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महाराष्‍ट्र कोरोना केस: सिद्धिविनायक मंदिर में बंद हुए भक्‍तों के लिए दर्शन, शिरडी साई मंदिर में भक्तों के दर्शन को लेकर किया गया बड़ा बदलाव…

मुंबई: महाराष्‍ट्र में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए मुंबई के प्रसिद्ध श्री सिद्धिविनायक मंदिर को भी भक्‍तों के लिए बंद कर दिया गया है. श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्‍ट के मुताबिक, भक्‍तों के लिए यह रोक 2 मार्च को पड़ने वाली गणेश अंगारकी चतुर्थी के दिन रहेगी. 2 मार्च को मंदिर में किसी भी तरह के ऑफलाइन दर्शन की मंजूरी नहीं दी जाएगी. गणेश अंगारकी चतुर्थी के दिन सिर्फ पहले से जारी हुए ‘क्‍यूआर कोड’ के जरिये ही सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक दर्शन करने की अनुमति रहेगी.

शिरडी के साईबाबा मंदिर में भक्तों के दर्शन को लेकर हुआ बड़ा बदलाव
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने शिरडी के साईबाबा मंदिर में भक्तों के लिए दर्शन को लेकर एक बड़ा फैसला किया है. शिरडी ट्रस्ट की ओर से दर्शन का समय बदल दिया गया है. संस्थान की ओर से भक्तों के लिए नई समय सारणी लागू की गई है. अब भक्तगण साईं बाबा की रात को होने वाली सेज आरती और सुबह होने वाली काकड़ आरती में शामिल नहीं हो सकेंगे.

सुबह 6 बजे तक रात 9 बजे तक ही दर्शन
संस्थान की ओर से भक्तों के लिए नई समय सारणी जारी की गई है. इसके मुताबिक भक्त सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक ही दर्शन कर सकेंगे. गौरतलब है कि रात 10.30 बजे साईं बाबा की सेज आरती की जाती है, वहीं सुबह 4.30 बजे काकड़ आरती की जाती है. अब भक्त इस आरती में शामिल नहीं हो सकेंगे. ट्रस्ट की ओर से यह कदम कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को लेकर उठाया गया है. शिरडी में रात 10 बजे से सुबह 5 बजे का नाइट कर्फ्यू लागू है. इससे अलावा यह भी फैसला लिया गया है कि दर्शन के लिए जाने वाले 150 से 200 भक्तों का रोजाना रैंडम कोरोना टेस्ट भी कराया जाएगा. फिलहाल यह व्यवस्था 15 मार्च तक लागू रहेगी.

बता दें कि मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं. 24 घंटे में शहर में 1167 मामले सामने आए हैं. यह जानकारी महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने दी है. पूरे महाराष्ट्र में 8,807 मामले सामने आए हैं. वहीँ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 राज्यों में हाई लेवल मल्टी डिसिप्लिनरी टीम भेजी हैं. ये राज्य महाराष्ट्र, केरल, छसत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और जम्मू कश्मीर हैं. ये हाई लेवल टीम तीन सदस्यों की होगी और इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी होंगे. इस टीम को जॉइंट सेक्रेटरी लेवल के अधिकारी हेड करेंगे. ये टीम ना सिर्फ इन राज्यों में मामले क्यों बढ़ रहे हैं इसका पता लगाएगी. बल्कि राज्यों के अधिकारी और स्वास्थ्य अथॉरिटी के साथ कैसे मामले कम हों, इस पर भी काम करेगी.