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कोविशील्ड टीके की दोनों खुराक के बीच अंतर में कमी करने की मांग पर सरकार ने कहा- हड़बड़ी में अभी बदलाव की जरूरत नहीं

नयी दिली: देश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार कम हो रही है। भारत में लगातार 5वें दिन कोविड-19 के एक लाख से कम नए मामले सामने आए हैं, जबकि मौतों की संख्या अभी भी ज्यादा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर यानी रिकवरी रेट 95.07 प्रतिशत हो गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में बीते 24 घंटे में 84 हजार नए कोरोना केस सामने आए हैं, जो करीब 70 दिन में अब तक एक दिन में आने वाले सबसे कम नए केस हैं। जबकि मौतों का सिलसिला अभी थमा नहीं हैं। बीते एक दिन में 4 हजार से अधिक कोरोना मरीजों ने दम तोड़ा है। देश में फिलहाल कोरोना के 11 लाख से कम एक्टिव केस हैं।

इसी बीच सरकार ने शुक्रवार को कहा कि कोविशील्ड टीके की दोनों खुराक के बीच के अंतराल में तुरंत बदलाव के मामले में हड़बड़ी की जरूरत नहीं है और समयावधि बढ़ाने के लिए भारत के लिहाज से साइंटिफिक स्टडी की जरूरत होगी।
कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतर को थोड़ा कम करने की वकालत करने वाले कुछ स्टडी की खबरों के संदर्भ में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने कहा कि इस तरह की चिंताओं पर संतुलित रुख की जरूरत है।
कोविड-19 पर पत्रकार परिषद् को संबोधित कर रहे पॉल ने कहा, खुराकों के बीच अंतराल तत्काल बदलने की जरूरत की बात करने में हड़बड़ी की आवश्यकता नहीं है। इस तरह के फैसले बहुत सावधानी से लिये जाने चाहिए। हमें याद रखना चाहिए कि जब हमने अंतराल बढ़ाया तो हमें उन लोगों को वायरस से होने वाले जोखिम पर विचार करना पड़ा जिन्होंने केवल एक खुराक ली थी। लेकिन उसका भी जवाब था कि कई और लोगों को पहली खुराक मिल जाएगी और इस तरह अधिक लोगों की एक सीमा तक प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा जाएगी। उन्होंने कहा कि टीकाकरण पर तकनीकी परामर्श देने वाले समूह में ऐसे लोग भी हैं जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की एवं अन्य समितियों में रहे हैं और जिनकी प्रतिष्ठा वैश्विक स्तर पर है। इसलिए कृपया उनके फैसलों का सम्मान करें।