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ई-बसों का टेंडर मामला: बीजेपी ने जोड़ा पाकिस्तानी कनेक्शन, आदित्य ठाकरे बोले- केंद्र से जांच में लेंगे सहयोग

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने ई-बसों के लिए जिस कंपनी को ठेका दिया है वह पाकिस्तानी एजेंट से जुड़ी हुई है। भाजपा विधायक आशीष शेलार ने बजट पर हुई विभागवार चर्चा के दौरान यह गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यूरोपियन यूनियन सहित विश्व के कई देशों में घोटालेबाज के रूप में घोषित किए गए और पनामा पेपर्स में नामित एक पाकिस्तानी एजेंट के निवेश वाली कंपनी को बेस्ट की ई बस का ठेका दिया गया है। चर्चा का जवाब देते हुए पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि मामला अतंर्राष्ट्रीय है इसलिए इसकी जांच में केंद्र सरकार से मदद ली जाएगी।
चर्चा की शुरूआत करते हुए बुधवार को आशीष शेलार ने कहा कि अभी हाल ही में बेस्ट बसों के बेडे में नई ई बस लेने का फैसला लिया गया है। पहले केवल 200 बसों का टेंडर निकाला गया था। बाद में इसे बढ़ाकर 900 और फिर 1400 बसों का किया गया। उन्होंने कहा कि बेस्ट के लिए 1400 बसों की खरीद का ठेका विदेशी कंपनी कॉसिस ई मोबिलिटी को देने का निर्णय लिया गया। राज्य शासन की तरफ से पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे और उद्योग मंत्री सुभाष देसाई की उपस्थिति में 1 अक्टूबर 2021 को हुए करार में कंपनी को 2 हजार 800 करोड़ रुपए देने की बात मंजूर की गई। इस कंपनी का सीईओ व कनाडा का नागरिक तुमलुरी है। तुमलुरी का नाम विश्व स्तर पर घोटालेबाज के रूप में कुख्यात है। जिस तरह भारत ने नीरव मोदी को घोटालेबाज के रूप में घोषित किया गया है, उसी तरह तुमलूरी को यूरोपियन यूनियन सहित माल्टा, कनाडा ने हजारों करोड़ रुपए के घोटाले में फरार घोषित किया गया है।उन्होंने कहा कि इस कंपनी में दो बड़े निवेशकों के पैसे लगे हैं, जिनके नाम पनामा पेपर में घोषित किए गए हैं। इनमें से एक शौकत अली अब्दुल गफूर एक पाकिस्तानी एजेंट हैं और लीबिया में काम करता है। शेलार ने इस व्यक्ति का फोटो परवेज मुशर्रफ के साथ दिखाया। यह व्यक्ति हवाला रैकेट चलाने वाला और हथियारों का सौदागर है। इस कंपनी में एक अन्य व्यक्ति ने निवेश किया है, जिसका नाम असदअली शौकत है। यह पाकिस्तानी नागरिक है, जो दुबई में रहता है और यह भी हवाला रैकेट चलाता है। उन्होंने सवाल किया कि महाराष्ट्र सरकार बेस्ट के लिए ई-बस लेने इस कंपनी के पास क्यों गई? उसे ठेका क्यों दिया गया?

आदित्य ठाकरे बोले- केंद्र की लेंगे मदद
कॉसिस ई मोबिलिटी मामले पर मंत्री आदित्य ठाकरे ने सफाई देते हुए कहा कि यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर का है, ऐसे में केंद्र सरकार से छानबीन के लिए संपर्क किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कॉसिस मोबिलिटी यूके से संलग्न संस्था है। ई-पॉलिसी के तहत हमने महाराष्ट्र में विश्व भर की कंपनियों को आमंत्रित किया है। कुछ ऐसा ही काम गुजरात और तेलंगाना भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी की बसें आने तक उन्हें एक भी पैसा नहीं दिया जाएगा,उन्हें किलोमीटर के हिसाब से पैसा दिया जाएगा।