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गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ…नारों के साथ हो रही बप्पा की विदाई

मुंबईः मुंबई में गणेशोत्सव के अंतिम दिन रविवार दोपहर तक शहर में अलग-अलग जगहों पर गणपति और गौरी की 2,185 प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया. बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के एक अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 के कारण इस बार लगातार दूसरे साल बेहद कड़ी पाबंदियों के साथ गणेश उत्सव मनाया गया. उन्होंने बताया कि विसर्जन के दौरान अभी तक कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. सामान्य वर्षों में गणेश उत्सव के दौरान मुंबई में गणपति पंडालों में व सड़कों पर भारी भीड़, दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें नज़र आती थीं, लेकिन पिछले दो वर्षों से उत्सव कुछ फीका सा है. इस साल गणेश उत्सव 10 सितंबर से शुरू हुआ था.
बीएमसी अधिकारी ने बताया कि नगर निकाय ने गणपति विसर्जन के लिए शहर में 173 जगहों पर कृत्रिम झील बनाए हैं, इसके अलावा प्रतिमाएं एकत्र करने के लिए केन्द्र, सचल विसर्जन स्थल भी बनाए गए हैं. ये सारी व्यवस्थाएं कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए की गयी हैं.
उन्होंने बताया कि बीएमसी के अधिकार क्षेत्र में 73 प्राकृतिक जल स्रोतों में गणपति विसर्जन की पूरी व्यवस्था की गयी है. रविवार अपराह्न तीन बजे तक 85 सार्वजनिक मंडलों की प्रतिमाओं, 2,069 निजी रूप से स्थापित प्रतिमाओं और देवी गौरी की 31 प्रतिमाओं का विभिन्न स्थानों पर विसर्जन किया गया. इन प्रतिमाओं में से 29 सार्वजनिक पंडालों, 857 निजी रूप से स्थापित प्रतिमाओं और देवी गौरी की 10 प्रतिमाओं का विसर्जन कृत्रिम झीलों में किया गया. उन्होंने बताया कि बीएमसी ने विसर्जन को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक जल स्रोत वाले विसर्जन स्थलों पर 715 लाइफ गार्ड तैनात किए थे.
स्थानीय निकाय ने 338 निर्मल कलश (जिनमें फूल आदि अन्य पूजन सामग्री एकत्र की जाती है), 182 निर्मल वाहन, 185 नियंत्रण कक्ष, 144 प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों और 39 एम्बुलेंस की व्यवस्था की थी.

मुंबई के प्रसिद्ध लालबाग के राजा का आखिरी दर्शन
हर साल जिस रास्ते से होकर लालबाग के राजा विसर्जन के लिए जाते हैं, इस बार भी उन्हीं रास्तों से होकर ‘लालबाग के राजा’ को विसर्जन के लिए ले जाया जा रहा है. लेकिन कोरोना की वजह से जारी की गई नियमावली को देखते हुए विसर्जन में वो जन-सैलाब नहीं दिखाई दिया, जो मुंबई में गणेश विसर्जन के वक्त सालों से दिखाई देता रहा है. इस साल गणपति बप्पा के साथ हर सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल के सिर्फ 10 कार्यकर्ताओं को विसर्जन के लिए जाने की अनुमति है.

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