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भिवंडी इमारत हादसे में अब तक 3 शव निकाले गए; आठ को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया

ठाणे: ठाणे जिले के भिवंडी में शनिवार को दो मंजिला गोदाम ढहने के कारण 3 लोगों की मौत हो गई। हादसे में 10 अन्य लोग घायल भी हुए हैं। मलबे में दर्जनों के फंसे होने की आशंका है। ठाणे आपदा प्रतिक्रिया बल के कर्मचारियों ने रेस्क्यू करके मलबे में से 9 लोगों को बाहर निकाला है। नगर निकाय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
ठाणे नगर निगम (टीएमसी) के क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख अविनाश सावंत ने बताया कि कैलासनगर स्थित वर्धमान कंपाउंड में दो मंजिला इमारत दोपहर करीब पौने दो बजे ढह गई। उन्होंने कहा कि मलबे से 3 शव निकाले गए। अधिकारी ने कहा कि मनकोली के वालपाड़ा इलाके में घटनास्थल पर बचाव और राहत अभियान जारी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की दो टीम और राज्य आपदा मोचन बल की एक टीम और दमकलकर्मियों समेत विभिन्न एजेंसियों के कर्मी बचाव अभियान में जुटे हैं।

दोनों मृतकों की हुई पहचान
सावंत ने कहा कि मृतकों में 40 वर्षीय एक पुरुष और 26 वर्षीय महिला शामिल है। शनिवार शाम तक बचाव दलों ने मलबे से 10 घायलों को जिंदा निकालने में कामयाबी हासिल की और उन्हें स्थानीय सरकारी इंदिरा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया। उन्होंने बताया कि इमारत की ऊपरी मंजिल पर चार परिवार रहते थे, जबकि नीचे के तल पर एक फैक्ट्री थी जहां मजदूर काम कर रहे थे। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, गोदाम 10 साल पहले ही बना था। खबर लिखे जाने तक कई वरिष्ठ अधिकारी और स्थानीय सांसद व केंद्रीय मंत्री कपिल पाटिल घटनास्थल पर पहुंचे थे। केंद्रीय राज्य मंत्री कपिल पाटिल ने कहा कि 20 लोगों के मलबे में नीचे फंसे होने की आशंका है, 9 व्यक्तियों को बचाया गया। आठ लोगों का अस्पताल में उपचार चल रहा है। इमारत हादसे को लेकर एक दर्दनाक वीडियो भी सामने आया है।

मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये देने का निर्देश
राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि भिवंडी में आज दोपहर एक इमारत गिरने से दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हो गया। हादसे में जान गंवाने वाले नागरिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि! हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 5-5 लाख रुपये देने का निर्देश दिया गया है। घायलों का सरकारी खर्चे पर इलाज कराने के निर्देश संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को दिया गया है। पुलिस, फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ और अन्य बचावदलों को इस बचाव कार्य को सही तरीके से करने और घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने और इलाज शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।