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बालासाहेब ठाकरे के तैलचित्र का अनावरण, महासागर की तरह थे बालासाहेब: फडणवीस

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा में दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के तैलचित्र का अनावरण किया गया। इस अवसर पर ठाकरे परिवार से तीन सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे, स्मिता ठाकरे और निहार ठाकरे उपस्थित थे। इसके अलावा इस कार्यक्रम में शिवसेना के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे, लेकिन शिवसेना प्रमुख के राजनीतिक उत्तराधिकारियों में से कोई उपस्थित नहीं था।
इस कार्यक्रम में उपस्थित नेताओं ने बालासाहेब ठाकरे के साथ कार्य करने का अपना अनुभव साझा किया। जिसमें राज ठाकरे ने कहा कि सवा तीन वर्ष बाद बालासाहेब के नाम के आगे हिंदूहृदय सम्राट की उपाधि लगी है इसका मुझे गर्व है।
विधानसभा में जब शिवसेना प्रमुख के तैलचित्र का अनावरण हो रहा था, उस समय विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, उपाध्यक्ष, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, विधान परिषद में उपसभापती डॉ नीलमताई गोऱ्हे समेत कई पदाधिकारी, मंत्री, सांसद और विधायक उपस्थित थे। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने अपने भाषण में शिवसेना प्रमुख के साथ व्यतीत अपने समय को उल्लेखित किया। इसके अलावा अन्य नेताओं ने अपने अनुभव साझा किये।

विधानभवन सभागृहात बाळासाहेब ठाकरे यांचे तैलचित्र

महासागर की तरह थे बालासाहेब: देवेंद्र फडणवीस
बालासाहेब ठाकरे के तैलचित्र के अनावरण कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने विचारों को साझा करते हुए कहा कि, बालासाहेब के जीवन के गणित में राजनीति कभी भी लाभ के लिये नहीं थी। उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए राजनीति नहीं की। उनकी राजनीति तत्व के लिए थी, इसलिए देश में उनके नेतृत्व के प्रति एक सम्मान था। बालासाहेब महासागर की भांति थे, अतिशय शांत लेकिन जब आवश्यकता हो तो तूफान से भी संघर्ष करने वाले थे।
फडणवीस ने कहा कि बालासाहेब का तैलचित्र यहां लगा है, लेकिन उन्हें इस सभागृह में आने का कभी मोह नहीं हुआ। छगन भुजबल ने जब पार्टी बदली उस समय राज ठाकरे ने तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष का कार्टून बनाया। उस समय आर.आर पाटील ने विधानसभा में विशेषाधिकार प्रस्ताव लाया था। उस समय विशेषाधिकार समिति ने निर्णय लिया कि, कार्टून बनाने वाला कोई भी हो, इस प्रकरण में मुख्य संपादक को बुलाना चाहिये। लोकतंत्र में निष्ठा रखने वाले बालासाहेब ठाकरे उस समय स्वत: समिति के समक्ष उपस्थित हुए। विशेषाधिकार समिति ने उन्हें सजा सुनाई, जिस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार ने विधानसभा में प्रस्ताव लाया और सजा वापस ले ली गई।

विरासत वस्तु की होती है विचारों की नहीं: राज ठाकरे
राज ठाकरे ने बालासाहेब ठाकरे के साथ बिताए अपने अनुभवों को चिर-परिचित अंदाज में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि बालासाहेब के रूप में मैंने कई रूप देखे हैं। जिसमें परिवार का सदस्य, व्यंग चित्रकार और पक्ष प्रमुख। बिना किसी का नाम लिये यह स्पष्ट कह दिया कि, विरासत वस्तु या भौतिक होती है जबकि, विचारों की कोई विरासत नहीं होती। मेरे पास जो विरासत आई है वह विचारों की है।
बाबरी विध्वंस की परिस्थिति बताते हुए उन्होंने कहा कि, भाजपा वाले कह रहे हैं कि वहां शिवसैनिक होंगे। इस पर बालासाहेब ने उत्तर दिया कि, यदि वहां शिवसैनिक होंगे तो मुझे अभिमान होगा। बालासाहेब हिंदुत्व की जिम्मेदारी लेनेवालों में से थे। उनके रूप में मैंने एक विलक्षण व्यक्तित्व देखा था। उनके साथ रहकर मैंने कई चीजें देखी इसलिए अपनी पार्टी खड़ी कर पाया।