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मुंबई: निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने NIA कोर्ट में दायर की जमानत याचिका, रिहा करने का किया अनुरोध

मुंबई: उद्योगपति मुकेश अम्बानी के निवास एंटीलिया केस में तलोजा जेल में बंद मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे ने विशेष एनआईए अदालत में जमानत याचिका दायर की है और अदालत से उन्हें जमानत पर रिहा करने का अनुरोध किया है। क्योंकि एनआईए उनकी गिरफ्तारी के 90 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने में विफल रही है।
गौरतलब है कि बीती 8 जुलाई को एनआईए की विशेष अदालत ने ईडी को महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दर्ज मनी लांड्रिंग मामले में मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे से पूछताछ की इजाजत दी थी। सजिन वाजे को एंटीलिया केस और ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्‍या के मामले में मार्च में गिरफ्तार किया गया था।
गौरतलब है कि सचिन वाजे की गिरफ्तारी व मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाए जाने के बाद परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर

मुंबई: निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने NIA कोर्ट में दायर की जमानत याचिका, रिहा करने का किया अनुरोध
मुंबई: निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने NIA कोर्ट में दायर की जमानत याचिका, रिहा करने का किया अनुरोध

तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ वसूली करवाने का आरोप लगाया था। गृहमंत्री देशमुख ने सचिन को बार व रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये प्रतिमाह वसूली का लक्ष्य दिया था। हालांकि, अनिल देशमुख ने आरोपों से इन्कार किया था।

बॉम्बे हाईकोर्ट का कहना था कि उसे उम्मीद है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दायर FIR को लेकर CBI अपनी जांच का दायरा बढ़ाएगी। अदालत ने यह भी कहा था कि प्रशासन का प्रमुख निर्दोष होने का दावा नहीं कर सकता, वह भी समान रूप से जिम्मेदार है। इस मामले में जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजे जमादार की खंडपीठ ने कहा कि था कि अगर हाईकोर्ट के 5 अप्रैल के आदेश को सही मायनों में देखा जाए तो प्रत्‍येक व्यक्ति की जांच करनी होगी।
5 अप्रैल को हाईकोर्ट ने देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ सीबीआई को प्रारंभिक जांच के आदेश दिए थे। हाइकोर्ट देशमुख की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सीबीआई द्वारा 24 अप्रैल को उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोप में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी। यह एफआईआर हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रारंभिक जांच के बाद दर्ज की गई थी।