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महाराष्ट्र में शिंदे संग भाजपा बनाएगी नई सरकार, दो दिन में हो सकता है शपथ ग्रहण समारोह!

मुंबई: मुख्यमंत्री पद से उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन की कवायद तेज हो चुकी है. इस बीच शिवसेना के बाग़ी नेता एकनाथ शिंदे ने कहा है कि अभी तक भाजपा के साथ मंत्री पदों को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है.
बुधवार देर रात उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद से ही मंत्री पद के लिए नामों को लेकर अटकलें तेज हो गई थी. अब एकनाथ शिंदे ने कहा है कि मंत्रियों के नामों की ऐसी किसी भी सूची पर भरोसा न करें.
शिंदे ने ट्वीट किया- ‘किसे मंत्री बनाया जाएगा और किसे कितने मंत्रिपद दिए जाएंगे, इसको लेकर बीजेपी के साथ अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है. जल्द इस पर विचार किया जाएगा. तब तक मंत्रियों की किसी भी सूची पर भरोसा न करें’.

महाराष्ट्र में एक बार फिर देवेंद्र सरकार
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के इस्तीफ़े के बाद राज्य में फिर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का सत्ता में लौटना और विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस के फिर से प्रदेश का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है.
बुधवार रात उद्धव ठाकरे के इस्तीफ़ा देने के दौरान मुंबई के ताज प्रेसिडेंट होटल में जुटे बीजेपी के विधायकों ने मिठाइयाँ बाँटीं और पार्टी, फडणवीस और प्रधानमंत्री मोदी के लिए जमकर नारे भी लगाए. महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने भी देवेंद्र फडणवीस को मिठाई खिलाई. बीजेपी विधायक मनीषा चौधरी ने यहां सबसे पहले देवेंद्र फडणवीस का मुँह मीठा कराया. हालाँकि, वहाँ फडणवीस ने पत्रकारों से केवल इतना कहा- ‘मैं पार्टी का रुख कल पक्के तौर पर बताऊंगा’.

इसी कड़ी में गुरूवार सुबह 11 बजे देवेंद्र फडणवीस के आवास पर कोर कमेटी की बैठक चल रही है. इस बैठक में सरकार बनाने की रणनीति पर चर्चा होगी. कयास लगाये जा रहे हैं कि बैठक ख़त्म होने के बाद देवेंद्र फडणवीस इसकी घोषणा कर सकते हैं.

बता दें कि देवेंद्र फडणवीस यदि सरकार बनाते हैं तो वो तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे. वो सबसे पहले 2014 से 2019 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे. इसके बाद नवंबर 2019 में चुनाव के बाद नाटकीय परिस्थिति में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें सुबह-सुबह मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई, मगर 80 घंटे बाद उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा था. इसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर नई सरकार बनाई और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने थे.

सीधे शपथ-ग्रहण समारोह में ही आएंगे बागी विधायक
वहीं खबर है कि शिवसेना के बागी गुट से सभी विधायक आज होने वाले फ्लोर टेस्ट में हिस्सा लेने के लिए गोवा से आज मुंबई पहुंचने वाले थे, लेकिन उद्धव ठाकरे के इस्तीफे की बाद बागी विधायकों ने भी रणनीति बदल दी है और अब सभी बागी विधायक सीधे शपथ ग्रहण समारोह में ही मुंबई पहुंचेंगे.
महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि जो विधायक (शिवसेना के बागी विधायक) कल मुंबई पहुंच रहे थे, मैं उनसे कल नहीं आने का आग्रह करता हूं. वे शपथ ग्रहण के दिन मुंबई आएं. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं को जीत में संयम बरतना चाहिए.

राउत बोले- शिवसेना सत्ता के लिए नहीं, सत्ता शिवसेना के लिए पैदा हुई
संजय राउत ने कहा, शिवसेना सत्ता के लिए नहीं पैदा हुई बल्कि सत्ता शिवसेना के लिए पैदा हुई है. ये बालासाहेब ठाकरे जी का मंत्र रहा हमेशा…! हम वापस काम करेंगे और फिर एक बार अपने बलबूते सत्ता में आएंगे.
महाराष्ट्र के सीएम पद से उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत ने कहा कि पार्टी के अपने ही लोगों ने गद्दारी की. संजय राउत ने आगे कहा कि कल जब उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया तो हम भावुक हो गए. उद्धव ठाकरे पर सभी को भरोसा है. हर जाति और धर्म के लोग उनका समर्थन करते हैं. सोनिया गांधी और शरद पवार को उन पर भरोसा है. संजय राउत ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय से जिस तरह का फैसला आया, उसके बाद उनके लिए पद पर बने रहना उचित नहीं था. वो बहुत ही नैतिकता की राजनीति करने वाले नेता हैं. उन्होंने ये भी कहा कि वो ईडी के सामने पेशी के लिए कल दिल्ली जाएंगे.
इससे पहले संजय राउत ने एक तस्वीर भी ट्वीट की, जिसमें एक नुकीली चीज़ से घायल पीठ दिख रही है. इसे शिवसेना के बाग़ियों पर निशाना समझा जा रहा है. राउत ने इस तस्वीर के साथ लिखा- ‘असल में यही हुआ है’.

विधायक बालाजी किणीकर को जान से मारने की धमकी!
शिवसेना के बागी विधायक बालाजी किणीकर को मिली जान से मारने की धमकी,
अंबरनाथ के शिवसेना विधायक बालाजी किणीकर जो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना विधायकों के बागी खेमे के साथ हैं, उनको जान से मारने की धमकी मिली है, जिसके बाद शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की गई है. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी.
बता दें कि कुछ दिन पहले ठाणे जिले के अंबरनाथ में किणीकर के कार्यालय में एक गुमनाम पत्र भी प्राप्त हुआ था.
एक पुलिस अधिकारी ने पत्र के हवाले से कहा कि पत्र में आरोप लगाया गया है कि किणीकर अंबरनाथ में शिवसैनिकों को ‘परेशान’ कर रहा है और इसलिए एक दिन उसे मार दिया जाएगा. पत्र प्राप्त करने वाले किनिकर के निजी सहायक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है जिसकी जांच की जा रही है. इस बीच, अंबरनाथ में किणीकर को ‘विश्वासघाती’ बताते हुए पोस्टर भी सामने आए हैं.