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महाराष्ट्र: दिए जलाने का विरोध- उर्जा मंत्री बोले- फेल हो जाएगा पावर ग्रिड, गृहनिर्माण मंत्री बोले- जनता को मूर्ख समझते हैं पीएम

शिवसेना नेता संजय राऊत बोले- प्रधानमंत्री देश को ‘अप्रैल फूल’ बना रहे हैं

नयी दिल्ली/मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट तक बिजली बंद करने के फैसले का महाराष्ट्र के उर्जा मंत्री नितिन राउत ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यदि सभी लाइटों को एक झटके में बंद कर दिया जाए तो इससे पॉवर ग्रिड फेल हो सकती है। हमारी सभी आपातकालीन सेवाएं रुक जाएंगी और वापस बिजली बहाल करने में एक हफ्ते तक का समय लग सकता है। उन्होंने यह भी कहा- मैं लोगों से अपील करूंगा कि वे लाइट बंद किए बिना मोमबत्ती या लैंप जलाएं।

उर्जा मंत्री के बयान पर बीजेपी विधायक रामदास कदम ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि देश के लोग रात्रि में लाइट बंद करके सोते हैं या फिर जलाकर?

बिजली विभाग ग्रिड फेल होने से रोकने का कर रहा इंतजाम
इस बीच राज्य का पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन (पीओएसओसीओ) यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि आपूर्ति ठप होने पर ग्रिड पर कोई दबाव नहीं आए और बिजली आपूर्ति ठप न हो। जानकार बताते हैं कि बिजली खपत अचानक रुकने से ग्रिड ठप होने का खतरा रहता है।

हमें लगा प्रधानमंत्री चूल्हा जलाने की बात करेंगे: नवाब मलिक
इस मामले पर राकांपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के अल्पसंख्यक विकासमंत्री नवाब मलिक ने कहा- हमने सोचा था कि प्रधानमंत्री चूल्हा जलाने की बात करेंगे। लेकिन साहब (मोदी) दीए जलाने का उपदेश दे गए।

वहीं दूसरी तरफ राकांपा के विधायक और पार्टी प्रमुख शरद पवार के पोते रोहित पवार ने पीएम मोदी की अपील का समर्थन किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- दीयों के माध्यम से देश को कोरोना विरोध में एकजुट करने का प्रधानमंत्री का लक्ष्य होगा। अगर उनका यही लक्ष्य है तो उसका स्वागत करना चाहिए।

प्रधानमंत्री क्या भारत के नेताओं को मूर्ख समझते हैं: जितेंद्र आव्हाड
राकांपा नेता व प्रदेश के गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने भी प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि भारत में आधे लोगों के घरों में अनाज नहीं है और पीएम कह रहे हैं कि घरों में अंधेरा करके दीये जलाइए।
प्रधानमंत्री भारत के लोगों को क्या मूर्ख समझते हैं? आव्हाड ने यह भी कहा कि मैं मूर्ख नहीं हूं मैं दीये नहीं जलाऊंगा। मुझे लोगों का सहारा बनना है। मैं दीये के तेल से देश की राष्ट्रीय संपत्ति खर्च नहीं करूंगा।

अपना घर नहीं जलाएंगे: शिवसेना नेता संजय राऊत
शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जब लोगों को ताली बजाने के लिए कहा तब लोग सड़कों पर भीड़ करके ढोल बजाने लगे। मुझे उम्मीद है कि ये लोग अब अपने घरों को नहीं जलाएंगे। राऊत ने कहा कि साहब लोगों के काम और पेट के बारे में भी कुछ बोलिए। आगे राऊत ने कहा, प्रधानमंत्री देश को ‘अप्रैल फूल’ बना रहे हैं।

गंभीर बनें पीएम: बाला साहब थोरात
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कोरोना के प्रकोप के कारण देश संकट से जूझ रहा है। ऐसी परिस्थिति में प्रधानमंत्री मोदी को कोई नीतिगत निर्णय लेना चाहिए न की देश में ताली बजाओ व दिया जलाओ की अपील करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री को देखना चाहिए कि डॉक्टरों की क्या जरूरतें हैं? ज्यादा से ज्यादा वेंटिलेटर कैसे उपलब्ध हो? करोना की जांच के लिए ज्यादा लेब कैसे बने?

पीएम मोदी के सन्देश में ताली और थाली फिर दिया और मोमबत्ती जैसा बयान दुर्भाग्यपूर्ण: वर्षा गायकवाड
राज्य की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने पीएम मोदी के सन्देश में ताली और थाली, लाइटें बंद कर, दिया और मोमबत्ती जैसा बयान दुर्भाग्यपूर्ण बताया हैं।
उन्होंने कहा कि भारत के संविधान ने हमें जो मूलभूत कर्तव्य दिया है, उसके अनुसार काम करना चाहिए। इस महामारी से लड़ने के लिए दूसरे देशों से हमें सीखना चाहिए।

पीएम मोदी ने की थी अपील
शुक्रवार को पीएम मोदी सुबह 9 बजे एक विडिओ सन्देश में देशवासियों से 5 अप्रैल को कोरोना संकट के अंधकार को चुनौती देने लिए लाइटबंद कर दिया जलाने की अपील की थी। उन्होंने कहा था, हमें प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। रविवार को 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण है। घर की सभी लाइटें बंद कर, दरवाजे पर या बालकनी में, खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं।