह अपने सीनियर यानी शिवकुमार द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न से परेशान थीं। मरने से पहले दीपाली ने एक सुसाइड नोट लिखा था। उसमें उन्होंने अपने सीनियर्स पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। दीपाली चव्हाण के सुसाइड नोट में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के नामों का भी उल्लेख है।
भागने की फिराक में था शिवकुमार
मिली जानकारी के मुताबिक, नागपुर में तैनात से विनोद शिवकुमार अपने गृहनगर कर्नाटक भागने की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से दो सूटकेस भी बरामद हुए हैं। पुलिस अब शिवकुमार को अमरावती ले गई है। उन्हें पहले अमरावती और फिर धरणी ले जाया जाएगा। अमरावती पुलिस शिवकुमार के साथ काम करने वाले लोगों से भी पूछताछ करेगी।

अन्य ऑफिसर्स के भी शामिल होने की जांच जारी
अमरावती के पुलिस अधीक्षक हरिबलाजी एन ने कहा है कि इस मामले शिवकुमार के अलावा कुछ अन्य लोग दोषी हैं या नहीं यह बात जांच के बाद ही स्पष्ट होगी। गिरफ्तार किए गए शिवकुमार को आज अमरावती अदालत में पेश किया जाएगा।

आत्महत्या से पहले साथ रहने वाली मां को गांव भेजा
दीपाली चव्हाण अपनी मां के साथ मेलघाट में रह रही थी। जानकारी के अनुसार, चव्हाण ने गुरुवार सुबह करीब 11 बजे अपनी मां को अपने गांव भेज दिया था। गांव पहुंचने के बाद मां ने दीपाली को कई बार फोन किया, लेकिन उनका नंबर नहीं उठा। जिसके बाद हरिसाल में एक गार्ड को फोन कर घर जाकर दीपाली को देखने को कहा। गार्ड जब घर पहुंचा तो दरवाजा बंद था और कई बार बेल बजाने के बाद भी जब वह नहीं खुला तो उसने पड़ोस में रहने वालों के सहारे मेन डोर का लॉक तोड़ एंट्री की।

दीपाली ने दो गांवों का किया था कायाकल्प
दरवाजा तोड़ते ही ड्राइंग रूम में दीपाली का खून से सना शव फर्श पर पड़ा हुआ था और उनके बगल में एक पिस्तौल रखी हुई थी। चव्हाण एक बहादुर अधिकारी के रूप में जानी जाती थीं। अपने छोटे से कार्यकाल में उन्होंने हरिसाल के दो गांवों का कायाकल्प कर उसे पर्यटन के रूप में विकसित करने का काम किया था। उनके इस काम के लिए वन विभाग की ओर से उन्हें सम्मानित भी किया गया था।

सुसाइड नोट में दीपाली के पांच आरोप

  • मेरे सीनियर द्वारा मुझे जबरदस्ती गलत काम करने पर मजबूर किया जाता था।
  • शिवकुमार सर ने कभी गांव में जाकर सभा नहीं की और वे मुझे, जूनियर्स, गांववालों, मजदूरों के सामने गालियां दिया करते थे।
  • प्रेग्नेंट होने के बावजूद मुझे जान बूझकर कच्चे रस्ते पर घुमाया गया। इस वजह से मेरा अबॉर्शन हुआ। उसके बावजूद मुझे छुट्टी नहीं दी गई।
  • शिवकुमार मुझे देर रात मिलने के लिए बुलाते थे। वे मुझ से अश्लील बात करते थे। इसकी शिकायत मैंने अपने सीनियर्स से की थी।
  • मेलघाट ऐसी दलदल है, जहां आप अपनी मर्जी से आ तो सकते हैं, लेकिन जा नहीं सकते।