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उद्धव सरकार के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे की बीवी ने खोली…पति की पोल, गिनवाई बेहिसाब सम्पति!

बोली- परली (बीड), नरीमन पॉइंट, सांताक्रूज में फ्लैट, पुणे में बंगला, फार्महाउस..

मुंबई: कहते हैं कि पत्नी यदि साथ हो तो पति की फूटी किस्मत पलट सकती है और खिलाफ हो जाये तो ख़ाक में भी मिला सकती है। फ़िलहाल ऐसा ही नज़ारा महाराष्ट्र की सियासत में भी दिखाई पड़ रहा है। ताज़ा मामला महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे और उनकी पत्नी करुणा से जुड़ा हुआ है। मुंडे की दूसरी पत्नी करुणा ने अब उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने मुंडे द्वारा बनाई गयी बेहिसाब दौलत का ब्यौरा फेसबुक पर एक वीडियो जारी कर दिया है।
करुणा ने कहा है कि विधायक रहते ही उनके पति धनंजय मुंडे ने परली (बीड) में तीन बंगले एक फार्म हाउस, पुणे में दो बड़े बंगले और मुंबई में दो बड़े फ्लैट बनाए हैं। जिसमें से एक नरिमन पॉइंट और दूसरा सांताक्रुज में है। इसके अलावा हमें एक सरकारी बंगला भी मिला हुआ है। मंत्री बनने से पहले विधायक रहते ही मेरे पति ने अपने लिए बहुत सारी संपत्तियां बना ली थीं।

विधायकों के हॉस्टल का विरोध
करुणा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने मांग की है कि विधायकों के हॉस्टल के लिए 900 करोड़ रूपये खर्च ना किये जाएं बल्कि इस पैसे का जनता के लिए इस्तेमाल होना चाहिए।
दरअसल, उद्धव सरकार ने मुंबई में मनोरा नाम के एमएलए हॉस्टल को फिर से बनाने के लिए 900 करोड़ रूपये का बजट पास किया है। इसी बात पर करुणा ने अपने मंत्री पति की दौलत की जानकारी सीएम और देश को दी है।

मुंडे की दूसरी पत्नी का आरोप
बता दें कि करुणा, धनंजय मुंडे की दूसरी पत्नी हैं और दोनों के बीच विवाद चल रहा है। करुणा ने हाल ही में धनंजय और अपने प्रेम संबंधों को लेकर एक किताब लिखने की घोषणा की है। करुणा से पहले उसकी बहन ने भी मुंडे पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। मामला पुलिस स्टेशन तक पहुंचा, लेकिन उन्होंने आरोप वापस ले लिया था। उस वक्त धनंजय मुंडे ने स्वीकर किया था कि करुणा के साथ उनके सहमति से संबंध हैं और दोनों के दो बच्चे भी हैं, जिन्हें मुंडे ने अपना नाम दिया है।

जनता के लिए खर्च हो सरकारी पैसा
खुद को समाजसेविका बताते हुए करुणा कहती हैं कि वे मुंबई के कई इलाकों में जाती हैं। मलाड में धारावली गांव में पीने के लिए पानी तक नहीं है, वहां के लोग नाव से पानी लेने जाते हैं। वहां शौचालय की भी सुविधा नहीं है। ऐसे हालात तो मुंबई के है और सरकार है कि अपने विधायकों को मुंबई में रहने के लिए 900 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। भला इसकी क्या जरूरत है? बेहतर होगा कि इस पैसे का उपयोग वह पुलिस वालों के जर्जर हो चुके घरों की मरम्मत पर खर्च करे।