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महाराष्ट्र: भीषण सड़क हादसे में मराठा नेता विनायक मेटे की मौत, सीएम शिंदे और फडणवीस पहुंचे अस्पताल

बीड,(राजेश जायसवाल): महाराष्ट्र के प्रमुख मराठा नेता विनायक मेटे का रविवार सुबह एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। वे 52 वर्ष के थे। पांच बार महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य रहे विनायक मेटे ‘शिव संग्राम पक्ष’ के अध्यक्ष थे। विनायक मेटे बीड जिले के राजेगांव के निवासी थे। बताया गया है कि हादसे में विनायक मेटे के सिर में गंभीर चोट आई थी, उन्हें पास के एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन वहां उनकी मौत हो गई।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह सड़क हादसा मुंबई से 70 किलोमीटर दूर खोपोली शहर के पास मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर हुआ। पुलिस के अनुसार, दुर्घटना रविवार सुबह 5:30 बजे भटन सुरंग के पास तब हुई, जब ‘शिव संग्राम पक्ष’ के मुखिया मेटे की कार तकनीकी खराबी के कारण पहाड़ी से टकरा गई। मेटे के बॉडीगार्ड राम ढोबळे और ड्राइवर एकनाथ कदम की हालत भी चिंताजनक बताई जा रही है। फिलहाल, इन दोनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
पूर्व एमएलसी विनायक मेटे को नवी मुंबई के एमजीएम अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया। बताया यह भी जा रहा है कि करीब एक घंटे तक मेटे को कोई मदद नहीं मिली। एक घंटे के बाद मौके पर एंबुलेंस आयी, फिर विनायक मेटे को नवी मुंबई के एमजीएम अस्पताल लाया जा सका, लेकिन तब तक उनका निधन हो चुका था।

ऐसे हुआ हादसा?
विनायक मेटे अपनी कार में बीड से मुंबई जा रहे थे। खोपोली के पास मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे पर सुबह साढ़े पांच बजे उनकी कार को एक ट्रक ने ओवरटेक कर लिया, जिससे कार चालक का संतुलन बिगड़ गया, लिहाजा उनकी गाड़ी सामने जा रही दूसरी कार से टकराते हुए पहाड़ी से जा टकराई। हादसा इतना भीषण था कि मेटे की कार के परखच्चे उड़ गए। जिसके चलते उन्हें सिर में गंभीर चोटें आई और अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

बता दें कि महाराष्ट्र में मेटे की पार्टी ‘शिव संग्राम पार्टी’ बीजेपी की सहयोगी है। घटना की जानकारी मिलते ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत कई नेता उनके परिवार को सांत्वना देने एमजीएम अस्पताल पहुंचे।

मराठा आरक्षण के मुद्दे पर बुलाई गई बैठक में हिस्सा लेने जा रहे थे मुंबई!
रविवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा मराठा आरक्षण के मुद्दे पर बुलाई गई एक महत्त्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लेने के लिए पूर्व विधायक मेटे देर रात में ही बीड से मुंबई के लिए रवाना हुए थे। महाराष्ट्र के मंत्री और पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि मेटे की मौत उनके लिए सदमे की तरह है।
बता दें कि 2008 में मेटे और उनके संगठन के कुछ अन्य कार्यकर्ताओं ने अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करने के तत्कालीन राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ अखबार में एक संपादकीय का विरोध करने के लिए एक मराठी दैनिक के तत्कालीन संपादक कुमार केतकर के ठाणे स्थित आवास पर हमला किया था। मेटे मुंबई में समुद्र के अंदर बनने वाले शिव स्मारक समिति के भी अध्यक्ष थे।

मराठा समुदाय के बीच लोकप्रिय नेता
विनायक मेटे को 2016 में बीजपी कोटे के तहत एमएलसी के रूप में निर्विरोध चुना गया था।लेकिन एकनाथ शिंदे के साथ नई गठबंधन सरकार में उनकी पार्टी को मौका नहीं मिला।महाराष्ट्र विधानसभा में मेटे की पार्टी बहुत बड़ी नहीं है। लेकिन मराठवाड़ा क्षेत्र के कुछ हिस्सों में मराठा समुदाय के बीच उनकी पार्टी काफी लोकप्रिय है।

शरद पवार समेत कई नेताओं ने जताया दुःख
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) चीफ शरद पवार ने भी विनायक मेटे के निधन पर दुख जताया है। राकांपा प्रमुख ने एक टीवी चैनल से कहा, उनका ध्यान राजनीतिक मुद्दों से ज्यादा सामाजिक मुद्दों पर था। वह एक राजनीतिक नेता से ज्यादा एक सामाजिक कार्यकर्ता थे।
पवार ने कहा, यह हमारे लिए बहुत बड़ा झटका है। वह पहले भी राकांपा का हिस्सा थे। उन्होंने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठों के लिए आरक्षण की मांग को आगे बढ़ाया।
वहीँ पूर्व सीएम व कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा, मेटे जैसे नेता को खोना दुर्भाग्यपूर्ण है। हम अलग-अलग राजनीतिक दलों में होने के बावजूद, राज्य में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मेटे और मैं लगभग एक ही पृष्ठ पर थे।