दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़मुंबई शहरसामाजिक खबरें

मोदी को मिला पहला ‘लता दीनानाथ मंगेशकर’ पुरस्कार, प्रधानमंत्री बोले- दीदी के सुरों ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने का काम किया

संगीत साधना भी है…भावना भी : पीएम मोदी

नयी दिल्ली/ मुंबई, (राजेश जायसवाल): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रविवार को मुंबई में पहला ‘लता दीनानाथ मंगेशकर’ पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पुरस्कार कार्यक्रम महान गायिका लता मंगेशकर की स्मृति और सम्मान में स्थापित किया गया है, जिनका इस वर्ष की शुरुआत में मुंबई में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

मुंबई के माटुंगा स्थित षणमुखानंद हॉल में ‘मास्टर दीनानाथ मंगेशकर स्मृति प्रतिष्ठान चैरिटेबल ट्रस्ट’ द्वारा आयोजित पुरस्कार समारोह में पीएम मोदी ने उषा मंगेशकर, आशा भोंसले, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस, प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल, विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा सहित अन्य की उपस्थिति में पुरस्कार प्राप्त किया।

‘मास्टर दीनानाथ मंगेशकर स्मृति प्रतिष्ठान चैरिटेबल ट्रस्ट’ ने एक बयान में कहा है कि यह पुरस्कार हर साल उस व्यक्ति को दिया जाएगा जिसने हमारे देश, उसके लोगों और हमारे समाज के लिए पथप्रदर्शक, शानदार और अनुकरणीय योगदान दिया है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं संगीत जैसे गहन विषय का जानकार तो नहीं हूँ, लेकिन सांस्कृतिक बोध से मैं ये महसूस करता हूँ कि संगीत एक साधना भी है, और भावना भी। संगीत आपको राष्ट्रभक्ति और कर्तव्य बोध के शिखर तक पहुंचा सकता है। हम सब सौभाग्यशाली है कि हमने संगीत की इस शक्ति ‘लता दीदी’ के रूप में साक्षात देखा है। हमें अपने आंखों से उनके दर्शन करने का सौभाग्य मिला है। मुझे गर्व होता है कि लता दीदी मेरी बड़ी बहन थीं। पीढ़ियों को प्रेम और भावना का उपहार देने वाली लता दीदी की तरफ से हमेशा एक बड़ी बहन जैसा अपार प्रेम मुझे मिला है। इससे बड़ा सौभाग्य और क्या हो सकता है।
पीएम मोदी ने कहा कि पुरस्कार जब लता दीदी जैसी बड़ी बहन के नाम से हो तो मेरे लिए उनके अपनत्व और प्यार का ही एक प्रतीक है। मैं इस पुरस्कार को सभी देशवासियों के लिए समर्पित करता हूं। जिस तरह लता दीदी जन-जन की थीं। उसी तरह से उनके नाम से मुझे दिया गया ये पुरस्कार जन-जन का है। लता जी ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की मधुर प्रस्तुति की तरह थीं। आप देखिए, उन्होंने देश की 30 से ज्यादा भाषाओं में हजारों गीत गाये। हिन्दी हो मराठी, संस्कृत हो या दूसरी भारतीय भाषाएं, लताजी का स्वर वैसा ही हर भाषा में घुला हुआ है। उन्‍होंने कहा कि संगीत के साथ साथ राष्ट्रभक्ति की जो चेतना लता दीदी के भीतर थी, उसका स्रोत उनके पिताजी ही थे। आजादी की लड़ाई के दौरान शिमला में ब्रिटिश वायसराय के कार्यक्रम में दीनानाथ जी ने वीर सावरकर का लिखा गीत गाया था। उसकी थीम पर प्रदर्शन किया था। संस्कृति से लेकर आस्था तक, पूरब से लेकर पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक, लताजी के सुरों के पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। दुनिया में भी वो हमारे भारत की सांस्कृतिक राजदूत थीं।

कुल 5 केटैगरी में दिये जाएंगे ‘अवार्ड’
मंगेशकर परिवार ने बयान में कहा है कि इसमें कुल 5 केटैगरी में अवार्ड दिये जाएंगे। अभिनेत्री आशा पारेख और जैकी श्रॉफ को ‘सिनेमा के क्षेत्र में समर्पित सेवाओं’ के लिए ‘मास्टर दीनानाथ पुरस्कार (विशेष सम्मान)’ प्राप्त होगा। वहीं राहुल देशपांडे को भारतीय संगीत के लिए ‘मास्टर दीनानाथ पुरस्कार’ मिलेगा, जबकि सर्वश्रेष्ठ नाटक का पुरस्कार ‘संजय छाया’ नाटक को दिया जाएगा।
इनके अलावा मास्टर दीनानाथ पुरस्कार (आनंदमयी पुरस्कार) ‘नूतन मुंबई टिफिन बॉक्स सप्लायर चैरिटी ट्रस्ट’ को ‘समाजसेवा के क्षेत्र में समर्पित सेवाओं’ के लिए दिया जाएगा।