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जापान में पीएम मोदी बोले- मुझे पत्‍थर पर लकीर खींचना पसंद! भारत अगले 25 साल की योजना पर कर रहा काम

टोक्‍यो: क्‍वाड शिखर सम्‍मेलन में शामिल होने जापान के टोक्‍यो पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अप्रवासी भारतीयों में आज जबरदस्त देशप्रेम देखने को मिला। टोक्यो पहुंचे भारत के पीएम का भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री के ठहरने के लिए नियत होटल न्यू ओटनी में पहुंचकर हर उम्र के भारतीयों ने पीएम मोदी का स्वागत किया।
इस दौरान मोदी-मोदी…भारत माता की जय…वंदे मातरम्‌…के नारों से होटल परिसर गूंज उठा। इसके बाद दिए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे हो गए हैं। भारत अगले 25 साल की योजना पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, भारत की Democratic Process से आज समाज के वैसे लोग भी जुड़ रहे हैं, जो पहले कभी इसका हिस्सा बन ही नहीं पाते थे। पीएम ने कहा, मुझे जो संस्कार मिले हैं, जिन-जिन लोगों ने मुझे गढ़ा है उसके कारण मेरी एक आदत बन गई है। मुझे मक्खन पर लकीर खींचने में मजा नहीं आता है, मुझे पत्थर पर लकीर खींचने में मजा आता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, जापान से प्रभावित स्वामी विवेकानंद ने भारतीय युवाओं से कहा था कि वे कम से कम एक बार जापान की यात्रा जरूर करें।
पीएम मोदी ने कहा, वह यही बात जापान के युवाओं से कहते हैं कि वे जीवन में कम से कम एक बार भारत जरूर आएं, इससे आपसी सद्भाव बढ़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, वह जब भी जापान आते हैं, तब उन्हें गहरे प्यार की अनुभूति होती है। जापान में ऐसे बहुत से भारतीय हैं जो दशकों से यहां पर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसे समय में जब नई दिल्ली और टोक्यो राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, गहरे संबंधों ने दोनों देशों के बीच एक आधुनिक साझेदारी के लिए एक मजबूत नींव रखने में मदद की है।

जापानी बच्चे से सुनी धाराप्रवाह हिंदी
होटल में एक बच्चे से धाराप्रवाह हिंदी सुनकर प्रधानमंत्री मोदी बहुत प्रभावित हुए। रित्सुकी कोबायासी नामक बच्चे से उन्होंने पूछा कि उसने हिंदी कहां से सीखी? रित्सुकी ने उत्सुकता से कहा कि वह (पीएम मोदी) उनका संदेश पढ़ते हैं, इससे वह बहुत खुश है। उनका हस्ताक्षर पाकर भी वह बहुत खुश है।