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भाजपा संसदीय बोर्ड में बड़ा बदलाव: गडकरी और शिवराज को हटाया गया; गडकरी ने कुछ दिन पहले कहा था- ‘मन करता है राजनीति छोड़ दूं…’

नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को पार्टी के नए संसदीय बोर्ड का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही नई केंद्रीय चुनाव समिति का भी ऐलान हुआ। ये दोनों ही पार्टी के दो सबसे अहम संगठन हैं। अगस्त 2014 के बाद पहली बार इनमें बदलाव किया गया है। लंबे समय से इसकी चर्चा थी। दरअसल, दोनों संगठनों में कई सदस्यों की जगह खाली पड़ी थी।
भाजपा ने संसदीय बोर्ड और केन्द्रीय चुनाव समिति से पार्टी के ताकतवर नेताओं में शुमार होने वाले केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने आज पार्टी के 11 सदस्यीय नये संसदीय बोर्ड और 15 सदस्यीय नयी केन्द्रीय चुनाव समिति की घोषणा की। पार्टी के महासचिव अरुण सिंह ने यहां दो विज्ञप्तियों में संसदीय बोर्ड एवं केन्द्रीय चुनाव समिति के नये सदस्यों के नामों की जानकारी दी। दोनों निकायों में शामिल नये सदस्यों में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और केन्द्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल को शामिल किया गया है।
भाजपा के नये संसदीय बोर्ड के सदस्यों में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा, केन्द्रीय मंत्री एवं असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, महासचिव के. लक्ष्मण, श्री इकबाल सिंह लालपुरा, राष्ट्रीय सचिव श्रीमती सुधा यादव, लंबे समय से हाशिये पर चल रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया तथा भाजपा के संगठन महासचिव बी एल संतोष शामिल है।
भाजपा के नयी केन्द्रीय चुनाव समिति में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, येदियुरप्पा, सोनोवाल, महासचिव के. लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, श्रीमती सुधा यादव, सत्यनारायण जटिया, केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस, पार्टी के उपाध्यक्ष ओम माथुर, भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष श्रीमती वनथी श्रीनिवासन (पदेन) तथा भाजपा के संगठन महासचिव बी एल संतोष को शामिल किया गया है।
निवर्तमान संसदीय बोर्ड एवं केन्द्रीय चुनाव समिति के सदस्य नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान को इन दोनों निकायों में जगह नहीं मिली है। नये संसदीय बोर्ड में राज्यों में नेतृत्व करने वाले किसी भी सदस्य को स्थान नहीं दिया गया है। जबकि केन्द्रीय चुनाव समिति में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस को स्थान दिया गया है। मौजूदा केन्द्रीय चुनाव समिति में बिहार के नेता सैयद शाहनवाज हुसैन और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जुएल ओरांव को बाहर किया गया है।

गडकरी का डिमोशन और फडणवीस का प्रमोशन!
केंद्रीय मंत्री और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी को संसदीय बोर्ड से बाहर किए जाने को उनके डिमोशन के तौर पर देखा जा रहा है तो वहीं देवेंद्र फडणवीस की एंट्री उनका कद बढ़ने की ओर इशारा करती है। इस फैसले को महाराष्ट्र और केंद्र में बड़े सियासी बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।
इससे पहले भी गोवा और बिहार जैसे राज्यों में चुनाव की जिम्मेदारी संभाल चुके देवेंद्र फडणवीस को नेतृत्व प्रमोट कर चुका है। लेकिन अब केंद्रीय चुनाव समिति में जगह देकर साफ किया है कि फडणवीस का दायरा अब महाराष्ट्र से बाहर भी है और भाजपा में भी उनका राष्ट्रीय कद है। यही नहीं फडणवीस को आज ही महाराष्ट्र विधानपरिषद का नेता भी घोषित किया गया है। लेकिन नितिन गडकरी के साथ ऐसा नहीं है और वह अब सिर्फ केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री ही हैं। भाजपा में उनके पास कोई पद नहीं है और न ही वह किसी राज्य के प्रभारी हैं। साफ है कि नितिन गडकरी का सियासी रसूख पहले जैैसा नहीं रहा है।
बता दें कि गडकरी ने 24 जुलाई को नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, ‘मन करता है राजनीति छोड़ दूं’। इस बयान के अभी महीने भी पूरे नहीं हुए थे कि पार्टी संगठन की सबसे ताकतवर संस्था (केंद्रीय संसदीय बोर्ड) से केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की विदाई कर दी गई।