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उद्धव ठाकरे बोले- मेरे ही लोगों को मैं मुख्यमंत्री पद पर नहीं चाहिए हूं…तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं!

शिवसैनिक सीएम बने तो मुझे खुशी होगी, लेकिन कोई गद्दारी न करे: उद्धव
…तो ‘वर्षा’ छोड़कर अपने ‘मातोश्री’ चला जाऊंगा
वर्तमान में असम में मौजूद मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोहियों के समूह को भावनात्मक अपील करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, मेरे अपने (शिवसैनिक) मुझे सीएम के रूप में नहीं चाहते हैं तो इसके लिए सूरत या किसी अन्य स्थान पर क्यों जा रहे हैं? शिंदे बस आकर मुझे यहीं बता सकते थे…मैं तुरंत पद छोड़ देता।
सीएम ठाकरे ने कहा, मेरे अपने शिवसैनिक नहीं चाहते कि मैं मुख्यमंत्री के रूप में बना रहूं। मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं…’वर्षा’ छोड़कर अपने ‘मातोश्री’ चला जाऊंगा। मैं शिव सेना अध्यक्ष के रूप में भी पद छोड़ने के लिए तैयार हूं। मुझे बहुत खुशी होगी अगर कोई और शिवसैनिक सीएम बन जाता है।

मुंबई,(राजेश जायसवाल): महाराष्ट्र में दो दिन से जारी राजनीतिक उठापटक के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार शाम फेसबुक लाइव के जरिये राज्य की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल में हमारी सरकार ने लड़ाई लड़ी। हम कोविड से निपटने वाले टॉप 5 मुख्यमंत्री में थे। आज कोरोना के अलावा कुछ अन्य मुद्दों पर मैं बात करने आया हूं। जनता की मदद से मुझे सीएम बनाया गया। आज ये सवाल उठाए जा रहे हैं कि ये शिवसेना बालासाहेब की शिवसेना है या नहीं? ये हिंदुत्व पर चलने वाली शिवसेना है या नहीं? ये सही है कि पिछले दिनों मैं लोगों से मिल नहीं पा रहा था, उसका कारण, मेरा बड़ा ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद मैंने हॉस्पिटल के कमरे से पहली कैबिनेट मीटिंग की थी।

शिवसेना और हिंदुत्व एक ही सिक्के के दो पहलू: उद्धव
शिवसेना और हिंदुत्व एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इन्हें अलग नहीं कर सकते। शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने जनता से कहा कि हमने कठिन हालात में 2019 का चुनाव लड़ा। हम बालासाहेब के विचारों को आगे ले जा रहे हैं। शिवसेना और हिंदुत्व एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा कि शिवसेना ने हिंदुत्व नहीं छोड़ा है। हिंदुत्व हमारी सांस में है। अभी यह बताने का समय नहीं है कि किसने हिंदुत्व के लिए क्या किया? मैं बालासाहेब के हिंदुत्व को आगे ले जाने की कोशिश कर रहा हूं…!

मेरे एक भी विधायक सामने आकर कहें तो मैं इस्तीफा देने काे तैयार हूं: उद्धव
सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि एक भी बागी विधायक अगर मेरे सामने आकर कहें तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं। इससे पहले उन्होंने कहा कि आज सुबह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने मुझे फोन किया। एनसीपी चीफ शरद पवार ने भी फोन किया। उन्होंने कहा कि हम आपके साथ हैं। मुझे आश्चर्य है कि कांग्रेस और एनसीपी अगर कहे कि हमें आप मुख्यमंत्री पद पर नहीं चाहिए…तो मैं समझ सकता हूं। लेकिन मेरे ही लोगों को मैं मुख्यमंत्री पद पर नहीं चाहिए हूं तो मैं क्या कर सकता हूं? मैं इस्तीफा देने को तैयार हूँ। हम काफी समय तक कांग्रेस और एनसीपी के खिलाफ थे लेकिन शरद पवार ने एक बैठक में बोला कि मुझे तुमसे बात करनी है। उन्होंने कहा कि तुम्हारे कन्धों पर जिम्मेदारी देनी है। उन्होंने मुझे मुख्यमंत्री बनने की बात कही। उद्धव ने कहा कि जब तक मेरे साथ शिवसैनिक हैं। मैं किसी चुनौती से डरूंगा नहीं। मैं पीठ नहीं दिखाऊंगा। जो आरोप लगाते हैं कि ये बालासाहेब की शिवसेना नहीं है, उन्हें मैं बता दूं कि ये वही शिवसेना है। सोशल मीडिया पर ट्रोल करने वालों को मैं भाव नहीं देता।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि पद लेने के पीछे सिर्फ स्वार्थ नहीं है। राजनीति कोई भी मोड़ ले सकती है। मेरे ही लोगों को मैं मुख्यमंत्री पद पर नहीं चाहिए हूं तो मैं क्या कर सकता हूं? यही अगर आप कहना चाहते थे तो ये मेरे सामने कहने में क्या हर्ज था? इसके लिए सूरत जाने की क्या जरूरत थी? अगर आप चाहते हैं कि मैं मुख्यमंत्री न रहूं तो फिर ठीक है! इनमें से एक भी विधायक मेरे सामने आकर कहता है तो मैं आज ही सीएम पद और शिवसेना अध्यक्ष से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर कोई शिवसैनिक सीएम बनता है तो मुझे खुशी होगी। अगर किसी को कोई समस्या है तो वह मुझे सीधे बात करे, लेकिन मेरे साथ कोई गद्दारी न करे। उन्होंने कहा कि मैं इस्तीफा देने तैयार हूं लेकिन मेरी कोई मजबूरी नहीं है, मैं किसी पर निर्भर नहीं हूं।

उद्धव ठाकरे से मिलने पहुंचे शरद पवार
सीएम उद्धव ठाकरे के लाइव संबोधन के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार उद्धव ठाकरे के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे हैं। पवार के साथ सुप्रिया सुले भी मौजूद थीं। इस बीच आज कमलनाथ ने एनसीपी चीफ शरद पवार से मुंबई में मुलाकात की थी। कमलनाथ महाराष्ट्र में डैमेज कंट्रोल के लिए भेजे गए हैं। एनसीपी भी कल अपने सभी एमएलए और एमएलसी के साथ बैठक करने जा रही है। हालत को देखते हुए राजनीतिक जानकर यही कह रहे हैं कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार को अब सियासी चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार ही बचा सकते हैं?