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महाराष्‍ट्र दिवस पर उत्तर भारतीय संघ ने किया रक्‍तदान शिविर का आयोजन

मुंबई: महाराष्‍ट्र दिवस के मौके पर ‘उत्तर भारतीय संघ’ की तरफ से बांद्रा पूर्व स्थित संघ भवन में ‘रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में 200 से अधिक बोतल रक्त एकत्रित किया गया।
उत्तर भारतीय संघ के अध्यक्ष संतोष आरएन सिंह ने सबसे पहले रक्तदान कर एक मिसाल पेश की। इस दौरान उत्तर भारतीय संघ कार्यकारिणी के सदस्य और बड़ी संख्या में युवा मौजूद थे।
इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष संतोष आरएन सिंह ने कहा कि मुंबई और महाराष्ट्र ने उत्तर भारतीयों को रोजी-रोटी और सम्मान दिया है। हमारे पूर्वज यहां आए और उन्‍होंने कड़ी मेहनत कर अपना मुकाम बनाया। उत्तर भारतीयों का भी फर्ज बनता है कि हम लोग मुंबई और महाराष्ट्र की सेवा में थोड़ा योगदान दें। इसी उद्देश्य से इस रक्तदान महाशिविर का आयोजन किया गया। उन्‍होंने कहा कि रक्तदान शिविर में 200 से अधिक बोतल रक्त एकत्रित किया गया। यहां जेजे अस्पताल की टीम का बहुत सहयोग मिला। उन्‍होंने दूसरी शिफ्ट में रक्त एकत्रित करने पर सहमति प्रदान की। हालांकि, हमारा लक्ष्य बहुत बड़ा था।
संतोष आरएन सिंह ने कहा कि शिविर में वरिष्‍ठों का आशीर्वाद मिला, जबकि युवा बड़ी संख्‍या में रक्तदान के लिए एकत्रित हुए। उन्‍होंने सभी का आभार प्रकट किया। सबसे पहले रक्तदान करने के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि लोग रक्तदान के लिए प्रेरित हो सकें, इसलिए उन्‍होंने खुद रक्तदान कर महाशिविर की शुरुआत की। जेजे अस्पताल की टीम ने अजय भिसे के नेतृत्व में रक्त संग्रहित किया।

इस मौके पर उत्तर भारतीय संघ से जुड़े राधेश्‍याम तिवारी, उत्तर भारतीय संघ युवा अध्यक्ष संजय सिंह, मुंबई भाजपा उपाध्‍यक्ष अमरजीत सिंह, देवेंद्र तिवारी, अवनीश सिंह, इंद्रमणि दुबे, सूर्यनारायण तिवारी, वैजनाथ मिश्रा, रमेश बहादुर सिंह, संजू सिंह, भानु प्रताप सिंह, अंतेश सिंह, एसबी गिरी, आदित्य दुबे, प्रहलाद पांडे, रमेश सिंह, अजय सिंह, सीबी सिंह, जयप्रकाश सिंह, राजेश सिंह, वसीम खान, श्रीप्रकाश सिंह, पत्रकार विजय सिंह, राजकुमार सिंह, सुरेंद्र मिश्रा, लोक गायक सुरेश शुक्ला आदि उपस्थित थे।

कोरोना काल में एकत्रित किया था एक हजार बोतल रक्त
यह पहला मौका नहीं है, जब उत्तर भारतीय संघ की तरफ से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है। इसके पहले भी कोरोना संक्रमण के समय, जब मुंबई के अस्पतालों में रक्त की भारी कमी हो गई थी, तब उत्तर भारतीय संघ की तरफ से महारक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान एक हजार बोतल रक्त एकत्रित किया गया था।