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नव संकल्प शिविर: सोनिया ने केंद्र सरकार पर जमकर साधा निशाना, बोलीं-न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन का मतलब, निरंतर ध्रुवीकरण करना और डर का माहौल बनाना है…

'नव संकल्प चिंतन शिविर' में सोनिया सहित मंथन करते पार्टी के वरिष्ठ नेता और पदाधिकारीगण
उदयपुर: कांग्रेस के ‘नव संकल्प’ चिंतन शिविर में सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. सोनिया ने शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा और आरएसएस की नीतियों के कारण आज देश चुनौतियों को झेल रहा है, आज जिस पर विचार करने की जरूरत है. सोनिया ने कहा, मोदी सरकार आज देश में ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है और अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही हैं. देश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है जो गलत है वे भी हमारे देश के नागरिक हैं.

सोनिया गांधी ने कहा कि चिंतिन शिविर हमें यह अवसर देता है कि हम देश के सामने खड़ी उन चुनौतियों पर चर्चा करें जो भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) द्वारा पैदा की गई हैं. उन्होंने कहा कि इस शिविर में राष्ट्रीय मुद्दों और संगठन पर बोल्ड चिंतन होगा.
कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री और उनके साथियों की ओर से न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन की जो बात की जाती है उसका क्या मतलब है? इसका मतलब निरंतर ध्रुवीकरण करना और डर का माहौल बनाना है. उन्होंने यह आरोप लगाया कि इस सरकार के न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन का मतलब अल्पसंख्यकों को डराना है, जबकि अल्पसंख्यक देश के बराबर के नागरिक हैं. इस सरकार के न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन का मतलब राजनीतिक विरोधियों को डराना धमकाना, उन्हें बदनाम करना और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर उन्हें जेल में डालना है. सोनिया ने कहा कि आज केंद्र सरकार राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश की जा रही है, जिसमें पंडित नेहरू के योगदान और देश के लिए त्याग को योजनाबद्ध तरीके से कम करके दिखाने का प्रयास किया जा रहा है. आज भाजपा और आरएसएस के लोग महात्मा गांधी के हत्यारे का महिमामंडन कर रहे हैं और गांधी के सिद्धांतों को मिटा रहे हैं.
सोनिया गांधी के अनुसार, भाजपा सरकार के न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन का मतलब यह है कि इतिहास पर फिर से गौर किया जाए, स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को कमतर किया जाए तथा महात्मा गांधी के हत्यारों का महिमामंडन किया जाए. उन्होंने कहा कि हमारे महान संगठन की ओर से समय-समय पर लचीलेपन की उम्मीद की जाती रही है. एक बार फिर हमसे उम्मीद की जा रही है कि हम अपना समर्थन और साहस की भावना का परिचय दें.
आगे सोनिया गांधी ने कहा कि हमारे संगठन के समक्ष परिस्थितियां अभूतपूर्व हैं. असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण तरीके से किया जाता है. हमें सुधार की सख्त की जरूरत है. रणनीति में बदलाव की जरूरत है. रोजाना काम करने के तरीके में परिवर्तन की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मैं यह भी जोर देकर कहना चाहती हूं कि विशाल सामूहिक प्रयासों से ही हमारा पुनरुत्थान हो सकता है. सोनिया गांधी ने कांग्रेस नेताओं का आह्वान किया, पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है. अब समय है कर्ज उतारने का. हम अपने विचार खुलकर रखें. लेकिन सिर्फ संगठन की मजबूती, दृढ़निश्चय और एकता का संदेश बाहर जाना चाहिए.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा के लिए लोकतंत्र कोई मायने नहीं रखता. ऐसे फासीवादी लोग धर्म का नाम लेकर सत्ता पर काबिज हो गए.
उन्होंने सांप्रदायिक झड़पों की हालिया घटनाओं का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में शांति की अपील करने का नैतिक साहस नहीं जुटा पा रहे हैं. उनके पास नैतिक साहस नहीं है. गहलोत ने कहा कि हम काम करते हैं, मार्केटिंग नहीं करते, लेकिन ये फासीवादी लोग काम कुछ नहीं करते, सिर्फ प्रचार करते हैं.

'नव संकल्प चिंतन शिविर' में सोनिया सहित मंथन करते पार्टी के वरिष्ठ नेता और पदाधिकारीगण
‘नव संकल्प चिंतन शिविर’ में सोनिया सहित मंथन करते पार्टी के वरिष्ठ नेता और पदाधिकारीगण.