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राजीव कुमार ने संभाला मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यभार, बोले-मतदाता सेवाओं को पारदर्शी और सुगम बनाया जाएगा

नयी दिल्ली: राजीव कुमार ने रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार ग्रहण किया। श्री कुमार ने निर्वाचन सदन में 25 वें मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यभार संभालने के बाद कहा कि बेहतर चुनाव प्रबंधन और संचालन के लिए मतदाता सेवाओं को पारदर्शी और सुगम बनाया जायेगा। साथ ही, प्रक्रियाओं के सरलीकरण के लिए प्रौद्योगिकी को प्रमुख साधन बनाया जाएगा।
इस मौके पर राजीव कुमार ने कहा कि उन्हें भारतीय संविधान द्वारा उपहार में दिए गए बेहतरीन संस्थानों में से एक का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई है, वह संस्थान जो हमारे लोकतंत्र को मजबूत करता है। पिछले 70 वर्षों के दौरान हमारे नागरिकों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव देने, मतदाता सूची की शुचिता सुनिश्चित करने, कदाचार को रोकने और हमारे चुनावों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने बहुत कुछ किया है। आयोग संविधान के तहत जिम्मेदार किसी भी बड़े सुधार को लाने के लिए परामर्श और सर्वसम्मति निर्माण के समय-परीक्षण और लोकतांत्रिक तरीकों का पालन करेगा, ईसीआई कड़े फैसलों से पीछे नहीं हटेगा।
उन्होंने कानून और न्याय मंत्रालय, भारत सरकार की 12 मई की राजपत्र अधिसूचना के तहत कार्यभार ग्रहण किया। कानून मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया था कि मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा 14 मई को रिटायर हो रहे हैं, जिसके बाद नए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार 15 मई को कार्यभार संभालेंगे। श्री राजीव कुमार 15 मई 2022 से 18 फरवरी 2025 तक इस पद पर रहेंगे। संविधान के अनुसार, निर्वाचन आयुक्तों का कार्यकाल छह साल या फिर 65 साल की उम्र तक होता है।
श्री कुमार एक सितंबर, 2020 से चुनाव आयुक्त के रूप में चुनाव आयोग में सेवारत हैं। चुनाव आयुक्त के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, मार्च-अप्रैल 2021 में कोविड महामारी की समस्याओं के बीच असम, केरल, पुड्डुचेरी, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल में और 2020 में बिहार की राज्य विधानसभाओं के लिए चुनाव हुए। हाल ही में, 2022 की शुरुआत में गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए भी चुनाव हुए।

काले धन पर ऐक्शन के लिए जाने जाते हैं राजीव
19 फरवरी, 1960 को जन्में राजीव कुमार ने बीएससी, एलएलबी, पीजीडीएम और पब्लिक पॉलिसी में एमए किया हुआ है और उनके पास ऑल इंडिया सर्विस में कार्य करने का 36 साल का अनुभव है। वह 1984 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में वह सेवाएं दे चुके हैं। भारत सरकार के वित्त सचिव और डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज के सचिव के तौर पर इन्होंने बैंकिंग, बीमा और पेंशन रिफॉर्म में योगदान दिया है। काले धन पर प्रहार करते हुए इन्होंने 3.38 शेल कंपनियों के बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए थे।

नीति आयोग में अहम योगदान
राजीव कुमार की एक चर्चा नीति आयोग पुनर्गठित करने के लिए भी की जाती है, जिसके लिए बनी टास्क फोर्स के भी ये एक सदस्य थे। उसी टास्क फोर्स की रिपोर्ट के आधार पर नीति आयोग के मौजूदा ढांचे को मंजूरी दी गई थी।
केंद्र सरकार की ड्यूटी से पहले फिल्ड में कार्यरत रहते हुए ये बिहार में प्राथमिक शिक्षा, उद्योग विभाग के डायरेक्टर रह चुके हैं। वहीं राज्य में कई जिलों के जिलाधिकारी, जिला विकास अधिकारी, एडीएम (लॉ एंड ऑर्डर) भी रह चुके हैं। उन्होंने आईएएस के तौर पर सेवा की शुरुआत एसडीएम के तौर पर की थी।

आईएएस के तौर पर कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं राजीव
राजीव कुमार रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड, एसबीआई और नाबार्ड में डायरेक्टर भी रह चुके हैं और इकोनॉमिक इंटेलिजेंस काउंसिल, फाइनेंशियल स्टैबिलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल, बैंक बोर्ड ब्यूरो, फाइनेंशियल सेक्टर रेगुलेटरी अप्वाइंटमेंट सर्च कमिटी, सिविल सर्विसेज बोर्ड के अलावा कई ऐसे बोर्ड और कमिटियों में भी बतौर सदस्य योगदान दे चुके हैं।

पर्वतारोहण में है दिलचस्पी
राजीव कुमार के बारे में कहा जाता है कि उन्हें अपनी सरकारी जिम्मेदारी के बाद का वक्त परिवार के साथ गुजारना काफी पसंद है। इनकी दो बेटियां हैं, जिनके साथ इनका पिता के साथ-साथ एक दोस्त की तरह का भी नाता है। कुमार एक बहुत ही उत्कृष्ट ट्रेकर भी हैं और लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड, सिक्किम और तिब्बत में हिमालय के कई दर्रे पार कर चुके हैं। वहीं, सहयाद्रि, पश्चिमी घाट और पालघाट जैसी ऊंचाइयों पर भी इन्होंने ट्रेकिंग का आनंद लिया हुआ है। राजीव कुमार को भारतीय शास्त्रीय संगीत और भक्ति संगीत पसंद है। मेडिटेशन में भी इनकी गहरी रुचि रही है।