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कन्हैयालाल हत्याकांड के हत्यारों को 12 जुलाई तक रिमांड, जयपुर सहित कई जिलों में नेटबंदी

उदयपुर: उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की बर्बरता से की गई हत्या के मामले में नित्य नए-नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस को जांच में पता चला है कि इस हत्याकांड में मोहम्मद रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद के अलावा उसके तीन और साथी शामिल थे। इनमें से मोहसिन खान (25) और आसिफ हुसैन (24) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीसरे आरोपी की तलाश जारी है।
पुलिस से मिली जानकारी अनुसार, मोहसिन और आसिफ अलग-अलग बाइक पर रियाज और गौस को मालदास स्ट्रीट लेकर पहुंचे थे। दोनों ने रियाज और गौस को कन्हैयालाल की टेलरिंग शॉप से महज 70 मीटर दूर गली के कोने (हाथीपोल-मोती चौहट्टा मुख्य मार्ग) पर उतारा था। दोनों यही बाइक स्टार्ट करके खड़े थे और करीब से घटना को अंजाम देने तक नज़र रख रहे थे। हमले के दौरान अगर कोई रियाज और गौस को पकड़ता या शटर गिराता तो ये दोनों उसे बचाने या छुड़ाने के लिए तलवार और खंजरों से हमला करने को तैयार थे।

हत्या के बाद चारों आसानी से हो गए फरार!
कन्हैया की हत्या कर रियाज और गौस हथियार लहराकर दौड़ते हुए आए और मोहसिन और आसिफ की बाइकों पर बैठकर सिलावटवाड़ी की और बड़े ही आसानी से फरार हो गए। जहां से रियाज ने अपनी 2611 नंबर की बाइक ली। उस पर गौस के साथ भीम की और रवाना हो गया। जहां पुलिस ने तीनों ओर से घेराबंदी कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में रियाज और गौस ने मोहसिन और आशिफ के नाम बताए। आशिफ इनके साथ ही वेल्डिंग शॉप पर काम करता था। पुलिस को मौके पर एक लावारिस एक्टिवा भी मिली है। यह गौस मोहम्मद के नाम पर पंजीकृत है। ऐसे में पुलिस संभावना जता रही है कि घटना के वक्त कोई पांचवां साथी भी मौके पर मौजूद था।

पुलिस से बचने के लिए गलियों से निकले शातिर
आतंकियों को पता था कि हाथीपोल चौराहे पर अक्सर जाम लगता रहता है। यहां पुलिस चौकी होने के कारण पुलिस भी तैनात रहती है, इसलिए उन्होंने सिलावटवाड़ी की पतली गलियों से भागने की योजना बनाई। चारों अपने-अपने वाहनों से सिलावटवाड़ी पहुंचे। यहां रियाज ने अपनी 2611 बाइक खड़ी की और मोहसिन की बाइक पर बैठ गया। गौस आशिफ के साथ बैठा। बाद में यहीं चारों लौटे। यहां से रियाज और गौस 2611 बाइक से नई पुलिया-अंबावगढ़-फतहसागर-यूआईटी सर्कल-फतहपुरा होते हुए सापेटिया पहुंचे और हत्याकांड का वीडियो जारी किया। इनका प्लान सापेटिया से भीम, भीम से ब्यावर होते हुए अजमेर पहुंचने का था। बाद में कानपुर जाकर छिपने की बात भी सामने आ रही है।

जांच एजेंसियों को है एक महिला की भी तलाश
इन खुलासों के बाद SIT-NIA कड़ी से कड़ी जोड़ने में जुट गई है। कन्हैयालाल की रैकी करने वाले सात अन्य संदिग्धों से पूछताछ चल रही है, जिनमें 3 चित्तौड़गढ़ के हैं। उदयपुर और राजसमंद के 5 अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। इनमें 24 जून को दुकान पर जाकर कन्हैयालाल को धमकाने वाली महिला भी शामिल है।

कोर्ट में उठाकर ले गए पुलिसवाले
कन्हैयालाल के हत्यारों रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को शनिवार को जब एनआईए कोर्ट में पेश किया गया, तो उनके चेहरे ढके हुए थे, लेकिन उनका शरीर और चाल अंदर का पूरा हाल बयां कर रही थी। दोनों को पुलिसवाले उठाते हुए कोर्ट के अंदर ले गई। दोनों में से एक ने आसमानी रंग की टी-शर्ट और काली पैंट पहनी हुई थी। दो पुलिसवालों ने उसे अपने कंधों पर उठाया हुआ था। इससे पहले भी पिछली सुनवाई में दोनों को लड़खड़ाते हुए कोर्ट में हाजिर होते हुए देखा गया था। आरोपियों को एनआईए की कस्टडी दे दी गई है। 12 जुलाई तक उन्हें NIA की कस्टडी में भेजा गया है।
इस दौरान कोर्ट परिसर में जमकर हंगामा भी देखने को मिला। एक ओर जहां वकील लगातार नारेबाजी करते नजर आए, वहीं दोनों हमलावर गौस मोहम्मद और रियाज की हालत बेहद गंभीर नजर आई। उनके चेहरे ढंके हुए थे, लेकिन चलने की स्थिति नहीं थी। पुलिसकर्मी के सपोर्ट से वो कोर्ट में जाते नज़र आए। ऐसे में सुबह 8 बजे से ही कलेक्ट्रेट सर्किल स्थित अदालत के आसपास चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई थी। कोर्ट के सभी गेटों पर भी पुलिसकर्मी तैनात थे। साथ ही सादा वर्दी में पुलिसकर्मी कोर्ट के आसपास लगातार हालातों का जायजा ले रहे थे।
एनआईए कोर्ट में पेशी से पहले शनिवार सुबह ही केंद्रीय जांच टीम अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद दोनों हमलावरों को अपनी कस्टडी में लेकर जयपुर पहुंची। यहां उन्हें एटीएस दफ्तार ले जाया जाएगा और फिर एनआईए कोर्ट में उनकी पेशी हुई। एनआईए इस केस को अपने हाथ में ले चुकी है और हमलावरों से केस के बारे में पूछताछ करना चाहती है। अब एसआईटी जांच के सभी दस्तावेज एनआईए को सौंपेगी। इस मामले में राजस्थान पुलिस और एटीएस के साथ ही अन्य एजेंसियां भी जांच कर रही थीं। जिससे कि हमलावरों की सोच के मंसूबों तक पहुंचा जा सके। इसके साथ पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके।

…तो कोर्ट तक यूं सुरक्षित पहुंचे कन्हैया हत्याकांड के आरोपी
वहीं, एनआईए के साथ ही जयपुर कमिश्नरेट की टीम ने हालात को देखते हुए मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों को यह जानकारी नहीं दी कि आखिर वे किस गेट से चारों आरोपियों को लेकर जाएंगे। पुलिसकर्मी जिला एवं सेशन न्यायालय, जयपुर जिला के गेट नंबर दो पर तैनात किए गए। जिससे यह लगे कि आरोपियों को उसी गेट से लेकर आया जाएगा। इस कारण सभी अधिवक्ता भी गेट नंबर दो पर ही जमा हो गए। लेकिन, इसी बीच कलेक्ट्रेट सर्किल से पुलिस का काफिला आरोपियों को लेकर गेट नंबर एक से प्रवेश कर गया। साथ ही वकीलों का ध्यान भटकाने के लिए कुछ गाड़ियां गेट नंबर दो से भी अंदर गई। अचानक हुए इस बदलाव की जानकारी मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों को भी पूरी तरह से नहीं दी गई। जब गाड़ियां गेट नंबर एक पर पहुंची तो पुलिसकर्मी दौड़कर वहां तक गए और चंद मिनट में ही आरोपियों को वकीलों से बचाते हुए सुरक्षा को घेरा बनाकर बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर स्थित कोर्ट रूम में ले गए।
इधर, कोर्टरूम के बाहर अधिवक्ताओं की भारी भीड़ मौजूद होने के कारण ईआरटी, क्यूआरटी, एसटीएफ समेत जयपुर पुलिस के कई थानेदार और जाब्ता तीसरी मंजिल पर ही पहुंच गया। ऐसे में फिर पुलिस ने रास्ता बदल लिया और आरोपियों को बचाते हुए तीसरी मंजिल से नीचे तक तो ले आई, लेकिन वहां भारी भीड़ पहले से ही मौजूद थी। जिसके कारण आरोपियों के वकीलों ने थप्पड़ जड़ दिए। हालांकि, पुलिस उन्हें बचाकर ले गई। कोर्ट परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस के अधिकारी और जवान मौजूद रहे। ‘सर तन से जुदा’ का नारा लगाकर कन्हैयालाल को मौत के घाट उतारने वाले आरोपियों के लिए भी कोर्ट परिसर में भी यही नारा लगाया गया। सुरक्षाबलों को भीड़ से बचाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। इससे पहले कोर्ट के बाहर वकीलों ने ‘देश के गद्दारों को, गोली मारों….को’ का नारा लगाया।

बता दें कि कन्हैयालाल हत्याकांड के चारों आरोपियों को आज यानी शनिवार करीब डेढ बजे जयपुर की एनआईए कोर्ट में पेश किया गया था। हत्यारों को 12 जुलाई तक रिमांड पर भेज दिया गया है।

चित्तौड़गढ़ से एक और आरोपी गिरफ्तार
वहीं राजस्थान के कई जिलों में शनिवार को पांचवें दिन भी इंटरनेट बंद रहा। हिंसा को रोकने के लिए धारा 144 भी एक महीने के लिए लगा दी गई है। इस बीच खबर है कि चित्तौड़गढ़ से कन्हैयालाल की हत्या के मामले में एक और शख्स को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही 3 को डीटेन किया गया। उदयपुर हत्याकांड में एटीएस और एसओजी ने अब तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जहां दो आरोपियों को हत्या वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया, वहीं दो अन्य को गुरुवार रात को गिरफ्तार किया गया।

हमलावरों की बाइक का 2611 कनेक्शन
उदयपुर मामले में जिले एसपी-आईजी के बाद गहलोत सरकार ने शुक्रवार शाम को एडिशनल एसपी अशोक कुमार मीणा को निलंबित कर दिया। इससे पहले एसएचओ और एसआई को भी सस्पेंड किया गया था।
इससे पहले शुक्रवार को घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया था, जिसमें आरोपी गौस मोहम्मद और रियाज बाइक पर भागते नजर आ रहे थे। इस बाइक का रजिस्ट्रेशन नंबर 2611 है, जिसे मुंबई में हुए आतंकी हमले से जोड़ा जा रहा है। फुटेज में साफ दिख रहा है कि हत्या के बाद बाजार में हड़कंप मच गया था। सभी दुकानें धड़ाधड़ बंद कर दी गईं थी। हत्या के बाद दोनों बाइक लेकर देवगढ़ की ओर एक गैराज में गए। दोनों का वहीं रुकने का प्लान था, लेकिन गैराज वाले ने मना कर दिया। इसके बाद दोनों बाइक लेकर गांवों के रास्ते से राजसमंद के भीम की ओर भागे। उनका अजमेर भागने का प्लान था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया। बाइक भी पुलिस की कस्टडी में है।

हैरानी की बात यह है कि साल 2013 से उदयपुर में चल रही आतंकी संदिग्ध गतिविधियों की चेन राजसमंद, चित्तौड़गढ़, निम्बाहेड़ा, ब्यावर, अजमेर, कानपुर (यूपी) से लेकर विदेशों तक फैल गई, लेकिन देश और प्रदेश की इंटेलिजेंस को इसकी भनक तक नहीं लगी!