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मुंबई: तीसरी AC लोकल के ट्रायल शुरू, जल्द ही दौड़ेगी

मुंबई, मुंबई में तीसरी एसी लोकल के ट्रायल शुरू कर दिए गए हैं। चर्चगेट से बोरीवली के बीच में किए गए इन ट्रायल्स के दौरान कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। उम्मीद है कि जल्द ही इसे सेवा में शामिल कर लिया जाएगा। फिलहाल जो एसी लोकल सेवारत है, वह भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) द्वारा निर्मित दूसरी एसी लोकल है। पश्चिम रेलवे की तीसरी एसी लोकल भी BHEL ने ही बनाई है। मुंबई की सबसे पहली एसी लोकल को पीरियोडिक ओवरहॉलिंग (POH) के लिए भेजा गया है।
इस बार एसी लोकल के दरवाजों में पुश बैक सिस्टम लगाया गया है। यदि किसी यात्री का बैग या हाथ दरवाजे में अटक जाता है, तो उसी समय दरवाजों को खिसका कर दरवाजा खोला जा सकता है। पहली एसी लोकल के दरवाजों में चीज अटकने पर उसे मैन्युअली निकालना पड़ता था। इस प्रक्रिया में समय लगने के कारण ट्रेन लेट हो जाती थी।

दरवाजे नहीं अटकेंगे
पुश बैक सिस्टम के अलावा नई एसी लोकल में खास बदलाव नहीं हैं। इसे लेकर यात्रियों को मायूसी ही हाथ लगने वाली है। तीसरी एसी लोकल में भी मौजूदा सेवारत दूसरी एसी लोकल जैसी ही सीटें लगी हुई हैं। इन सीटों की गुणवत्ता को लेकर कई यात्रियों ने ट्विटर पर नाराजगी जाहिर की थी।

मिलेगी ‘फर्स्ट क्लास’ राहत
वर्तमान में पश्चिम रेलवे पर सोमवार से शुक्रवार तक रोजाना एसी लोकल की 12 सेवाएं चलती हैं। तीसरी एसी लोकल को सेवा में शामिल करने के बाद और 12 सेवाएं चलाई जा सकती हैं। POH से लौटने के बाद पहली एसी लोकल की मदद से शनिवार और रविवार को भी सेवाएं चलाई जाएंगी। पश्चिम रेलवे के अनुसार, एक रेक हमेशा स्पेयर में रखा जाएगा। एसी की 12 और सेवाएं शामिल होने के बाद सबसे ज्यादा फायदा फर्स्ट क्लास के यात्रियों को मिलेगा। सामान्य लोकल में द्वितीय श्रेणी के यात्रियों से पांच गुना ज्यादा किराया देने पर भी व्यस्त समय में फर्स्ट क्लास के डिब्बों में भीड़ रहती है।

मध्य रेलवे के लिए लंबा इंतजार
पश्चिम रेलवे में जहां जल्द ही एक और एसी लोकल का रेक सेवा में शामिल किया जाएगा, वहीं मध्य रेलवे के यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ेगा। एसी लोकल पर डक्ट होने के कारण इसकी ऊंचाई सामान्य लोकल के मुकाबले ज्यादा है। मध्य रेलवे के रूट पर खासतौर से सैंडहर्स्ट रोड, वडाला और चेंबूर के आसपास रेलओवर ब्रिज की ऊंचाई उतनी नहीं है, जिससे एसी लोकल सामान्य रूप से चल सके। सामान्य लोकल ट्रेनों की ऊंचाई 4.270 मीटर होती है, वहीं एसी लोकल की ऊंचाई इससे 15 मिमी ज्यादा है। रेलवे के तय मानकों के मुताबिक चलती लोकल में ओवरहैड वायर और लोकल की छत में 2.70 मीटर का अंतर होना चाहिए।