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देशव्यापी लॉकडाउन: दिल्ली से बिहार के लिए पैदल निकला था, बनारस में टूटी सांस!

वाराणसी: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा देशव्यापी लॉकडाउन के साइट इफेक्ट भी सामने आने लगे हैं।
लॉकडाउन के चलते दिल्ली में रोजी-रोटी का आसरा न रहा तो रामजी महतो (45) पैदल ही घर के लिए निकल पड़े। लेकिन दुर्भाग्य ने उनका पीछा नहीं छोड़ा और पैदल चलते-चलते मोहनसराय में वह काल के गाल में समा गए। रोहनिया थाने की पुलिस ने रामजी के मौत की सूचना दी तो उनके परिजनों में से कोई भी बनारस आने को तैयार नहीं हुआ। पुलिस ने तय किया है कि पोस्टमार्टम के बाद भी परिजन नहीं आएंगे तो वह अंतिम संस्कार कराएंगे।
मिली जानकारी के अनुसार, बृहस्पतिवार को रोहनिया थाना अंतर्गत मोहनसराय स्थित ओवरब्रिज के पास सड़क किनारे एक व्यक्ति अचेत पड़ा था। राहगीरों की सूचना पर पुलिस पहुंची और उसे दीनदयाल अस्पताल ले गई। अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने व्यक्ति की जेब टटोली तो एक मोबाइल नंबर मिला। इस नंबर पर संपर्क करने पर पता लगा कि युवक का नाम रामजी महतो है।
अविवाहित रामजी बिहार के बेगूसराय का रहने वाला था और सात-आठ सालों से दिल्ली में वाहन चालक के तौर पर काम करता था। मोहनसराय चौकी इंचार्ज गौरव पांडेय ने बताया कि रामजी के परिजनों को सूचना दी गई, लेकिन कोई बनारस आने को तैयार नहीं हुआ। परिजनों ने बनारस आने के लिए पैसे की दिक्कत बताई। उन्हें कहा गया कि पूरी मदद की जाएगी, लेकिन तब भी कोई आने के लिए तैयार नहीं हुआ। इसके बाद परिजन स्वास्थ्य संबंधी समस्या बताने लगे। पोस्टमार्टम के बाद एक बार फिर परिजनों से बात की जाएगी। इसके बाद भी वह नहीं आएंगे तो रामजी के शव की अंत्येष्टि पुलिस कराएगी।