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मुंबई: बीजेपी की ‘जन-आशीर्वाद यात्रा’ में कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने का आरोप, पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर दर्ज की FIR

मुंबई: मुंबई पुलिस ने भाजपा नेता व नवनियुक्त केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की ‘जन-आशीर्वाद यात्रा’ के आयोजकों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोरोना नियमों के उल्लंघन मामले में FIR दर्ज की है. गुरुवार को नारायण राणे की ‘जन-आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान कथित तौर पर कोरोना नियमों को तोड़ने का आरोप है. मुंबई पुलिस ने इस मामले में बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR दर्ज की है.
बता दें कि महाराष्ट्र के चार केंद्रीय मंत्रियों ने गुरुवार को मुंबई से ‘जन-आशीर्वाद यात्रा’ की शुरुआत की थी. हाल ही में नारायण राणे मोदी कैबिनेट में शामिल हुए हैं. संसद में हंगामे की वजह से पीएम मोदी उनका परिचय नहीं करा सके थे. इसीलिए अब वह जनता के बीच पहुंचकर उनका आशीर्वाद ले रहे हैं. राणे की जन-आशीर्वाद यात्रा में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुंबई अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढा, विधायक और विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर, कालिदास कोळंबकर, कैप्टन तमिल आर सेल्वम, प्रसाद लाड, कृपाशंकर सिंह सहित पार्टी के अन्य नेताओं ने रैली में भाग लिया था.

गौमूत्र से शुद्ध किया गया बालासाहेब का स्मारक!
केंद्रीय केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के श्रद्धांजलि देने के कुछ घंटे बाद शिवसैनिकों ने गुरूवार को स्मारक स्थल को गौमूत्र से धोया और उसे शुद्ध करने के लिये दूध से अभिषेक किया. स्मारक पर जाने के राणे के फैसले का शिवसेना के कुछ नेताओं ने पहले विरोध किया था. राणे के दौरे के बाद स्थानीय शिवसेना कार्यकर्ता अप्पा पाटिल ने उस स्थान को गौमूत्र से धोया जहां राणे ने ठाकरे को श्रद्धांजलि दी थी और उसके बाद उनकी प्रतिमा का दूध से अभिषेक किया.
पाटिल ने मीडिया को बताया कि राणे यहां बालासाहेब को श्रद्धांजलि देने आये थे, लेकिन उसी दौरान उन्होंने उस पार्टी की आलोचना की जिसकी स्थापना उन्होंने की है. उनके आने से यह स्थान अशुद्ध हो गया था, इसलिये हम इसे स्वच्छ करना चाहते थे.

गौरतलब है कि नारायण राणे पहले शिवसेना में थे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. बाद में उन्होंने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया और 2019 में वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट में शामिल होने के बाद मुंबई में उन्होंने ‘जन-आशीर्वाद यात्रा’ की शुरूआत की है. शिवसेना के स्थानीय सांसद विनायक राउत ने कहा कि बालठाकरे राणे जैसे लोगों को कभी आशीर्वाद नहीं देंगे. राउत ने बुधवार को कहा था कि शिवसैनिक केंद्रीय मंत्री को स्मारक पर जाने की अनुमति नहीं देंगे क्योंकि उन्होंने बालठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी को तोड़ा था. लेकिन शिवसेना कार्यकर्ताओं ने राणे के दौरे के दौरान कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया.

बालठाकरे किसी की निजी संपत्ति नहीं
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शिवसेना कार्यकर्ताओं के स्मारक को धोने के कृत्य की आलोचना की है. विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि बालठाकरे किसी की निजी संपत्ति नहीं हैं. वही बीजेपी नेता आशीष शेलार ने कहा कि शिवसेना को अब ऐसी नौटंकी बंद कर देनी चाहिए.