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जितिन प्रसाद ने छोड़ा कांग्रेस का हाथ, भाजपा में हुए शामिल, बोले- देशहित में काम करने वाली पार्टी है बीजेपी

नयी दिल्ली: भाजपा ने कांग्रेस को एक और जोर का झटका दिया है। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के कद्दावर नेता और राहुल गांधी के बेहद करीबी जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए। दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। जितेंद्र प्रसाद को पीयूष गोयल अपने साथ भाजपा कार्यालय लेकर पहुंचे थे। इससे पहले जितिन प्रसाद ने गृहमंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात भी की। पार्टी की सदस्यता लेने के बाद जितिन प्रसाद ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि अब केवल बीजेपी ही देशहित में काम करने वाली पार्टी है। बाकी दल व्यक्ति विशेष और क्षेत्र के हो गए हैं। राष्ट्रीय दल के नाम पर देश में अगर कोई पार्टी है तो वह सिर्फ बीजेपी है।
भाजपा में शामिल होने के बाद जितिन प्रसाद ने पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया। जितिन प्रसाद ने कहा कि देशहित में कोई दल है तो बीजेपी है। यह पार्टी विचारधारा पर चलती है जबकि बाकी पार्टी व्यक्ति विशेष के नाम पर चलते हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद आज भाजपा में शामिल हो गए। सोशल मीडिया पर कांग्रेसी नेता के नाम को लेकर पहले ही चर्चा तेज हो गई थी। जितिन प्रसाद बड़े ब्राह्मण नेता माने जाते हैं और माना जा रहा है कि 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए यह बड़ा दांव होगा।

नेतृत्व परिवर्तन की मांग करने वाले नेताओं में शामिल थे जितिन
पिछले साल कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर नेतृत्व परिवर्तन की मांग की थी। इन नेताओं में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, जितिन प्रसाद जैसे कद्दावर नेता शामिल थे।

कौन हैं जितिन प्रसाद?
जितिन प्रसाद कांग्रेस के नेता जितेंद्र प्रसाद के बेटे हैं। जितेंद्र प्रसाद राजीव गांधी और पीपी नरसिम्हा राव के राजनीतिक सलाहकार रह चुके हैं। 2000 में जितेंद्र प्रसाद सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि, वे हार गए थे। जितेंद्र प्रसाद का निधन 2001 में हो गया था।
पिता के निधन के बाद जितिन प्रसाद 2001 में कांग्रेस यूथ से जुड़े। 2004 में वे शाहजहांपुर से पहली बार लोकसभा पहुंचे थे। वे यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री बने थे। वे 2009 से धौरहरा सीट से चुनाव जीते। वे पेट्रोलियम और सड़क परिवहन मंत्रालय में बतौर राज्यमंत्री बनाए गए थे। हालांकि, 2014 में वे चुनाव हार गए। इसके बाद जितिन प्रसाद कांग्रेस में राजनीतिक हासिए पर आ गए।

सिंधिया पहले ही हो चुके भाजपा में शामिल
जितिन प्रसाद राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। लेकिन इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा का दामन थाम लिया था। इसके बाद भाजपा मध्यप्रदेश में सरकार बनाने में सफल हो पाई थी। वहीं, राजस्थान में सचिन पायलट भी लगातार कांग्रेस से नाराज बताए जा रहे हैं।

मेरा कांग्रेस से तीन पीढ़ियों का नाता है
यह मेरे राजनीतिक जीवन का नया अध्याय शुरू हो रहा है। मेरा कांग्रेस से तीन पीढ़ियों का नाता है। ये अहम निर्णय विचार और मंथन के बाद लिया है। सवाल ये नहीं है कि मैं किस दल को छोड़कर आ रहा हूं। सवाल ये है कि किस दल में जा रहा हूं और क्यों जा रहा हूं? कुछ सालों से महूसस किया है कि आज देश में असली मायने में कोई राजनीतिक दल है तो भाजपा है। राष्ट्रीय दल तो भाजपा है।

यूपी के बड़े नेताओं में शुमार हैं जितिन प्रसाद
कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद का नाम उत्तर प्रदेश के बड़े नेताओं में शुमार है। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भी कयास लगाए जा रहे थे कि जितिन कांग्रेस को छोड़कर भाजपा का दामन थाम सकते हैं, लेकिन तब ऐसा नहीं हो पाया था। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि यूपी में प्रियंका गांधी के आने के बाद से जितिन प्रसाद को साइड लाइन कर दिया गया। पार्टी के कार्यक्रमों में भी उनको कम तवज्जो मिलती थी। हालांकि, जितिन ने कभी खुलकर इसको जाहिर नहीं किया।
बता दें कि राष्ट्रीय प्रवक्ता और भाजपा के सांसद अनिल बलूनी ने बुधवार सुबह एक ट्वीट कर जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने की ओर एक संकेत भी दिया था।