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जानें- आज राखी बांधने का शुभ मुहूर्त…कल नहीं बंधेगी राखी

आज भाई-बहन के प्यार का प्रतीक ‘रक्षाबंधन’ का त्योहार है। जिसे पूरे भारत समेत अन्य देशों में भी मनाया जाता है। रक्षाबंधन पर बहन…भाई की कलाई पर राखी बांधकर तिलक लगाती है और मिठाई खिलाकर इस पवित्र रिश्ते में जीवन भर मिठास बना रहे इसी के साथ उसके सुखी जीवन की मंगल कामना करती है। परन्तु इस बार रक्षाबंधन की तिथि और नक्षत्र को लेकर असमंजस बना हुआ है, क्योंकि सावन की पूर्णिमा दो दिन यानी 11 और 12 अगस्त को है। जिसे लेकर देशभर के ज्योतिषियों का कहना है कि भद्रा खत्म होने के बाद पूर्णिमा और श्रवण नक्षत्र का योग, गुरुवार को ही बन रहा है। इसलिए 11 अगस्त की रात में ही राखी बांधना चाहिए। 12 अगस्त को पूर्णिमा तिथि 7.06 बजे तक ही रहेगी। कहीं-कहीं पंचांग भेद के कारण 8 बजे तक पूर्णिमा मानी जाएगी, इस कारण शुक्रवार को पूर्णिमा अधिकतम 2 घंटे ही रहेगी।
भद्रा नक्षत्र की वजह से राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 11 अगस्त की रात में 8.25 से 9.45 तक रहेगा। काशी विद्वत परिषद, बनारस, उज्जैन, हरिद्वार, पुरी और तिरुपति के विद्वानों का कहना है कि जब तक भद्रा काल पूरी तरह खत्म न हो जाए तब तक बहनों को भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधनी चाहिए। इसलिए आज रात 8.25 पर भद्रा के खत्म होने के बाद राखी बांधनी चाहिए।

कैसे तैयार करें रक्षाबंधन पर आरती की थाली?
रक्षाबंधन पर आरती की थाली का विशेष महत्व होता है। रक्षाबंधन पर थाली में चंदन जरूर रखना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंदन को बेहद पवित्र माना गया है। चंदन के साथ ही थाली में रोली, अक्षत्/चावल, दही आदि भी रखें। रोली अक्षत् के तिलक से नकारात्मक शक्तियों का अंत होता है।
राखी के शुभ अवसर पर थाली में दीपक जरूर जलाएं। इससे भाई-बहन का प्रेम पवित्र बना रहता है। इसके अलावा मुंह मीठा कराने के लिए थाली में मिठाई का होना भी जरूरी है, ताकि भाई-बहन के रिश्तों में जीवनभर मिठास बनी रहे।