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महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे ने कंगना को कहा नमकहराम, अभिनेत्री बोली- आप नेपोटिज्म के सबसे खराब प्रोडक्ट!

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अभिनेत्री कंगना रनौत के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। रविवार को दशहरा रैली के संबोधन में उद्धव ठाकरे ने कंगना का नाम लिए बिना उन्हें नमकहराम कहा था। उद्धव ने कहा था, जिन लोगों को अपने राज्य में ठीक से खाना नहीं मिलता है, वे यहां आते हैं, पैसा कमाते हैं और फिर मुंबई की पीओके से तुलना करके राज्य, उसके नेताओं और पुलिस विभाग को बदनाम करते हैं। हम सभी को मुंबई पुलिस पर गर्व है।
उद्धव के इस बयान पर कंगना ने पलटवार करते हुए कहा- शर्म करो, मैं आपके बेटे की उम्र की हूं। आपकी बातों से पता चलता है कि एक सेल्फ मेड सिंगल वूमन से आप कैसे बोलते हैं, मुख्यमंत्री आप नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) के सबसे खराब प्रोडक्ट हैं। कंगना ने सोशल मीडिया पर 2 मिनट का एक वीडियो भी शेयर किया।
कंगना ने वीडियो में कहा- उद्धव ठाकरे, तुमने कल अपने भाषण में मुझे गाली दी, नमक हराम कहा। इससे पहले भी सोनिया सेना के कई लोगों ने मुझे गंदी गालियां दी हैं, धमकाया है। मेरा जबड़ा तोड़ना या ओपनली मुझे मार देना या हरामखोर कहना, इस तरह की कई गालियां पहले ही मुझे सोनिया सेना ने दी हैं। लेकिन, जो भी नारी सशक्तिकरण के ठेकेदार हैं, उन्होंने कुछ भी नहीं कहा। उसी भाषण में हिमाचल जो महादेव की कर्मभूमि है। आज भी कण-कण में मां पार्वती और शिव यहां बसे हुए है। इसे देवभूमि कहा जाता है। इसके बारे में आपने इतनी ज्यादा तुच्छ बातें की है। एक चीफ मिनिस्टर होकर भी आपने पूरे राज्य को नीचे गिराया है क्योंकि आप एक लड़की से नाराज है और वो लड़की आपके बेटे की उम्र की है।
कंगना ने कहा- चीफ मिनिस्टर आप मुझसे बहुत नाराज हुए थे, जब मुंबई में मुझे धमकाने के बाद मैंने वहां की तुलना पीओके से की थी, क्योंकि वहां पर आजाद कश्मीर के नारे लगे थे। आपकी सोनिया सेना ने उसे डिफेंड किया था, इसलिए मैंने पीओके से तुलना की तो जो संविधान के बचाने वाले हैं वो उछल कर आए थे। कल आपने अपने भाषण में भारतवर्ष की तुलना पाकिस्तान से की, अब वो संविधान वाले नहीं आएंगे, क्योंकि उनके मुंह में कोई पैसा नहीं ठूंस रहा है। मैं कहना चाहती हूं कि जितने भी देशभक्त लोग हैं उनकी सहायता करने कोई नहीं आता। आप देशभक्ति के बारे में बात करते हैं, देश के लिए कुछ करते हैं तो आप कौन सा हम पर अहसान कर रहे हैं, आप खुद के लिए यह कर रहे हैं, देश के लिए कर रहे हैं। वो कहते हैं हमारे पास न पैसे हैं, न हमें ठूंसने आते हैं, न हम खुद लेते हैं। लेकिन, देश में विद्रोह के लिए आपके मुंह में पैसे ठूंसे जाते हैं। ये जो संविधान को बचाने वाले हैं अब कुछ नहीं कहेंगे, जब एक वर्किंग चीफ मिनिस्टर के एक लड़की को सरेआम गाली दी। चीफ मिनिस्टर मैं आपसे कहना चाहती हूं कि सत्ता आती जाती है..आप सिर्फ एक गवर्नमेंट सर्वेंट है। महाराष्ट्र के लोग आपसे खुश नहीं है। जो एक बार सम्मान खो देता है वो उसे दोबारा नहीं पा सकता। जय हिंद!

दरअसल, रविवार को दशहरा रैली के दौरान सीएम उद्धव ठाकरे ने कंगना रनौत का नाम लिए बिना कहा कि मुंबई पीओके है, यहां हर जगह ड्रग्स लेने वाले लोग हैं। वे कुछ इस तरह की तस्वीर बनाना चाहते हैं। वे नहीं जानते हैं कि हम अपने घरों में तुलसी उगाते हैं, गांजा नहीं। गांजे के खेत आपके राज्य में है, महाराष्ट्र में नहीं।
उद्धव ठाकरे के इसी भाषण का जिक्र करते हुए कंगना ने ट्विटर पर लिखा- ‘मुख्यमंत्री आप बहुत तुच्छ व्यक्ति हैं। हिमाचल को देवभूमि कहा जाता है, यहां सबसे अधिक संख्या में मंदिर भी हैं और अपराध रेट शून्य है। हां, यहां की जमीन बहुत उपजाऊ है, यहां सेब, कीवी, अनार और स्ट्रॉबेरी की उपज होती है, यहां कुछ भी उगा सकते हैं।

कंगना ने एक अन्य ट्वीट कर कहा कि राउत ने मुझे हरामखोर कहा, उद्धव मुझे नमक हराम कह रहे हैं। वे दावा कर रहे हैं कि मुंबई में मुझे शरण नहीं मिलती तो अपने राज्य में मुझे खाना भी नहीं मिलता। शर्म करो, मैं आपके बेटे की उम्र की हूं। आपकी बातों से पता चलता है कि एक सेल्फ मेड सिंगल वूमन से आप कैसे बोलते हैं, मुख्यमंत्री आप नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) के सबसे खराब प्रोडक्ट हैं। एक और ट्वीट में कंगना ने लिखा कि जैसे हिमालय की खूबसूरती का ताल्लुक हर भारतीय से है, वैसे ही मुंबई में मिलने वाले मौके हम सभी के लिए हैं। दोनों ही मेरे घर हैं, उद्धव ठाकरे आप हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों की छीनने की हिम्मत नहीं कर सकते और हमें बांट नहीं सकते। आपका गंदा भाषण आपकी अयोग्यता का भद्दा प्रदर्शन है।
कंगना ने एक दूसरे ट्वीट में कहा कि एक मुख्यमंत्री की हिम्मत देखिए, कि जिस देश ने उसे महाराष्ट्र का ठेकेदार बनाया, वह उसी देश को बांट रहे हैं। वे सिर्फ जनता के सेवक हैं, उनके पहले कोई और था, और वे जाएंगे तो कोई और आएगा। फिर वे ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं, जैसे महाराष्ट्र सिर्फ उन्हीं का है।