Uncategorisedदिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरव्यवसायशहर और राज्य

ड्रग्‍स के निजी इस्‍तेमाल पर मोदी सरकार जल्‍द कर सकती है NDPS एक्ट में अहम बदलाव

नयी दिल्‍ली: केंद्र सरकार कम मात्रा में ड्रग्‍स, नारकोटिक्‍स या अन्‍य नशीले पदार्थों के निजी सेवन को अपराध के दायरे से बाहर करने पर विचार कर रही है। सूत्रों की माने तो मंत्रालयों के बीच इस बात को लेकर आम सहमति बन चुकी है। सभी चाहते हैं कि नारकोटिक्‍स, ड्रग्‍स एंड साइकोट्रोपिक सबस्‍टेंसेज ऐक्‍ट, 1985 (NDPSA) की धारा 27 में संशोधन किया जाए, खासतौर से पहली बार अपराध के लिए। ड्रग्‍स यूजर्स की संख्‍या कम करने के लिए 30 दिन के रीहैबिलिटेशन और डी-एडिक्‍शन प्रोग्राम को लॉन्‍च किया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, इसी सप्ताह हुई बैठक में विभिन्‍न विभागों के प्रतिनिधियों ने कानून में बदलाव की जरूरतों पर चर्चा की। आने वाले कुछ दिन में इन सुझावों को औपचारिक रूप दिया जा सकता है। यह महसूस किया गया कि निजी इस्‍तेमाल करते पाए जाने पर यूजर्स का डी-एडिक्‍शन और रीहैबिलिटेशन प्रोग्राम में हिस्‍सा लेना अनिवार्य किया जाए।

वित्‍त मंत्रालय का राजस्‍व विभाग उन कड़े कानूनों में संशोधन पर विचार कर रहा है जिनके जरिए अवैध ड्रग्‍स व्‍यापार पर काबू और जब्‍ती होती है। इनमें समझौता-रहित जेल की सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है। NDPS एक्ट को गवर्न करने वाले वित्‍त मंत्रालय ने बाकी मंत्रालयों को भी चर्चा में शामिल किया गया है। सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय के अलावा स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय भी ड्रग्‍स की समस्‍या से जूझ रहे हैं।

अभी जेल, जुर्माना या फिर दोनों का है प्रावधान!
सामाजिक न्‍याय मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि थोड़ी मात्रा में ड्रग्‍स के साथ पकड़े गए लोगों और उनके परिवारों संग ‘पीड़‍ित’ की तरह व्‍यवहार हो, न कि अपराधियों की तरह। प्रस्‍तावित संशोधनों में ऐसे लोगों को जेल या जुर्माने की जगह इलाज और रीहैबिलिटेशन अनिवार्य किए जाने का सुझाव भी है। फिलहाल NDPS ऐक्‍ट की धारा 27 के तहत, ड्रग्‍स के सेवन पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना या फिर छह महीने की जेल या फिर दोनों हो सकता है।

क्‍यों बदलाव की है कोशिश?
इन प्रस्‍तावित संशोधनों का मकसद सजा की ढांचे को ‘तार्किक’ बनाना है। ड्रग्‍स ट्रैफिकिंग में शामिल लोगों को कड़ी सजा हो, मगर लती और कम गंभीर अपराध करने वालों को हल्‍की सजा मिले या फिर उन्‍हें रीहैबिलिटेट किया जाए। बैठकों में यह सुझाव भी दिया गया कि बार-बार अपराध में लिप्‍त लोगों के लिए जमानत की प्रक्रिया और कड़ी कर दी जाए। नारकोटिक्‍स फसलों की अवैध खेती को नष्‍ट करने के लिए तकनीक के इस्‍तेमाल का भी सुझाव रखा गया।

आर्यन की सुरक्षा के लिए शाहरुख ने लगाया अपना पर्सनल बॉडीगॉर्ड
गौरतलब है कि मुंबई में मशहूर बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को 2 अक्टूबर को एनसीबी (NCB) ने ड्रग्स केस में अरेस्ट किया था, तब से लेकर अक्टूबर महीने के आखिर तक आर्यन खान मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद थे। जिससे महाराष्ट्र में राजनीतिक भूचाल आ गया था। फिलहाल आर्यन जमानत पर जेल से बाहर हैं। हालांकि, जेल से छूटने के बाद शाहरुख खान अपने बेटे को लेकर कुछ ज्यादा ही प्रोटेक्टिव हो गए हैं। यही वजह है कि शाहरुख ने आर्यन की सिक्योरिटी के लिए अपने पर्सनल बॉडीगार्ड को तैनात कर दिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ड्रग्स केस में फंसने के बाद आर्यन खान और उनकी फैमिली काफी मुश्किल हालात से गुजरी है। ऐसे में शाहरुख अब नहीं चाहते कि बेटे को लेकर किसी भी तरह का रिस्क लें। यही वजह है कि शाहरुख खान ने अपने सबसे भरोसेमंद बॉडीगार्ड रवि सिंह को आर्यन की सिक्योरिटी में तैनात कर दिया है। शाहरुख अपने बॉडीगार्ड्स में सबसे ज्यादा यकीन रवि पर ही करते हैं। शाहरुख चाहते हैं कि रवि मुंबई में आर्यन को सिक्योरिटी दें, ताकि वो बिना किसी टेंशन के अपनी फिल्मों की शूटिंग के लिए जा सकें।

कौन हैं शाहरुख के सबसे भरोसेमंद बॉडीगार्ड रवि
शाहरुख खान की सुरक्षा का जिम्मा रवि सिंह के कंधों पर रहता है। वो पिछले 10 साल से शाहरुख खान को देश से लेकर विदेश तक सुरक्षा देते आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाहरुख को सिक्योरिटी देने के बदले रवि सिंह साल के करीब 2.7 करोड़ रुपए लेते हैं। यानी बतौर फीस उन्हें करीब 22 लाख रुपए महीने मिलते हैं।