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महाराष्ट्र: सरकारी हॉस्टल में लड़कियों के कपड़े उतरवाकर पुलिसकर्मी करवाते थे डांस! विधानसभा में उठा मामला, गृहमंत्री देशमुख ने दिए मामले की जांच के आदेश

जलगांव: महाराष्ट्र के जलगांव में एक हैरान और मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है, जहां कुछ पुलिसकर्मियों के अन्य लोगों के साथ मिलकर सरकारी हॉस्टल में लड़कियों को न्यूड डांस के लिए मजबूर किया।
यह घटना जालगांव शहर के आशादीप महिला हॉस्टल की है।

यह मामला महाराष्ट्र विधानसभा में छिकली से बीजेपी विधायक श्वेता महाले ने उठाया। एक स्थानीय एनजीओ ने मंगलवार को जिला कलेक्टर से घटना की शिकायत की है।

क्या है पूरा मामला?
जलगांव के एक सरकारी हॉस्टल में पुलिस द्वारा महिलाओं को जबरदस्ती कपड़े उतारकर नाचने को मजबूर करने का वीडियो वायरल हो गया। घटना 1 मार्च की है, यहां पुलिसवालों और कुछ बाहरी लोगों ने हॉस्टल में रहने वाली महिलाओं को जबरन नग्न करवा कर डांस के लिए मजबूर किया था। जिसके बाद हर जगह इस घटना का तीव्र विरोध किया जा रहा है।
इस मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री व भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि अब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का समय आ गया है। अगर हमारे राज्य में महिलाओं के साथ ऐसी बदसलूकी हो रही हो तो इस सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है, और यही वह समय है जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए।

राज ठाकरे की MNS ने दी चेतावनी
राज ठाकरे की पार्टी (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) भी इसके विरोध में आ गई है। मनसे नेता रूपाली पाटील ने फेसबुक पर विरोध करते हुए लिखा- इस मामले में दोषी पुलिसवालों और अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई कर उन्हें नौकरी से निलंबित किया जाए और अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम मनसे स्टाइल में इन अधिकारियों को निर्वस्त्र करके सजा देंगे। खबर के मुताबिक, इस मामले पर मनसे चीफ राज ठाकरे भी अपना बयान दे सकते हैं।

विधानसभा में हुई घटना की घोर निंदा
विधानसभा में विधायक श्वेता महाले ने कहा कि जलगांव के आशादीप हॉस्टल में जो हुआ वह बेहद निंदनीय है। पुलिस महिलाओं की रक्षक होती है। परन्तु वही महिलाओं पर अन्याय करें, महिलाओं को निर्वस्त्र करके नचाए, तो यह एक गंभीर मामला है। इस पर सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि ‘मैं इस घटना की घोर निंदा करता हूं, मैं संविधान को मानने वाला हूं और उसी का पालन करता हूं, पर हमारे राज्य में मां बहनों पर ऐसा अत्याचार हो रहा है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना ही एक मार्ग बचता है।
हमारी माता बहनों को निवस्त्र करना महाराष्ट्र को शोभा देता है क्या? इसलिए मैं मांग करता हूं कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए। इस पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक नाराज़ नज़र आए और उन्होंने इस स्टेटमेंट को सदन की कार्यवाही से निकालने की मांग भी की। इस मामले में अध्यक्ष ने बयान को जांचने का आदेश दिया है। नवाब मलिक ने कहा कि आप हमें राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी मत दीजिए यह लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार है। सरकार अपने संख्या बल से चलती है इस तरह धमकी देना गलत है।

फडणवीस ने भी जताया विरोध
पूर्व सीएम व विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि लोकतंत्र में सरकार बर्खास्त करने की मांग करना सदस्यों का अधिकार है। इस घटना का वीडियो क्लिप जिस तरह से वायरल हुई है। उसे देखते हुए इस संवेदनशील मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए।
इस दौरान राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि जलगांव मामले में चार लोगों की समिति बनाई गई है और आने वाले 2 दिनों में जांच पूरी की जाएगी।

बता दें कि यह हॉस्टल राज्य सरकार के अधीन आने वाले महिला और बाल विकास विभाग की ओर से संचालित किया जाता है। गणेश कॉलोनी में स्थित इस हॉस्टल में निराश्रित, उत्पीड़ित महिलाओं और लड़कियों को आश्रय और भोजन दिया जाता है।