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प्रेरणादायक हिंदी कहानी- *गरीब की उड़ान*

क छोटे से गांव में गंगूबाई नाम की एक महिला रहती थी। उसका एक बेटा था ओजस, जो पढ़ने में बहुत तेज था। पति के गुज़र जाने के बाद सारी जिम्मेदारियां गंगूबाई के कंधो पर आ गई थी।
वह किसी के घर बर्तन मांजती तो किसी के घर खाना बनाती थी। उसका बेटा भी उसके साथ ही जाया करता था। वहां बैठे-बैठे वह अखबार पढ़ा करता था।
एक दिन जब वह अखबार पढ़ रहा था तभी एक औरत आकर बोली अरे ओजस! अखबार पढ़कर तू कोन सा बड़ा अफसर बन जायेगा, जाकर अपनी मां का हाथ बटा।
ओजस बोला- मालकिन मैं बड़ा अफसर बनना चाहता हूं। हम किताबें नही खरीद सकते, इसलिए अखबार पढ़कर जानकारी प्राप्त कर रहा हूं। इतने में मालकिन जोर-जोर से थका ठहाका मार कर हंसने लगी। यह देख गंगूबाई अपने बेटे को लेकर घर चली गई।
उसके बाद उसने शादियों में रोटी बनाने का काम शुरू कर दिया। वह सुबह-सुबह उठकर 20 किलो आटें की रोटियां बनाती थी और ओजस भी सुबह उठकर अपनी मां का हाथ बटाता था और फिर पढ़ने बैठ जाता था।
एक दिन वहां उनके मकान मालिक आए और बोले क्या गंगूबाई तुम तो 3 बजे ही सुबह उठ जाती हो और बिजली जला लेती हो। या तो बिजली का बिल भरो या यह कमरा छोड़ दो। यह बोलकर मालिक गुस्से में चला जाता है।
ओजस लालटेन जलाकर पढ़ाई करने लगा और गंगूबाई भी उसी में गुजारा करने लगी। ऐसे ही कई वर्षों तक ओजस पढ़ता रहा और हमेशा अव्वल नंबर लाने लगा। उसकी लगन देखकर उसके क्लास टीचर ने उसे दिल्ली जाने की सलाह दी और खर्चा भी खुद उठाने की जिम्मेदारी ली। अब वह दिल्ली जाकर पढ़ाई करने लगा। एक दिन जब वह परीक्षा देने जा रहा होता है तब उसे एक गाड़ी टक्कर मार देती है। उसके सर पे और बाए हाथ पर चोट लग जाती है। फिर वह बाएं हाथ से लिखने का फैसला लेता है। वह अपने पूरे साल को बरबाद होने से बचाकर परीक्षा देने के लिए निकलता है। वहां उसने परीक्षा दी और फिर बाद ने अस्पताल जाकर अपना इलाज कराया। वह लगातार अपनी पढ़ाई जारी रखी और इंटरव्यू दिया।
इंटरव्यू देने के बाद वह अपने गांव वापिस लौट जाता है। थोड़े दिन बाद उसकी मां अखबार खरीदकर लाती है और ओजस को अपना रिजल्ट देखने को कहती है।
ओजस खुश होकर बोलता है मां! मैं पास हो गया। मैं अफसर बन गया। माँ-बेटे की आंखों में आसूं भर आया।
तो दोस्तो, इस कहानी से यह प्रेरणा मिलती है कि हमें हमेशा अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए मेहनत करते रहना चाहिए। लोग चाहे हमारी कितनी भी खिल्ली उड़ाए, हमें कभी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। लक्ष्य पर ध्यान देकर हम अपने सपने पूरा कर जीत हासिल कर सकते हैं।