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ईडी ने राहुल गांधी से अब तक की 17 घंटे पूछताछ; ईडी अफसरों से राहुल बोले- जो कुछ पूछना है, आज ही पूछ लें…हमारे लोग परेशान हो रहे हैं

नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी ‘नेशनल हेराल्ड अखबार’ से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में पूछताछ की है। ईडी की पूछताछ को कांग्रेस ने विपक्ष के नेता का राजनीतिक बदले की भावना से उत्पीड़न करार देते हुए दूसरे दिन भी विरोध-प्रदर्शन किया। कांग्रेस के दोनों मुख्यमंत्रियों राजस्थान के अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल, पार्टी के कई सांसदों, कार्यसमिति के सदस्यों से लेकर कार्यकर्ताओं ने राहुल के समर्थन में सड़क पर पुलिस से संघर्ष किया और इन सभी को हिरासत में लिया गया।
ईडी ने राहुल से सोमवार को दो चक्र में लगभग 11 घंटे की पूछताछ के बाद मंगलवार को फिर आने का समन थमा दिया था। सोमवार को लंच ब्रेक में राहुल गांधी सर गंगाराम हॉस्पिटल गए थे, जहां उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी से मुलाकात की और फिर ईडी दफ्तर लौटे थे।
राहुल दूसरे दिन ईडी दफ्तर जाने से पहले सुबह 10:30 बजे छावनी में तब्दील हो चुके कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड पहुंचे जहां सीएम अशोक गहलोत और भूपेश बघेल समेत पार्टी के तमाम दिग्गज नेता ईडी के राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ धरना दे रहे थे।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी राहुल के साथ मौजूद थीं। नेताओं-कार्यकर्ताओं के जोश और संघर्ष का जज्बा देख मुस्कुराते हुए राहुल वहां से ईडी कार्यालय रवाना हुए तो कांग्रेस नेता भी उनके साथ चलने लगे। लेकिन दिल्ली पुलिस ने गहलोत, बघेल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, केसी वेणुगोपाल से लेकर तमाम नेताओं को रोक लिया। ईडी दफ्तर पहुंचने के सारे रास्तों पर सुरक्षाकर्मियों की फौज खड़ी थी और कांग्रेसी नेताओं-कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर अलग-अलग पुलिस थानों में भेजा जा रहा था।

पहले दौर में 4 घंटे हुई पूछताछ
राहुल गांधी सुबह 11:05 बजे ईडी दफ्तर पहुंचे। चार घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद करीब 3.30 बजे राहुल लंच के लिए बाहर निकले और अपने सरकारी आवास गए। करीब एक घंटे बाद 4.30 बजे वह फिर ईडी दफ्तर पहुंच गए। पहले राउंड में कांग्रेस नेता राहुल से लगभग 40 सवाल किए गए? इस दौरान राहुल गांधी ने अधिकारियों से नाराजगी में कहा कि उन्हें जितने भी सवाल पूछने हैं, आज ही पूछ लें, बार-बार बुलाकर परेशान न करें। उन्होंने कहा कि इससे हमारे कार्यकर्ता भी परेशान हो रहे हैं और आप बाहर देख ही रहे हैं कि क्या चल रहा है। राहुल गांधी से दो दिन में अब तक 17 घंटे पूछताछ की जा चुकी है।
राहुल गांधी से पूछताछ के दौरान ईडी के वे ही तीन लोग मौजूद थे, जिन्होंने कल उनसे पूछताछ की थी। सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू हुआ, उसके लगभग एक घंटे बाद राहुल गांधी ने पानी पीने के लिए अपना मास्क हटाया और फिर वापस लगा लिया। चाय कॉफी के लिए ईडी अधिकारियों की रिक्वेस्ट पर राहुल ने थैंक्स कहकर मना कर दिया। सूत्रों का कहना है कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी राहुल गांधी के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। उन्हें फिर ईडी ऑफिस बुलाया जा सकता है।

कार्यकर्ताओं से बदसलूकी पर नाराजगी
वहीँ राहुल गांधी को दूसरे दिन भी ईडी द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर कांग्रेस के बड़े नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। उन्होंने सरकार और ईडी के खिलाफ हंगामा किया और विरोध जताया। इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को गंभीर चोटें आईं। सोमवार को पी चिदंबरम की पसलियों में फ्रैक्चर हो गया था। इस पर राहुल गांधी ने नाराजगी जताई। राहुल गांधी ने कहा कि वह ही नहीं, बल्कि कांग्रेस का हर कार्यकर्ता ईडी का सामना करने के लिए तैयार है।

ड्रामा कर रही कांग्रेसः बीजेपी
दिल्ली में कांग्रेस के प्रदर्शन पर बीजेपी ने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ड्रामा कर रही है। पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि सोनिया गांधी पहले और राहुल गांधी दूसरे नंबर के आरोपी हैं। ये मामला कांग्रेस और बीजेपी के बीच का नहीं है।राहुल गांधी देश के नागरिक हैं और उन्हें सम्मान करना होगा।

जानें- केस में अब तक क्या-क्या हुआ?
1 नवंबर 2012 को दिल्ली कोर्ट में सुब्रमण्यम स्वामी ने केस दर्ज कराया, जिसमें सोनिया-राहुल के अलावा मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा आरोपी बनाए गए। ये सभी कांग्रेस से जुड़े हैं।

26 जून 2014 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने सोनिया-राहुल समेत सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया।

1 अगस्त 2014 के ED ने इस मामले में संज्ञान लिया और मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।

मई 2019 में इस केस से जुड़ी 64 करोड़ की संपत्ति को ED ने जब्त किया।
19 दिसंबर 2015 को इस केस में सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को दिल्ली पटियाला कोर्ट ने जमानत दे दी।

9 सितंबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सोनिया और राहुल को करारा झटका दिया था। कोर्ट ने आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ याचिका खारिज कर दी थी।
हालाँकि, कांग्रेस ने इसे सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी, लेकिन 4 दिसंबर 2018 को कोर्ट ने कहा कि आयकर की जांच जारी रहेगी। हालांकि, अगली सुनवाई तक कोई आदेश पारित नहीं होगा।

ईडी की पूछताछ के बीच राहुल बोले- ‘महा-जुमलों’ की सरकार, पीएम मोदी पर सीधा हमला
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सभी विभागों और मंत्रालयों में अगले डेढ़ साल के दौरान दस लाख लोगों की भर्ती करने के लिए दिए गए निर्देश को लेकर मंगलवार को आरोप लगाया कि यह जुमलों की नहीं, बल्कि ‘महा-जुमलों’ की सरकार है। उन्होंने यह दावा भी किया कि जैसे हर साल दो करोड़ नौकरियों का झांसा दिया गया, उसी तरह अब 10 लाख सरकारी नौकरियों की बारी है।
कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया- जैसे आठ साल पहले युवाओं को हर साल 2 करोड़ नौकरियों का झांसा दिया था, वैसे ही अब 10 लाख सरकारी नौकरियों की बारी है। ये जुमलों की नहीं, ‘महा-जुमलों’ की सरकार है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया, प्रधानमंत्री जी नौकरियां बनाने में नहीं, नौकरियों पर ‘न्यूज’ बनाने में एक्सपर्ट हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों से कहा है कि वे ‘मिशन मोड’ में काम करते हुए अगले डेढ़ साल में दस लाख लोगों की भर्ती करें। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने मंगलवार को यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि सभी सरकारी विभागों एवं मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा के बाद प्रधानमंत्री का यह निर्देश आया है।