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आजमगढ़ संसदीय लोकसभा सीट के उपचुनाव में, ‘निरहुआ’ भाजपा से फिर मैदान में

आजमगढ़: संसदीय उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव (निरहुआ) को मैदान में उतार दिया है। बसपा पहले से ही शाह आलम गुड्डू जमाली को उतार किलेबंदी मजबूत की है। ऐसे में समाजवादी पार्टी (सपा) का मोहरा सामने आने का चुनावी चाणक्यों को इंतजार है।
दरअसल, सपा-बसपा के गढ़ में सभी प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवारों के सामने आने के बाद ही सियासी जंग की असली तासीर का अनुमान लगाया जा सकता है। टिकट घोषित होने के बाद निरहुआ ने कहा कि मैं अब आजमगढ़ के विकास का अपना उद्​देश्य पूरा कर पाऊंगा।
बता दें कि साल 2019 में भाजपा ने दिनेश लाल यादव (निरहुआ) को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव में उतारा था। उस समय सपा व बसपा के एक साथ होने के कारण दिनेश लाल यादव भाजपा के लिए रिकार्ड 3,61,704 मत पाकर भी चुनाव हार गए थे। जबकि वर्ष 2014 में मुलायम सिंह यादव आजमगढ़ से लड़े तो 3,40,306 मत पाए थे, जिससे 21398 हजार ज्यादा मत हासिल कर निरहुआ ने एक नई इबारत लिखी थी। संभवत: यहीं वजह रही कि निरहुआ को फिर से भाजपा ने मैदान में उतारा है। चूंकि बसपा भी पूरी ताकत से झोंके पड़ी है, इसलिए राह किसी के लिए आसान नहीं होगा। हालांकि, मुलायम सिंह यादव के खिलाफ ही चुनाव में बसपा प्रत्याशी रहे शाह आलम गुड्डू जमाली 2,66,528 मत पाए थे।

अखिलेश यादव बड़े भाई, मेरे लिए ही उन्होंने छोड़ी सीट!
आजमगढ़ लोकसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भोजपुरी फिल्म स्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को फिर से उम्मीदवार घोषित कर दिया। उम्मीदवारी की घोषणा के तत्काल बाद नामांकन पत्र लेने पहुंचे दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उनके बड़े भाई है और उनके लिए ही उन्होंने आजमगढ़ लोकसभा सीट छोड़ी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख ने भी ये साफ कर दिया है कि आजमगढ़ में दिनेश लाल यादव ही जीतेगा। दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने कहा कि राष्ट्रवाद को लेकर वे चुनाव में उतर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अखिलेश यादव भी देशभक्त हैं लेकिन वो अपनी जाति-समुदाय के लोगों को बरगला कर गलत रास्ते पर लेकर चलते हैं।
समर्थकों के साथ आजमगढ़ कलेक्ट्रेट पहुंचे भाजपा प्रत्याशी ने ‘निरहुआ’ ने मीडिया से बात करते हुए समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर एक के बाद कई आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि सपा के कई लोग भाजपा में आने के लिए तैयार हैं।

सपा से सुशील आनंद के नाम की चर्चा
सपा ने भी दिग्ग्ज नेता रहे बलिहारी बाबू के पुत्र सुशील आनंद को चुनाव लड़ाने का संकेत दे चुकी है। उसी भरोसे पर उन्होंने दो सेट पर्चा भी ले लिया है। मीडिया में उनके उम्मीदवार की खबरें सुर्खियां भी बनी लेकिन पार्टी ने अभी अधिकृत घोषणा नहीं की। ऐसे में सुशील या फिर किसी अन्य के नाम पर मुहर लगे तो चुनाव की असली तस्वीर सामने आ पाएगी।