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मुंबई के सायन में 22 करोड़ की हेरोइन बरामद! ड्रग्स तस्करी का राजस्थान कनेक्शन

मुंबई,(राजेश जायसवाल): मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी नॉरकोटिक्स शाखा ने मंगलवार की दोपहर सायन-कोलीवाड़ा इलाके में ट्रांजिट कैम्प के पास कार्तिक टेलीफोन बूथ के पास बड़ी छापेमारी करते हुए 21 करोड़ 60 लाख रूपये की हेरोइन ड्रग्स बरामद की है. इस बरामदगी के साथ एक महिला ड्रग्स सप्लायर को भी गिरफ्तार किया गया है, जो मुंबई के बड़े ड्रग्स सप्लायरों में से एक है. एंटी नॉरकोटिक्स शाखा की अब तक जांच में यह सामने आया है कि आरोपी महिला एक बड़ा ड्रग्स रैकेट चलाती है.

दरअसल, एंटी नॉरकोटिक्स शाखा की घाटकोपर यूनिट को गोपनीय सूत्रों से जानकारी मिली थी कि ड्रग्स का कारोबार करने वाले कई गैंग ट्रेनों और बसों के जरिए राजस्थान से मुंबई में न सिर्फ हेरोइन की खेप मंगवा रहे हैं, बल्कि बड़े स्तर पर अलग-अलग इलाकों में सप्लाई भी कर रहे हैं. मिले सुराग के आधार पर जांच के दौरान एंटी नॉरकोटिक्स शाखा को जानकारी मिली थी कि सायन-कोलीवाड़ा के ट्रांजिट कैम्प के पास ड्रग्स की बड़ी खेप सप्लाई के लिए आने वाली है. जानकारी मिलते ही फौरन ट्रैप लगाया गया और मानखुर्द के लल्लूभाई कम्पाउंड से 7 किलो 200 ग्राम हेरोइन के साथ आई महिला को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार महिला का नाम अमीना हमजा उर्फ़ लाली (53) है, जो पहले पति के लिए ड्रग्स लाती थी. दो बार पकड़े जाने के बाद जेल गई और वहां लोगों के संपर्क में आने के बाद पिछले 10 सालों से वह ड्रग्स सप्लाई का कारोबार कर रही है.

एंटी नॉरकोटिक्स शाखा के डीसीपी दत्ता नलावाड़े ने बताया कि ड्रग्स के खिलाफ मुंबई पुलिस ने एक अभियान चला रखा है. इसी अभियान के तहत घाटकोपर यूनिट को जानकारी मिली थी कि ड्रग्स की बड़ी खेप के साथ महिला सायन इलाके में आने वाली है. जानकारी मिलते ही ट्रैप लगाया गया और महिला को 22 करोड़ की हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया. यह महिला पिछले 10 सालों से ड्रग्स सप्लाई का रैकेट चलाती है और इस रैकेट का सीधा कनेक्शन राजस्थान से है.
ड्रग्स पहुंचाने वाले को 1-2 लाख रुपये दिए जाते थे
एंटी नॉरकोटिक्स शाखा के मुताबिक, मुंबई में बैठकर यह महिला ड्रग्स का सिंडिकेट चला रही थी, जो राजस्थान तक फैला हुआ था. इस सिंडिकेट से जुड़े लोग राजस्थान के प्रतापगढ़, झालावाड़, चित्तौड़गढ़ से ट्रेनों और बसों के जरिए ड्रग्स खेप को मुंबई में भेजते थे. इस दौरान यह गैंग पूरी गोपनीयता बरतता था. ट्रेनों या बसों से जो शख्स ड्रग्स की खेप लेकर मुंबई आता था, उस पर नजर रखने के लिए दो लोग अलग से होते थे. ड्रग्स पहुंचाने वाले को भी 1-2 लाख रुपये दिए जाते थे. एंटी नॉरकोटिक्स शाखा यह पता लगाने में जुटी हुई है कि इतना बड़ी मात्रा में ड्रग्स की सप्लाई कहां की जानी थी और कौन-कौन से लोग इसमें शामिल हैं. इतना ही नही, एंटी नॉरकोटिक्स शाखा इस केस को लेकर राजस्थान पुलिस के संपर्क में है, ताकि पूरे रैकेट को जड़ से खत्म किया जा सके.