नागपुरमहाराष्ट्र

नाना पटोले बोले- बराबर का हिस्सा पाने के लिए ओबीसी जनगणना की जरूरत

नागपुर: ओबीसी को जाति से बंधे बिना अपने अधिकारों के लिए एकजुट होने की जरूरत है। ओबीसी भाइयों को जाति या धर्म के बावजूद ओबीसी जनगणना के लिए संवैधानिक अधिकार मिलना चाहिए। देश के संसाधनों में बराबर का हिस्सा पाने के लिए ओबीसी जनगणना की जरूरत है। इसके लिए ओबीसी को एकजुट होने का आह्वान महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने किया। रविवार को राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के नागपुर जिला अधिवेशन का आयोजन कामठी तहसील के गादा में किया गया। ओबीसी बहुजन कल्याण व मदद व पुनर्वसन मंत्री विजय वडेट्टीवार ने डाॅ बाबासाहेब आंबेडकर को ओबीसी का सच्चा रक्षक बताते हुए कहा कि ओबीसी को धर्म के नाम पर नहीं बांटा जाना चाहिए।

7 साल से चल रहा संघर्ष
बता दें कि ‘राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ’ पिछले 7 वर्ष से ओबीसी समुदाय के संवैधानिक अधिकारों के लिए संघर्षरत हैं। ओबीसी समाज को जागृत करने के लिए ‘राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ’ देशभर अधिवेशन, धरना आंदोलन सहित संवैधानिक मार्ग अपना कर ओबीसी समाज को अधिकार तथा उनके कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने के लिए व ओबीसी समाज को सहूलियतें दी जानी चाहिए। परंतु आजादी के 75 साल बाद भी वह सहूलियतें नहीं दी गईं। इसके लिए ओबीसी समाज को संगठित कर केंद्र व राज्य सरकार से लगातार ओबीसी समाज द्वारा अपनी मांगे हल करने की मांग की जा रही है। जिसके तहत रविवार को राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के नागपुर शहर व ग्रामीण के संयुक्त नागपुर जिला अधिवेशन आयोजित किया गया।
संयुक्त अधिवेशन क्रांतिसूर्य महात्मा ज्योतिबा फुले, शिक्षण महर्षि डाॅ. पंजाबराव देशमुख व भारतरत्न डाॅ. बाबासाहब आंबेडकर को समर्पित किया गया। अधिवेशन का उद्घाटन कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के हाथों महात्मा ज्योतिबा फुले, डाॅ. पंजाबराव देशमुख, डाॅ. आंबेडकर के छायाचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया गया। स्वागताध्यक्ष के रूप में संगठन के प्रदेश महासचिव राजेश काकड़े तथा प्रमुख अतिथि के रूप में अधिवेशन के अध्यक्ष राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. बबनराव तायवाडे, राज्य के ओबीसी बहुजन कल्याण तथा मदद एवं पुनर्वसन मंत्री विजय वडेट्टीवार, विधायक परिणय फुके, टेकचंद सावरकर, अधि. अभिजीत वंजारी, पूर्व जिप अध्यक्ष सुरेश भोयर, जिप सदस्य दिनेश ढोले, प्रसन्ना तिडके, शहाणे आदि ओबीसी महासंघ के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे।