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दर्दनाक हादसा: नासिक में ऑक्सीजन टैंकर लीक होने से रुकी सप्लाई, 22 लोगों की मौत! CM ने किया 5 लाख के मुआवजे का ऐलान

नासिक: महाराष्ट्र के नासिक से बेहद दर्दनाक खबर सामने आई है। यहां जाकिर हुसैन अस्पताल में कुछ तकनीकी कारणों से ऑक्सीजन का रिसाव हुआ और इसकी सप्लाई रुकने से वेंटीलेटर बेड पर मौजूद 22 मरीजों ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। वहीं 30 से 35 मरीजों की हालत नाजुक बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन टैंक लीक होने से करीब 30 मिनट के लिए सप्लाई रुकी रही।
नासिक महानगरपालिका के आयुक्त कैलाश जाधव ने घटना और मरीजों की मौतों की पुष्टि की है। हादसे की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं। जानकारी के मुताबिक, नासिक के जाकिर हुसैन अस्पताल में वॉल्व खुला रहने की वजह से ऑक्सीजन लीक हो गई थी। लीकेज बंद करने के लिए अस्पताल में सप्लाई रोक दी गई। उस वक्त अस्पताल में 67 मरीज वेंटिलेटर पर थे। जिन्हें ऑक्सीजन मिलनी बंद हो गई। जब यह घटना घटी, तब अस्पताल में करीब 150 मरीजों का ऑक्सीजन बेड पर अन्य दो दर्जन से अधिक रोगियों का वेंटिलेटर बेड पर इलाज चल रहा था। लोगों की मौत के बाद स्तब्ध परिजनों ने नागरिक अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
एनएमसी नगर आयुक्त कैलाश जाधव ने इस घटना की जांच का आदेश दिया है और सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है। घटना के बाद उपजे आक्रोश और हंगामे को नियंत्रित करने के लिए, नासिक पुलिस ने अस्पताल परिसर के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है।

हालत सुधर रही थी, पर ऑक्सीजन रुकते ही मौत!
इस घटना में एक महिला की भी मौत हुई है। उसके ससुर ने बताया कि 4 दिन पहले अस्पताल लेकर आए थे। हालात में लगातार सुधार हो रहा था। लेकिन ऑक्सीजन सप्लाई रुकते ही तबीयत खराब होने लगी और उसकी मौत हो गई।

नासिक के डिविजनल कमिश्नर राधाकृष्ण गामे ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना सुबह 10 बजे हुई, जब ऑक्सीजन टैंक में खराबी आ गई। अस्पताल प्रशासन ने कुछ मरीजों को शिफ्ट किया, फिर भी ऑक्सीजन प्रेशर कम होने की वजह से 22 मरीजों की मौत हो गई। घटना के बाद मरीजों के रिश्तेदार वार्ड में घुस गए और हंगामा करने लगे। इससे स्थिति को बहाल करने में समय लगा।

इस बीच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने 22 लोगों की मौत के कारणों का खुलासा करते हुए कहा कि वेंटिलेटर पर ऑक्सीजन का दबाव कम होने से 22 लोगों की जान गई। स्वास्थ्य मंत्री ने इसे एक बहुत ही गंभीर घटना बताया। यह नासिक नगर निगम द्वारा संचालित कोविड-19 अस्पताल है जहां 157 रोगियों को भर्ती कराया गया था जिनमें से 67 वेंटिलेटर पर थे। उन्होंने कहा कि मृतकों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 5 लाख रुपए की आर्थिक मदद प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए विशेषज्ञों की राय भी लेगी। स्वास्थ्य मंत्री टोपे अपने कैबिनेट सहयोगी छगन भुजबल, मंत्री राजेंद्र शिंगणे और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ स्थिति का आकलन करने के लिए नासिक पहुंचे हैं।

CM उद्धव ठाकरे ने किया मुआवजे का ऐलान
राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवारीजनों के लिए 5 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की है। साथ ही राज्य सरकार में मंत्री राजेंद्र शिंगणे ने मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

पीएम मोदी ने घटना पर दुख जताया
पीएम मोदी ने अस्पताल में हुई ऑक्सीजन लीक की घटना पर दुख जाहिर किया है। उन्होंने कहा- नासिक के अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक लीक होने की वजह से हुई त्रासदी हृदय विदारक है। इस घटना में हुई जीवन की क्षति पर बेहद आहत हूं। शोक संतप्त परिवारों को इस दुख घड़ी में सांत्वना देता हूं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी घटना पर दुख जताते हुए कहा- नासिक की घटना को लेकर बेहद व्यथित हूं। इस घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारीजनों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मृतकों के परिवार के साथ संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा कि वह नासिक अस्पताल की त्रासदी के बारे में जानकर दंग हैं। उन्होंने पीड़ितों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।

महाविकास अघाडी (एमवीए) की सहयोगी शिवसेना नेता एवं पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने इस हादसे पर दुख जताया और आश्वासन दिया कि इस घटना की जांच की जाएगी।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता और राज्य के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार ने त्रासदी पर शोक व्यक्त किया और उच्च स्तरीय जांच का आश्वासन दिया।

वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सचिन सावंत ने त्रासदी की पूरी जांच करने और दोषी पाए गए सभी लोगों को दंडित करने की मांग की। सावंत ने एक बयान में कहा, अस्पताल एनएमसी द्वारा प्रबंधित है, जो भाजपा के शासन में है। भाजपा को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। भाजपा के मेयर और 3 भाजपा विधायक कहां हैं?

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना के जांच की मांग की है। भाजपा के विपक्ष के नेता (परिषद) प्रवीण दरेकर ने एमवीए सरकार पर हमला बोला है और एनएमसी आयुक्त जाधव के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। उन्होंने इस घटना के लिए उन्हें पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया।

बता दें कि महाराष्ट्र देशभर में कोरोना की सबसे बुरी मार झेल रहा है। यहां हर दिन कोरोना वायरस के 50 हजार से ज्यादा नए संक्रमित मिल रहे हैं तो वहीं सैकड़ों लोगों की जान भी जा रही है।