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महाराष्ट्र: दसवीं की परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट से सहानुभूति पूर्वक विचार की है उम्मीद: वर्षा गायकवाड

मुंबई: प्रदेश की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने विश्वास जताया है कि बाम्बे हाईकोर्ट महाराष्ट्र बोर्ड की कक्षा दसवीं की परीक्षा आयोजित न करने के बारे में सहानुभूति पूर्वक विचार करेगी। बीते दिनों बाम्बे हाईकोर्ट ने राज्य बोर्ड की कक्षा दसवीं की परीक्षा रद्द करने के फैसले पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। इस पर रविवार को वर्षा गायकवाड ने कहा कि सरकार हाईकोर्ट में परीक्षा रद्द करने के फैसले पर अपना पक्ष रखेगी। मुझे उम्मीद है कि हाईकोर्ट परीक्षा आयोजित न करने के बारे में सहानुभूति पूर्वक विचार करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार बाम्बे हाईकोर्ट को बताएगी कि राज्य में कोरोना महामारी के संकट के कारण असाधारण परिस्थिति बनी हुई है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों पर खतरा बढ़ने का अनुमान है। सरकार की पहली प्राथमिकता विद्यार्थी की स्वास्थ्य और अभिभावकों के मन में डर के माहौल को दूर करना है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के अंतर्गत मूल्यांकन के बारे में स्कूली शिक्षा विभाग के शासनादेश को हाईकोर्ट के सामने रखा जाएगा। इसके अलावा सरकार आगामी शैक्षणिक वर्ष में विद्यार्थियों के नुकसान को टालने के लिए विभिन्न बिन्दुओं पर विचार कर रही है। गायकवाड ने कहा कि राज्य में कक्षा दसवीं के परीक्षा पेपर पैटर्न और आदिवासी तथा पहाड़ी इलाकों में इंटरनेट की समस्या के कारण ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं होगा।

महाराष्ट्र बोर्ड की कक्षा 12 वीं की परीक्षा पर बैठक
शिक्षा मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र बोर्ड की कक्षा 12 वीं की परीक्षा के आयोजन के बारे में अगले दो दिनों में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ बैठक की जाएगी। इसके अलावा राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस परीक्षा के आयोजन पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने ने कहा कि विद्यार्थियों की सुरक्षा और हितों को ध्यान में रखते हुए अंतिम फैसला लिया जाएगा। महाराष्ट्र बोर्ड के कक्षा 12 वीं के 14 लाख से अधिक विद्यार्थी हैं।

CBSE बोर्ड की परीक्षा पर बच्चों की मानसिकता समझे केंद्र सरकार
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सीबीएसई बोर्ड की कक्षा 12 वीं की परीक्षा के आयोजन को लेकर रविवार को हुई बैठक में महाराष्ट्र की ओर से स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड शामिल हुई। गायकवाड ने कहा कि हमने बैठक में कहा है कि सीबीएसई की कक्षा 12 वीं की परीक्षा के आयोजन के बारे में फैसला लेने से पहले केंद्र सरकार को विद्यार्थियों और अभिभावकों की मानसिकता समझनी चाहिए। क्योंकि कोरोना की तीसरी लहर में सबसे अधिक बच्चों पर असर होने की संभावना है। गायकवाड ने कहा कि बैठक में एक महीने के बाद परीक्षा के आयोजन के बारे में कहा गया है। लेकिन एक महीने के बाद राज्य की तत्कालीन स्थिति के अध्ययन के बाद ही फैसला लेना उचित होगा। गायकवाड ने बताया कि महाराष्ट्र में सीबीएसई बोर्ड के कक्षा 12 वीं के 25 हजार विद्यार्थी हैं।