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दर्दनाक हादसा: महाराष्ट्र के सरकारी अस्पताल में आग लगने से 10 शिशुओं की मौके पर दर्दनाक मौत!

भंडारा: महाराष्ट्र में नागपुर के नजदीक भंडारा जिले में सरकारी अस्पताल से दर्दनाक खबर आई है। इस अस्पताल के शिशु वार्ड में शनिवार देर रात आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई! जिला अस्पताल के सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में देर रात 2 बजे अचानक आग लगने से यह हादसा हुआ।
शनिवार की सुबह जैसे ही लोगों को आग लगने की खबर मिली अस्पताल में भीड़ जुटने लगी। अपने कलेजे के टुकड़े की दर्दनाक मौत से महिलाओं के करुण विलाप से अस्पताल में शोकपूर्ण वातावारण बना हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार, भंडारा के शिशु वार्ड के आईसीयू में शुक्रवार की देर रात तक भी सब कुछ सामान्य था। देर रात जब लोग गहरी नींद के आगोश में थे तभी अस्पताल में आग लग गई और जिन बच्चों का इलाज चल रहा था वह आग की चपेट में आ गए। अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों ने ७ बच्चों को सुरक्षित रूप से बाहर निकाल लिया।
घटना की जानकारी मिलते ही जिला अस्पताल के शल्य चिकित्सक डॉ प्रमोद खंडाते, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रशांत उइके, जिला पुलिस अधीक्षक वसंत जाधव, अपर जिला पुलिस अधीक्षक अनिकेत भारती ने मौके पर पहुंचकर घटना का जायजा लिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तड़के 5 बजे जिलाधिकारी कार्यालय में अधिकारियो की बैठक बुलाई गई। अधिकारी घटना का कारण पता करने में जुटे हैं। शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका है।
सरकारी अस्पताल में हुए इस दर्दनाक हादसे में 10 नवजात शिशुओं की मौत से हर कोई स्तब्ध है। उन मासूम बच्चों के मां-बाप की हालत बदहवास है, मानो उनकी पूरी दुनिया ही उजड़ गई हो। हादसे की जांच के दौरान अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आई है। जांच टीम के अनुसार, अस्पताल के नवजात वार्ड में जिस वक्त यह हादसा हुआ, वहां मासूमों को देखने वाला कोई नहीं था। नौनिहालों ने अभी ठीक से आँखें भी नहीं खोली थी और हमेशा के लिए मौत की नींद सो गए।
अस्पताल के नवजात वार्ड में आग लगने की वजह तलाशने गई जांच टीम और प्रशासन ने पाया कि नवजात वार्ड में काफी देर तक अस्पताल की तरफ से कोई वार्ड बॉय मौजूद नहीं था। जिस वक्त शॉर्ट सर्किट हुआ, उस वक्त भी वहां कोई नहीं था। यानी नवजात शिशुओं को ऐसे ही मरने के लिए छोड़ दिया गया था। देर रात दो बजे जब एक नर्स वार्ड में पहुंची तो वहां आग लग चुकी थी और पूरे कमरे में धुआं ही धुआं था।

3 बच्चों की मौत जलने से हुई, 7 का घुटा दम!
जांच में सामने आया है कि 3 बच्चों की मौत जलने से हुई है जबकि 7 की बच्चों की मौत दम घुटने से हुई। अस्पताल प्रशासन को यह तक नहीं अंदाजा है कि कितने बजे शॉर्ट सर्किट हुआ और कितने बजे आग लगी। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मृतक बच्चों के परिजनों को 5 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की। वहीं उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि बच्चों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए उनके घर भेज दिया गया है।राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने घटना की जाँच के आदेश दे दिए हैं।

सभी अस्पतालों के ऑडिट के आदेश
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सभी अस्पताल के तत्काल ऑडिट के निर्देश दिए हैं। पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा, हम मामले की विस्तृत जांच की मांग करते हैं और जो भी जिम्मेदार हों उसके खिलाफ हत्या की धारा लगाई जाए। हम इन सभी परिवारों के इस दुख में सहभागी है। घटना की तुरंत जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अगर महाराष्ट्र में ऐसे अन्य अस्पताल हैं तो उनका फायर सेफ्टी ऑडिट होना चाहिए। सरकार को परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद देनी चाहिए।

अधिकारी ने बताया कि कैसे हुआ हादसा?
भंडारा जिला अस्पताल के मेडिकल अधिकारी डॉ. प्रमोद खंडाते ने बताया कि देर रात करीब 2 बजे के आसपास यह हादसा हुआ है। अस्पताल के आउट बोर्न यूनिट में धुआं निकल रहा था। जब अस्पताल की नर्स ने दरवाजा खोला तो देखा आउट बॉर्न यूनिट में सब जगह धुआं ही धुआं था। अधिकारी के अनुसार, नर्स ने तुरंत अस्पताल के अधिकारियों को बुलाया। आपातकाल विभाग और दमकल विभाग मौके पर पहुंचकर बच्चों को बचाने की कोशिश की। हालांकि, इस हादसे में इंटेंसिव केयर यूनिट में रखे 10 नवजात शिशुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 7 नवजात शिशुओं को बचा लिया गया है।

राष्ट्रपति, रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ने जताया शोक
महाराष्ट्र के भंडारा में हुए अग्नि हादसे में शिशुओं की असामयिक मृत्यु से मुझे गहरा दु:ख हुआ है। इस ह्रदय विदारक घटना में अपनी संतानों को खोने वाले परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

महाराष्ट्र के भंडारा में दिल दहला देने वाली त्रासदी है, जहां हमने कीमती युवा जीवन को खो दिया। मेरे विचार सभी शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मुझे उम्मीद है कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएंगे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

महाराष्ट्र के भंडारा ज़िला अस्पताल में लगी आग दुर्घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्‍त परिवारों के साथ हैं। भगवान उन्हें इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति दे: गृहमंत्री अमित शाह

‘बस एक बार…मेरे लाल को सीने से लगा तो लेने दो साहेब
‘मुझे एक बार अपने बच्चे को देख तो लेने दो, बस एक बार मुझे उसको सीने से लगा तो लेने दो’ यह पुकार है। सरकारी अस्पताल में भर्ती एक नवजात शिशु के मां की। इस मां को यह भी नहीं पता है कि उसका बच्चा जिंदा है भी या नहीं!
दिल दहला देने वाली इस घटना में एक बच्चा 5 दिन का है तो एक 15 दिन का। इन नवजात बच्चों को (SNCU) में भर्ती किया गया है। ऐसे में मां अपने बच्चे को सिर्फ दूध पिलाने के लिए ही दिन में एक या दो बार जा पाती है और इसी दौरान मां अपने बच्चे को जी भर कर देख भी लेती है। लेकिन शनिवार की मध्यरात्रि हुई इस दुर्घटना में 10 बच्चों की जान चली गई है। आग लगने के बाद परिजनों को कुछ भी समझ में नहीं आया और अचानक ही उनकी दुनिया उजाड़ गई। इस दौरान मां-बाप अपने बच्चों को देख भी नहीं पाए कि आखिर उनका बच्चा ठीक है या नहीं। दुर्घटना के बाद सुबह परिजनों ने अपने बच्चों को देखने के लिए अस्पताल प्रशासन से लगातार यह मांग करते हुए देखा गया कि एक बार उन्हें अपने बच्चों को देखने दिया जाए ताकि उन्हें तसल्ली मिल सके!

मृतक नवजात शिशु के नाम

  1. हिरण्या हिरालाल भांडारकर
  2. योगिता विवेक गोडसे
  3. सुषमा भंडारी
  4. प्रियंका बसेशंकर
  5. गीता विश्वनाथ बेहरे
  6. कविता बळीलाल कुंभरे
  7. दुर्गा विशाल राहंगडाले
  8. वंदना मोहन सिडांम
  9. सुरक्षिणी धर्मपाल आगरे
  10. एक अनोळखी शिशु

यह हृदय-विदारक और स्तब्ध कर देने वाली घटना है। उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया गया है एवं दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और राज्य में अस्पतालों की आग संबंधी ऑडिट (जांच) का आदेश दिया गया है। मुख्यमंत्री- उद्धव ठाकरे