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महाराष्ट्र: कोरोना की तीसरी लहर में उद्योग शुरू रखने करें तैयारी: मुख्यमंत्री

मुंबई: महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर के दौरान जिलों में उद्योग शुरू रखने की दृष्टि से नियोजन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलाधिकारी अपने जिले में बड़े उद्योगपतियों के साथ बैठक कर संभावित तीसरी लहर में उद्योग शुरू रखने की तैयारी के लिए मार्गदर्शन करें। जिन उद्योगपतियों को कंपनी परिसर में कर्मचारियों को रहने की व्यवस्था करना संभव है वे लोग इस व्यवस्था के लिए समय पर तैयारी शुरू कर दें। जिन उद्योगपतियों के लिए कंपनी परिसर में यह व्यवस्था करना संभव नहीं है ऐसे उद्योगपति कंपनी के आसपास जगह खोजकर वहां पर कर्मचारियों को रहने के लिए (फील्ड रेजिडेंस) प्रबंध करें। बुधवार को मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी जिलाधिकारी, विभागीय आयुक्त, मनपा आयुक्त और पुलिस अफसरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है परंतु इस स्थिति में भी सोच समझकर जोखिम उठाकर सावधानी बरतते हुए आर्थिक गतिविधियों को शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पाबंदियों का कड़ाई से पालन होना चाहिए। राज्य में सभा और समारोह का आयोजन न होने दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कोरोना की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए ऑक्सीजन उत्पादन व भंडारण और मरीजों की संख्या बढ़ने की स्थिति के लिए पूर्व तैयारी की प्रक्रिया को गति देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता व आंगनवाड़ी सेविकाएं और स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना के दूसरा टीका लगवाने के लिए लोगों में जनगागृति करें। मुख्यमंत्री ने अहमदनगर के पारनेर तहसील में कोरोना के नमूनों का जीनोम सिक्वेन्सिंग करने का आदेश दिया।

कम फसल कर्ज वितरण करने वालों की रिपोर्ट केंद्र और रिजर्व बैंक को भेजेंगे: पाटील
वहीं प्रदेश के सहकारिता मंत्री बालासाहेब पाटील ने किसानों को खरीफ फसलों के लिए व्यापारी बैंकों और निजी बैंकों द्वारा कम फसल कर्ज वितरण करने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कम फसल कर्ज उपलब्ध कराने वाले व्यापारी बैंकों और निजी बैंकों की रिपोर्ट केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक को भेजने की चेतावनी दी है। बुधवार को पाटील ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए फसल कर्ज वितरण की समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि जून के आखिर तक राज्य में लक्ष्य की तुलना में 50 प्रतिशत फसल कर्ज का वितरण हुआ है। इसलिए बैंक फसल कर्ज देने के काम में गति लाएं। यदि बैंकों ने जुलाई महीने में अपेक्षित सुधार नहीं किया तो उनकी रिपोर्ट राज्य सरकार के जरिए केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक को भेजी जाएगी। पाटील ने बताया कि 30 जून तक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 29 प्रतिशत, बैंक ऑफ बडोदा ने 27 प्रतिशत, बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने 39 प्रतिशत, बैंक ऑफ इंडिया ने 37 प्रतिशत, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 22 प्रतिशत, एचडीएफसी बैंक ने 31 प्रतिशत, आईसीआईसीआई बैंक ने 13 प्रतिशत, महाराष्ट्र ग्रामीण बैंक ने 37 प्रतिशत, कैनरा बैंक ने 13 प्रतिशत, पंजाब नैशनल बैंक ने 20 प्रतिशत, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 42 प्रतिशत, एक्सिस बैंक ने 12 प्रतिशत, आईडीबीआई ने 15 प्रतिशत और रत्नाकर बैंक ने 8 प्रतिशत कर्ज वितरण किया है। इसी तरह नागपुर विभाग की जिला सहकारी बैंकों ने 93.26 प्रतिशत, कोंकण विभाग की सहकारी बैंकों ने 62.54 प्रतिशत, नाशिक विभाग की सहकारी बैंकों ने 78.91 प्रतिशत, पुणे विभाग की सहकारी बैंकों ने 84.77 प्रतिशत, औरंगाबाद विभाग की सहकारी बैंकों ने 84.47 प्रतिशत और अमरावती विभाग की सहकारी बैंकों ने 90.53 प्रतिशत कर्ज का वितरण किया है। जबकि राज्य में औसत की तुलना में 50 प्रतिशत से कम फसल कर्ज का वितरण जालना, बीड़, उस्मानाबाद, हिंगोली, परभणी, वर्धा, सांगली, लातूर, नांदेड़, नाशिक, बुलढाणा, औरंगाबाद, रत्नगिरी, पालघर और सोलापुर जिले में हुआ है।