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दही हांडी को शिंदे सरकार जल्द देगी ‘एडवेंचर स्पोर्ट’ का दर्जा: सांसद श्रीकांत शिंदे की मांग- राज्य सरकार निकाले गोविंदाओं का बीमा

ठाणे,(राजेश जायसवाल): महाराष्ट्र में दही हांडी को जल्द ही एडवेंचर स्पोर्ट (Adventure Sport) का दर्जा मिलेगा। उक्त जानकारी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे ने दी है। उन्होंने कहा कि हमने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मांग की है कि दही हांडी उत्सव को साहसिक खेल का दर्जा दिया जाए और खेल का प्रो कबड्डी की तर्ज पर प्रतियोगिता हो और राज्य सरकार हर गोविंदा का बीमा करें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को प्रस्ताव दिया गया है कि अगर नौवीं कक्षा से इस खेल को स्कूलों में खेल के रूप में शामिल किया जाता है, तो अच्छे गोविंदा पैदा होंगे।
कल्याण लोकसभा सीट से सांसद डॉ श्रीकांत शिंदे ने ठाणे में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दही हांडी एक पारंपरिक त्यौहार के साथ ही एक साहसिक खेल भी है। इसलिए इस फेस्टिवल को ‘एडवेंचर स्पोर्ट’ बनाने की कोशिश की जा रही है। सांसद ने कहा कि उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से चर्चा की है और वह जल्द ही कोई फैसला लेंगे और इसे मंजूरी भी दी जाएगी। यह खेल साल में सिर्फ एक बार खेला जाता है और उस दौरान सिर्फ अभ्यास किया जाता है। इस खेल के नियमित अभ्यास की कमी के कारण गोविंदा फिट नहीं हैं और उन्हें स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सांसद शिंदे ने यह भी कहा कि यदि खेल को खेलों में शामिल किया जाता है और प्रतियोगिता प्रो कबड्डी की तर्ज पर होती है, तो खिलाड़ी पूरे साल अभ्यास करेंगे और उन्हें किसी भी स्वास्थ्य समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

राज्य सरकार निकाले गोविंदाओं का बीमा
सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि दही हांडी उत्सव के दौरान कुछ टीमें अपना बीमा खुद निकालती हैं। कुछ टीमों को बीमा नहीं मिल पाता है। इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री शिंदे से अनुरोध किया है कि राज्य सरकार उनका 10 लाख का बीमा कराए। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि मुख्यमंत्री जल्द ही इस मांग को भी मान लेंगे।

मुंबई और ठाणे के गोविंदाओं के लिए ढाई लाख का इनाम
शिंदे गुट शिवसेना के जिला प्रमुख और पूर्व महापौर नरेश म्हस्के ने कहा कि आनंद दिघे ने टेंभीनाका पर दही हांडी उत्सव की शुरुआत की थी। इस दही हांडी को ठाणे की ‘मन की हांडी’ के नाम से जाना जाता है। उनकी मृत्यु के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस परंपरा को जारी रखा और इस त्योहार के लिए एक अलग पहचान बनाई। इस साल भी यह समारोह बड़े उत्साह के साथ आयोजित किया जाएगा। इस दही हांडी उत्सव में मुंबई में गोविंदा की टीम और ठाणे में गोविंदा की प्रत्येक की टीम को दो लाख 51 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। जबकि महिला गोविंदा टीम के लिए एक लाख रुपए और एक इनाम रखा गया है। सात थर लगाने वाली गोविंदा टीमों के लिए 12,000 रुपए, छह थर के लिए 8,000 रुपए, पांच थर के लिए 6,000 रुपए और चार थर लगाने वाली गोविंदा टीमों के लिए 5,000 रुपए का पुरस्कार निर्धारित किया गया है। म्हस्के ने बताया कि दही हांडी को फोड़ने वाले गोविंदाओं की सुरक्षा के लिए रैपलिंग रस्सियों का इस्तेमाल किया जाएगा।

19 अगस्त को मनाया जाएगा दही हंडी का उत्सव
महाराष्ट्र में दही हंडी का उत्सव इस साल 19 अगस्त को मनाया जाएगा। वैसे तो यह पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र और गुजरात में यह पर्व सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। दही हांडी के पर्व में मिट्टी से बनी हांडी में दही और मक्खन भरकर रस्सी के सहारे से कई फिट ऊंची बांधी जाती है और फिर इसे फोड़नी होती है। इस दिन सुबह से ही गोविंदाओं की टोली पिरामिड बनाकर मटकी को फोड़ते हैं। दही हांडी के दिन जगह-जगह कई सार्वजानिक मंडलों द्वारा प्रतियोगिताएं भी होती हैं। इस प्रतियोगिता में गोविंदा भाग लेकर हांडी को तोड़ते हैं। इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में मुंबईकर सड़कों पर उतरते हैं।