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पुलवामा आतंकी हमले के मास्टरमाइंड अब्दुल रशीद गाजी से संपर्क में थे UP से गिरफ्तार दोनों संदिग्ध आतंकी

लखनऊ, यूपी एटीएस द्वारा कुछ दिन पहले गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। दोनों आतंकियों ने खुलासा किया कि उनके आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से लिंक थे। ऐसा माना जा रहा है कि ये दोनों आतंकी हमले की भी योजना बना रहे थे। संदिग्ध आतंकियों ने पूछताछ में बताया कि वे पुलवामा आतंकी हमले के मास्टरमाइंड अब्दुल रशीद गाजी से भी संपर्क में थे।
जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि बातचीत से पता चलता है कि ये आतंकी कुछ बड़ी घटना को अंजाम देने की प्लानिंग कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वॉइस मेसेज में जिस ‘सामान’ का जिक्र किया जा रहा है उसका इस्तेमाल विस्फोटक के लिए किया जाना था।
यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने खुद इन आतंकियों से पूछताछ की है। डीजीपी की पूछताछ में दोनों आतंकियों ने कथित तौर पर जैश से अपने रिश्ते की बात कबूली है। डीजीपी ने खुद इन आतंकियों से करीब चार घंटे तक पूछताछ की थी। इस पूछताछ के बाद ओपी सिंह ने जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह को इसकी जानकारी दी। डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि दोनों आतंकियों ने मेरे सामने जैश के साथ अपने रिश्तों को कबूल किया है। उनसे मिली जानकारियों के आधार पर हमें भविष्य में कुछ और सफलताएं मिल सकती हैं।

पुलवामा आतंकी हमले के गाजी को कर दिया गया था ढेर :
बता दें कि पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के पांच दिन बाद ही सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में गाजी को ढेर कर दिया था। अधिकारियों ने दावा कि गिरफ्तार किए गए दो संदिग्धों में से बरामद मोबाइल फोन से एक के मोबाइल में वॉइस मेसेज भी मिला है। एटीएस ने जम्मू-कश्मीर के कुलगाम का रहने वाला शहनवाज तेली और पुलवामा का अब्दुल आकिब मलिक को गिरफ्तार किया था। वाइस मेसेज में कुछ ‘बड़ा काम’ और ‘सामान’ के बारे में चर्चा की जा रही है।

18 महीने से जैश के संपर्क में था शहनवाज :
एटीएस के आईजी असीम अरुण ने कहा कि पूछताछ के दौरान शहनवाज ने बताया कि वह पिछले 18 महीने से आतंकी संगठन जैश के संपर्क में था जबकि आकिब छह महीने पहले संपर्क में आया था। उन्होंने बताया कि शहनवाज कबला कि वह आतंकी गाजी के भी संपर्क में था। दोनों संदिग्ध आतंकियों ने बताया कि उनसे जैश के कुछ टॉप कमांडरों से संपर्क साधा था और उनके कहने के बाद वे जैश के साथ जुड़ गए थे।

वॉइस मेसेज में ‘कुछ करना है जल्दी’ की थी बात:
आईजी अरुण ने कहा, ‘दोनों के पास से बरामद मोबाइल फोन में वॉइस मेसेज भी थे। मेसेज में ‘कुछ करना है जल्दी’ जैसी बातें थीं। दोनों ऐसे स्थानों का भी जिक्र कर रहे थे जहां से हथियार लिए जा सकते हैं। हालांकि अभी इसकी पुष्टि की जानी है।

BBM के जरिए करते थे बातचीत:
दोनों संदिग्ध आतंकी आपसी बातचीत के लिए BBM के जरिए मेसेज करते थे और अपनी पहचान छिपाने के लिए वर्चुअल नंबरों का इस्तेमाल करते थे। दोनों संदिग्ध आतंकियों कश्मीर ले जाया जाएगा। माना जा रहा है कि ये दोनों आतंकी डमी ग्रेनेड को छिपाकर रखे हुए हैं, जिसका इस्तेमाल आतंकियों की ट्रेनिंग के लिए किया जाना था। शहनवाज ने बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई की है और कंप्यूटर कोर्स भी कर रखा है जबकि आकिब ने 12वीं तक पढ़ाई की है। शहनवाज के पिता एक कारपेंटर हैं उसका बड़ा भाई टीचर है। आकिब के पिता किसान हैं। एटीएस इन दोनों संदिग्ध आतंकियों के साथ रहने वाले छात्रों से भी पूछताछ की तैयारी कर रही है।

बगैर ऐडमिशन छात्र बनकर रह रहे थे:
उल्लेखनीय है कि यूपी एटीएस ने सहारनपुर के देवबंद से इन दोनों संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बताया कि दोनो आतंकी बगैर किसी कॉलेज या इंस्टिट्यूट में ऐडमिशन के खुद को छात्र बताकर वहां रह रहे थे। पुलिस को इनके पासे 32 बोर के दो तमंचे और करीब 30 जिंदा कारतूस मिले हैं। इसके अलावा इनकी जिहादी चैट भी पुलिस के हाथ लगी है। उन्होंने बताया कि संदिग्धों के पास से फोटो और विडियो भी मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। पुलिस के अनुसार, इन आतंकियों को गुरुवार देर रात गिरफ्तार किया गया था। पुलिस का कहना है कि इनसे जांच में इस बात की जानकारी ली जाएगी कि इन्होंने कितने लोगों को आतंकी संगठन में भर्ती किया है, इनकी फंडिंग कहां से हो रही थी, इनका आगे का टारगेट क्या था। डीजीपी ने बताया कि यूपी पुलिस इस संबंध में जम्मू और कश्मीर पुलिस के साथ भी संपर्क में है।