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महाराष्ट्र के सियासी उलटफेर पर शरद पवार बोले- उद्धव ने शिंदे पर विश्वास किया, लंबे समय से थी तैयारी!

मुंबई,(राजेश जायसवाल): महाराष्ट्र में हुए बड़े सियासी उलटफेर के बीच शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने गुरुवार (30 जून) को महाराष्ट्र के नए सीएम के रूप में शपथ ग्रहण की। वहीं एक चौंका देने वाले घटनाक्रम के तहत भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
शपथ ग्रहण के बाद एकनाथ शिंदे को बधाई देते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि इतने विधायकों को गुवाहाटी ले जाने की ताकत दिखाई, ये सब बिना तैयारी के नहीं हो सकता।
पुणे में संवाददाताओं से बातचीत में एनसीपी नेता पवार ने कहा, मुझे लगता है कि देवेंद्र फडणवीस ने खुशी से नंबर दो का स्थान स्वीकार नहीं किया है। उनके चेहरे के भाव ने सब कुछ बयां कर दिया। हालांकि, वो नागपुर से हैं और उन्होंने एक ‘स्वयंसेवक'(RSS) के रूप में काम किया है और वहां, जब कोई आदेश आता है, तो उसका पालन करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि फडणवीस ने इस ‘संस्कार’ के कारण एक कनिष्ठ पद स्वीकार किया होगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने भाजपा सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के बारे में भी बात की और दावा किया कि उन्हें 2004, 2009 और 2014 में अपने चुनावी हलफनामों के संबंध में आयकर विभाग से ‘प्रेम पत्र’ प्राप्त हुए थे। उन्होंने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ बगावत करने के बाद गुवाहाटी में डेरा डाले हुए एकनाथ शिंदे गुट को उम्मीद नहीं थी कि उनके नेता उपमुख्यमंत्री से ज्यादा कुछ बनेंगे। मैं एकनाथ शिंदे को उनकी नई जिम्मेदारी के लिए बधाई देता हूं। उन्होंने इतनी बड़ी संख्या में विधायकों को गुवाहाटी ले जाने की ताकत दिखाई। उन्होंने लोगों को ‘शिवसेना’ छोड़ने के लिए प्रेरित किया। मुझे नहीं पता कि यह पहले हुआ था, लेकिन यह बिना तैयारी के नहीं हुआ।
पवार ने आगे कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा आदेश दिए जाने के बाद, शिंदे को मुख्यमंत्री का पद दिया गया। किसी को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। मुझे लगता है कि शिंदे को खुद इस बारें में कोई जानकारी नहीं थी।
दूसरा आश्चर्य, जो मुझे नहीं लगता कि वास्तव में एक आश्चर्य है, वह यह है कि देवेंद्र फडणवीस, जिन्होंने पांच साल तक मुख्यमंत्री और फिर विपक्ष के नेता के रूप में काम किया, को केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का पालन करते हुए उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करना पड़ा! उन्होंने कहा कि हालांकि, पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं।

पवार ने शिंदे को दी बधाई!
एनसीपी मुखिया पवार ने कहा कि उन्होंने शिंदे से भी बात की और उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक बार जब कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री बन जाता है, तो वह राज्य का मुख्यमंत्री होता है। वह राज्य का मुखिया बन जाता है और मुझे उम्मीद है कि वह लोगों के मुद्दों को सुलझाने की दिशा में काम करेंगे।

बागी विधायकों के दावे को किया खारिज
पवार ने शिवसेना के बागी विधायकों के इस दावे को भी खारिज किया कि राकांपा और कांग्रेस के साथ शिवसेना का गठजोड़ उनके विद्रोह का प्राथमिक कारण था।उन्होंने कहा, यह आरोप निराधार है, इसका राकांपा और कांग्रेस से कोई संबंध नहीं है। लोगों को (बहाने के रूप में) कुछ बताना होगा, इसलिए राकांपा और कांग्रेस को दोषी ठहराया जा रहा है।

पीएम मोदी ने शिंदे और फडणवीस को दी बधाई!
पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ट्वीट करके बधाई दी है।
एकनाथ शिंदे को बधाई देते हुए पीएम मोदी ने ट्वीट किया- ‘मैं एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर बधाई देता हूं। वह एक ज़मीनी नेता हैं। उनके पास अच्छा राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव है। मुझे पूरा भरोसा है कि वह महाराष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में काम करेंगे।’

पीएम मोदी ने देवेंद्र फडणवीस को भी बधाई देते हुए ट्वीट किया- ‘देवेंद्र फडणवीस जी को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेने पर बधाई। वह हर भाजपा कार्यकर्ता के लिए प्रेरणा हैं। उनका अनुभव और विशेषज्ञता सरकार के लिए एक संपत्ति होगी। मुझे विश्वास है कि वह महाराष्ट्र के विकास पथ को और मजबूत करेंगे’।

महाराष्ट्र के सियासी उलटफेर पर शरद पवार बोले- उद्धव ने शिंदे पर विश्वास किया, लंबे समय से थी तैयारी!

बता दें कि गुरूवार की दोपहर तक देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री और एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं ऐसी खबरें चल रही थी। परन्तु अचानक बीजेपी हाईकमान का आदेश आता है और फडणवीस मीडिया के सामने आते हैं और एकनाथ शिंदे राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे ऐसी घोषणा कर तमाम राजनीतिक पंडितों को चौंका देते हैं! कुछ ही घंटों पहले जो व्यक्ति सीएम पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, वह दूसरी कुर्सी पर बैठने को तैयार हो जाता है और राजभवन में एक और कुर्सी लगा दी जाती है। फिर देखते ही देखते शिंदे मुख्यमंत्री और फडणवीस उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले लेते हैं। उसके बाद बधाइयों का दौर चालू हो जाता है।