ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य

महाराष्ट्र: शिवभोजन योजना को मंत्रिमंडल की मंजूरी

मुंबई: प्रदेश के गरीब और जरूरतमंद लोगों को केवल 10 रुपए में ‘शिवभोजन’ उपलब्ध कराने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। मंगलवार को राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार शिवभोजन योजना को प्रायोगिक आधार पर तीन महीने के लिए शुरू किया जाएगा। तीन महीने में इस पर 6 करोड़ 48 लाख रुपए खर्च का अनुमान है। शिवभोजन योजना के तहत पहले चरण में प्रत्येक जिला मुख्यालय में कम से कम एक भोजनालय शुरू किया जाएगा। इस भोजनालय में अधिकतम 500 थाली शुरू करने की मंजूरी दी गई है। भोजनालय दोपहर 12 से 2 बजे के बीच शुरू रहेगा। योजना को मिलने वाले प्रतिसाद को देखकर राज्य के अन्य हिस्सों में इसको लागू किया जाएगा।

ऐसी होगी भोजन की थाली
राज्य सरकार की ओर से शुरू किए जाने वाले भोजनालय में 30 ग्राम की दो रोटियां, 100 ग्राम भाजी, 150 ग्राम चावल और 100 ग्राम एक कटोरी दाल दी जाएगी। यह शिवभोजना थाली 10 रुपए में दी जाएगी।

संस्थाओं को मिलेगा अनुदान
शिवभोजन थाली की कीमत शहरी इलाकों में 50 रुपए और ग्रामीण इलाकों में 35 रुपए होगा। ग्राहकों से प्रति थाली 10 रुपए लिया जाएगा। जबकि बची हुई अतिरिक्त राशि अनुदान के रूप में खाद्य व आपूर्ति विभाग की ओर से जिलाधिकारियों को दी जाएगी। इसके बाद जिलाधिकारी भोजनालय चलाने वाले संस्था को अनुदान वितरित करेंगे। शहरी इलाकों के लिए प्रति थाली 40 रुपए और ग्रामीण इलाकों के लिए प्रतिथाली 25 रुपए का अनुदान दिया जाएगा।

निगरानी के लिए बनेगी समिति
शिवभोजन योजना पर निगरानी रखने के लिए राज्य स्तर पर मुख्य सचिव अजोय मेहता की अध्यक्षता में उच्चाधिकार समिति गठित की जाएगी। यह समिति सेंट्रल कीचन, नामचीन गैर सरकारी संगठनों की भागीदारी, ट्रस्ट व सीएसआर के भागीदारी को लेकर फैसला करेगी। योजना शाश्वत व टिकाऊ बनाने के लिए समिति क्रॉस सब्सिडी और सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर जोर देगी।

कौन शुरू कर सकता है भोजनालय
शिवभोजन योजना के तहत भोजनालय शुरू करने के लिए महिला बचत समूह, भोजनालय, रेस्टोरेंट, गैर सरकारी संगठनों में से सक्षम भोजनालय का चयन किया जाएगा। इसके लिए मनपा स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी। जबकि तहसील स्तर पर तहसीलदार की अध्यक्षता में समिति होगी। गरीब इलाकों, जिला अस्पताल, बस डिपो, रेलवे स्टेशन, बाजार, सरकारी कार्यालय जैसे स्थलों पर थाली बेची जाएगी।