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रोड रेज मामले में नवजोत सिद्धू ने पटियाला की अदालत में किया आत्मसमर्पण

…तो सिद्धू जेल में काटेंगे एक साल की सजा!

नयी दिल्ली: पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने आज पटियाला कोर्ट के सामने सरेंडर कर दिया। जिसके बाद अब उन्हें एक साल जेल में बिताना होगा। ये 1988 का रोड रेज मामला है…जिसमें सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई गयी है। सिद्धू के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने राहत की आस के साथ सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया था, लेकिन वहां से उन्हें राहत नहीं मिली। अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएम खानविलकर की पीठ के सामने नवजोत सिंह सिद्धू का मामला मेंशन किया। सिंघवी ने सिद्धू की खराब सेहत का हवाला देते हुए सरेंडर करने के लिए कुछ वक्त देने की गुजारिश की। जस्टिस खानविलकर ने इस पर कहा कि ये मामला विशेष पीठ से संबंधित है। इस मामले में मुख्य न्यायाधीश के समक्ष अर्जी दायर कर सुनवाई की मांग करें।
शीर्ष अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को मामले में एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी, जिसमें कहा गया था कि अपर्याप्त सजा देने के लिए किसी भी ‘अनुचित सहानुभूति’ से न्याय प्रणाली को अधिक नुकसान होगा और कानून की प्रभावकारिता में जनता के विश्वास को कम करेगा। सिद्धू की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने जस्टिस ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और कहा कि पूर्व क्रिकेटर को आत्मसमर्पण करने के लिए कुछ सप्ताह चाहिए। सिंघवी ने पीठ से कहा, वह निश्चित रूप से जल्द ही आत्मसमर्पण करेंगे। उन्होंने कहा, हम कुछ सप्ताह में आत्मसमर्पण करना चाहते हैं। मामला 34 साल पहले का है। वह अपनी हेल्थ संबंधित मामलों को व्यवस्थित करना चाहता हूं। जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने सिंघवी से कहा कि इस मामले में फैसला एक विशेष पीठ ने पारित किया है। पीठ ने कहा कि आप उस आवेदन को दायर कर सकते हैं और मुख्य न्यायाधीश के समक्ष इसका उल्लेख कर सकते हैं। यदि मुख्य न्यायाधीश आज उस पीठ का गठन करते हैं, तो हम उस पर विचार करेंगे। अगर वह बेंच उपलब्ध नहीं है तो उसका गठन करना होगा। उस मामले के लिए एक विशेष पीठ का गठन किया गया था। सिंघवी ने कहा कि वह मुख्य न्यायाधीश के समक्ष मामले का उल्लेख करने का प्रयास करेंगे।

जानें- आखिर क्या है रोड रेज मामला?
गौरतलब है कि साल 1988 में पटियाला में सड़क पर चलने को लेकर हुए विवाद पर 65 साल के कार चालक गुरनाम सिंह से मारपीट की गई थी जिसके बाद गुरनाम सिंह की मौत हो गयी थी। इस मामले में दोषी नवजोत सिद्धू की सजा शीर्ष अदालत ने कल बढ़ा दी। सिद्धू को एक साल कठोर कारावास का फैसला सुनाया गया था।
मृतक गुरनाम सिंह के परिजनों की पुनर्विचार याचिका पर शीर्ष अदालत ने अपने 2018 के फैसले पर पुनर्विचार करते हुए कल फैसला सुनाया था। वर्ष 2018 में शीर्ष अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के तहत दोषी नवजोत सिद्धू को एक हजार रुपये के आर्थिक दंड पर छोड़ दिया था। इस फैसले को शीर्ष अदालत में पुनर्विचार याचिका के तहत चुनौती दी गई थी और सजा बढ़ाने की गुहार लगाई गई थी।

आज से कोर्ट की 51 दिन गर्मी की छुट्टियां
सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 20 मई के बाद गर्मी की छुट्टियां शुरू हो रही हैं। आज के बाद 51 दिन गर्मी की छुट्टियां रहेंगी। इस अवधि में अर्जेंट मामलों की ही सुनवाई होगी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस दफे अर्जेंट मामलों की सुनवाई के लिए ग्रीष्मकालीन बेंच के अलावा पांच बेंच गठित की है जो लंबे समय से पेंडिंग मामलों की सुनवाई करेगी।