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लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने कहा- छलनी करता है बंटवारे का दर्द

लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री के भाषण की बड़ी बातें…

आजादी के अमृत महोत्सव का यह वर्ष देशवासियों में नई ऊर्जा और नवचेतना का संचार करेगा

पीएम मोदी ने ने कहा- छलनी करता है बंटवारे का दर्द

पीएम मोदी ने 100 लाख करोड़ रुपये की योजनाओं का किया ऐलान

नयी दिल्ली: आजादी के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदार दास मोदी ने आठवीं बार लाल किले पर झंडा फहराया। इस दौरान पीएम मोदी ने 90 मिनट का भाषण दिया। देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने 100 लाख करोड़ रुपये की योजनाओं का ऐलान किया। पीएम मोदी ने कहा कि जल्द ही देश में ‘प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना’ की शुरुआत की जाएगी, ये 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की योजना होगी, जो लाखों युवाओं के लिए योजगार के अवसर लाएगी। पीएम ने ये भी कहा कि देश के सभी सैनिक स्कूलों को बेटियों के लिए खोल दिया जाएगा।

100 लाख करोड़ रुपये की योजना से रोजगार
पीएम मोदी ने कहा, रेलवे को और गति देने के लिए अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह में, 75 वंदे भारत ट्रेनें चलाई जाएंगी। उन्होंने कहा, जिस गति से नए एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है वह अभूतपूर्व है। बेहतर कनेक्ट‍िविटी लोगों के सपनों को नई उड़ान दे रही है। आने वाले कुछ दिनों में इसलिए प्रधानमंत्री गति शक्ति का मास्टर प्लान पेश किया जाएगा। यह 100 लाख करोड़ रुपये की योजना होगी जो लाखों नौजवानों के लिए रोजगार का अवसर लाएगी। यह समग्र बुनियादी ढांचा विकास की नींव रखेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे आम जनता के लिए यात्रा समय में कमी आएगी और उद्योगों की गति भी बढ़ेगी। हमारे लोकल मैन्युफैक्चरर को ग्लोबल स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी और इससे भविष्य में नए इकोनॉमिक जोन भी बनाए जा सकेंगे। पीएम ने कहा कि सरकार उद्योग जगत के लिए नियमों को आसान करने में जुटी है, स्टार्टअप के लिए भी यही कोशिश की जा रही है। आज देश में स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन रहे हैं, जो देश के नए वेल्थ क्रिएटर्स हैं। पीएम ने कहा कि आज देश में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी नहीं है।

कृषि क्षेत्र को लेकर क्या बोले पीएम मोदी?
पीएम मोदी ने कहा, देश के हर क्षेत्र में हमारे वैज्ञानिक बहुत सूझ-बूझ से काम कर रहे हैं। अब समय आ गया है कि हम अपने कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिकों की क्षमताओं और उनके सुझावों को भी हमारे कृषि क्षेत्र में जोड़ें। आज हम अपने गांवों को तेजी से परिवर्तित होते देख रहे हैं। बीते कुछ वर्ष, गांवों तक सड़क और बिजली जैसी सुविधाओं को पहुंचाने में लगे हैं। अब गांवों तक ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, डेटा की ताकत पहुंच रही है, इंटरनेट पहुंच रहा है।
उन्होंने कहा कि देश के जिन ज़िलों के लिए ये माना गया था कि ये पीछे रह गए, हमने उनकी आकांक्षाओं को भी जगाया है। देश में 110 से अधिक आकांक्षी ज़िलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, सड़क, रोजगार, से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। देश में छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए कृषि सुधार किए जा रहे हैं, निर्णय लिए जा रहे हैं। छोटा किसान बने देश की शान, ये हमारा सपना है। ये हमारा संकल्प है। आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा। उन्हें नई सुविधाएं देनी होंगी।
हर छोटे किसानों के छोटे-छोटे खर्च को ध्यान में रखते हुए पीएम किसान सम्मान निधि योजना चलाई जा रही है। 10 करोड़ से अधिक किसान परिवारों के बैंक खातों में अब तक डेढ़ लाख करोड़ से ज्यादा रकम सीधे उनके खाते में जमा करा दी गई है। देश के 80 प्रतिशत से ज्यादा किसान ऐसे हैं, जिनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है। पहले जो देश में नीतियां बनीं, उनमें इन छोटे किसानों पर जितना ध्यान केंद्रित करना था, वो रह गया। अब इन्हीं छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जा रहे हैं।

ओलंपिक खिलाड़ियों के लिए तालियां
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ओलिंपिक में भारत का नाम रोशन करने वाली युवा पीढ़ी एथलीट्स और हमारे खिलाड़ी इस आयोजन में मौजूद हैं। मैं देशवासियों को और हिंदुस्तान के कोने-कोने में मौजूद लोगों से कहना चाहता हूं कि हमारे खिलाड़ियों के सम्मान में कुछ पल तालियां बजाकर उनका सम्मान करें।
पीएम ने कहा, भारत के खेलों का सम्मान, भारत की युवा पीढ़ी का सम्मान, भारत को गौरव दिलाने वाले युवाओं का सम्मान, करोड़ों देशवासी आज तालियों की गड़गड़ाहट के साथ देश के जवानों का, युवा पीढ़ी का सम्मान कर रहे हैं। एथलीट्स पर विशेष तौर पर हम ये गर्व कर सकते हैं कि उन्होंने दिल ही नहीं जीता, उन्होंने आने वाली पीढ़ियों को भारत की युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का बहुत बड़ा काम किया है।’

बेटियों के लिए सैनिक स्कूल
पीएम मोदी ने कहा कि खेल से लेकर हर जगह बेटियां कमाल कर रही हैं। सड़क से लेकर वर्कप्लेस तक महिलाओं में सुरक्षा, सम्मान का भाव हो, इसके लिए शासन प्रशासन, पुलिस, नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी निभानी है। इस संकल्प को आजादी के 75 साल का संकल्प बनाना है। मुझे लाखों बेटियों के संदेश मिलते थे कि सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहती हैं। ढाई साल पहले मिजोरम के सैनिक स्कूल में बेटियों को प्रवेश देने का प्रयोग किया था। अब तय किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूलों को देश की बेटियों के लिए भी खोल दिया जाएगा।

नेशनल हाइड्रोजन मिशन की घोषणा
पीएम मोदी ने कहा, भारत आज जो भी कार्य कर रहा है, उसमें सबसे बड़ा लक्ष्य है, जो भारत को क्वांटम जंप देने वाला है- वो है ग्रीन हाइड्रोजन का क्षेत्र। मैं आज तिरंगे की साक्षी में नेशनल हाइड्रोजन मिशन की घोषणा कर रहा हूं। पीएम ने कहा, अमृत काल में हमें ग्रीन हाइड्रोजन के प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट का हब बनाना है। ये भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा। क्लीन एनर्जी का ये क्षेत्र, क्लीन ग्रोथ से क्लीन जॉब के अवसर हमारे युवाओं और स्टार्टअप के लिए दस्तक दे रहे हैं।

14 अगस्त को हर साल विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस
पीएम ने कहा, हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है। ये पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है। आजादी के बाद इन लोगों को बहुत ही जल्द भुला दिया गया। कल ही भारत ने एक भावुक निर्णय लिया है। अब से हर वर्ष 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा।

पीएम मोदी ने दोहराया दलितों और OBC को आरक्षण का संकल्प
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 21वीं शदी में भारत को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए भारत के सामर्थ्य का सही और पूरा इस्तेमाल समय की मांग है, और ये बहुत जरूरी है। इसके लिए जो वर्ग पीछे और जो क्षेत्र पीछे हैं, उनकी हैंड-होल्डिंग करनी ही होगी। पीएम ने कहा कि मूलभूत जरूरतों की चिंता के साथ ही दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जा रहा है।
पीएम ने कहा, अभी हाल ही में मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में आल इंडिया कोटे में सामान्य वर्ग और ओबीसी वर्ग को आरक्षण की व्यवस्था की गई है। संसद में कानून बनाकर ओबीसी की सूची बनाने का आधिकार राज्य को दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि विकास सर्वांगीण होना चाहिए। इसके लिए न तो कोई क्षेत्र छूटना चाहिए और न ही कोई वर्ग। इसी तरह हम देश के हर क्षेत्र में विकास पहुंचाने के लिए प्रयास में जुटे हैं।

प्रधानमंत्री का संबोधन
-आजादी के अमृत महोत्सव, 75वें स्वतंत्रता दिवस की सभी देशवासियों को और विश्व भर में भारत को प्रेम करने वालों, लोकतंत्र को प्रेम करने वालों को बहुत-बहुत बधाई।

-भारत ने सदियों तक मातृ-भूमि, संस्कृति और आजादी के लिए संघर्ष किया है। आजादी की ललक इस देश ने सदियों तक छोड़ी नहीं। जय-पराजय आते रहे, लेकिन मन मंदिर में बसी आजादी की आकांक्षा कभी खत्म नहीं होने दी।

-हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है। यह पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है। अब से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा।

-कोरोना वैश्विक महामारी में हमारे डॉक्टर, हमारे नर्सेस, हमारे पैरामेडिकल स्टाफ, सफाईकर्मी, वैक्सीन बनाने मे जुटे वैज्ञानिक हों, सेवा में जुटे नागरिक हों, वे सब भी वंदन के अधिकारी हैं।

-ओलंपिक में भारत की युवा पीढ़ी ने भारत का नाम रोशन किया है। मैं आज देशवासियों को कहता हूं कि हमारे खिलाड़ियों के सम्मान में कुछ पल तालियां बजाएं और उनका सम्मान करें।

-हर देश की विकासयात्रा में एक समय ऐसा आता है, जब वो देश खुद को नए सिरे से परिभाषित करता है, खुद को नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ाता है। भारत की विकास यात्रा में भी आज वो समय आ गया है।

-हमें नए संकल्पों को आधार बनाकर चल पड़ना है। यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा नए भारत के सृजन का अमृत-काल है। इस अमृत-काल में हमारे संकल्पों की सिद्धि, हमें आजादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी।

-सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास, इसी श्रद्धा के साथ हम सब जुटे हुए हैं। आज लाल किले की प्राचीर से मैं आह्वान कर रहा हूं- सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और अब सबका प्रयास, हमारे हर लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

-महामारी के समय भारत जिस तरह से 80 करोड़ देशवासियों को महीनों तक लगातार मुफ्त अनाज देकर गरीब के चूल्हे को जलते रखा है, ये भी दुनिया के लिए अचरज भी है और चर्चा का विषय भी है।

-संकल्प तब तक अधूरा होता है, जब तक संकल्प के साथ परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा न हो। इसलिए हमें हमारे सभी संकल्पों को परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा करके सिद्ध करके ही रहना है।

-सरकार अपनी योजनाओं के तहत जो चावल गरीबों को देती है, उसे फोर्टिफाई करेगी, गरीबों को पोषणयुक्त चावल देगी। राशन की दुकान पर मिलने वाला चावल हो, मिड डे मील में मिलने वाला चावल हो, वर्ष 2024 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाला चावल फोर्टिफाई कर दिया जाएगा।

-लद्दाख भी विकास की अपनी असीम संभावनाओं की तरफ आगे बढ़ चला है। एक तरफ लद्दाख, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होते देख रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ ‘सिंधु सेंट्रल यूनिवर्सिटी’ लद्दाख को उच्च शिक्षा का केंद्र भी बनाने जा रही है।

-सभी के सामर्थ्य को उचित अवसर देना, यही लोकतंत्र की असली भावना है। जम्मू हो या कश्मीर, विकास का संतुलन अब ज़मीन पर दिख रहा है। जम्मू-कश्मीर में डी-लिमिटेशन कमीशन का गठन हो चुका है और भविष्य में विधानसभा चुनावों के लिए भी तैयारी चल रही है।

-हमारा पूर्वी भारत, नॉर्थ ईस्ट, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख सहित पूरा हिमालय का क्षेत्र हो, हमारी कोस्टल बेल्ट या फिर आदिवासी अंचल हो, ये भविष्य में भारत के विकास का बड़ा आधार बनेंगे। आज नॉर्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी का नया इतिहास लिखा जा रहा है।

-21वीं सदी में भारत को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए भारत के सामर्थ्य का सही इस्तेमाल, पूरा इस्तेमाल जरूरी है। इसके लिए जो वर्ग पीछे हैं, जो क्षेत्र पीछे हैं, हमें उनकी हैंड-होल्डिंग करनी ही होगी।

-गांव में जो हमारी सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी 8 करोड़ से अधिक बहनें हैं, वो एक से बढ़कर एक प्रॉडक्ट्स बनाती हैं। इनके प्रॉडक्ट्स को देश में और विदेश में बड़ा बाजार मिले, इसके लिए अब सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म तैयार करेगी।

-देश के हर क्षेत्र में हमारे वैज्ञानिक बहुत सूझ-बूझ से काम कर रहे हैं। अब समय आ गया है कि हम अपने कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिकों की क्षमताओं और उनके सुझावों को भी हमारे कृषि क्षेत्र में जोड़ें।

-आज हम अपने गांवों को तेजी से परिवर्तित होते देख रहे हैं। बीते कुछ वर्ष, गांवों तक सड़क और बिजली जैसी सुविधाओं को पहुंचाने में लगे हैं। अब गांवों तक ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, डेटा की ताकत पहुंच रही है, इंटरनेट पहुंच रहा है।

-देश के जिन ज़िलों के लिए ये माना गया था कि ये पीछे रह गए, हमने उनकी आकांक्षाओं को भी जगाया है। देश में 110 से अधिक आकांक्षी ज़िलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, सड़क, रोजगार, से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।

-देश में छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए कृषि सुधार किए जा रहे हैं, निर्णय लिए जा रहे हैं।

-छोटा किसान बने देश की शान, ये हमारा सपना है। ये हमारा संकल्प है। आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा। उन्हें नई सुविधाएं देनी होंगी।

-हर छोटे किसानों के छोटे-छोटे खर्च को ध्यान में रखते हुए पीएम किसान सम्मान निधि योजना चलाई जा रही है। 10 करोड़ से अधिक किसान परिवारों के बैंक खातों में अब तक डेढ़ लाख करोड़ से ज्यादा रकम सीधे उनके खाते में जमा करा दी गई है।

-देश के 80 प्रतिशत से ज्यादा किसान ऐसे हैं, जिनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है। पहले जो देश में नीतियां बनीं, उनमें इन छोटे किसानों पर जितना ध्यान केंद्रित करना था, वो रह गया। अब इन्हीं छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जा रहे हैं।

-विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुए भारत को अपनी मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट, दोनों को बढ़ाना होगा। अभी कुछ दिन पहले ही भारत ने अपने पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत को समुद्र में ट्रायल के लिए उतारा है।

-देश ने संकल्प लिया है कि आजादी के अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह में 75 वंदेभारत ट्रेनें देश के हर कोने को आपस में जोड़ रही होंगी।

-आज जिस गति से देश में नए एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है, उड़ान योजना दूर-दराज के इलाकों को जोड़ रही है, वो भी अभूतपूर्व है।

-भारत आज अपना लड़ाकू विमान बना रहा है, सबमरीन बना रहा है, गगनयान भी बना रहा है। ये स्वदेशी मैन्यूफैक्चरिंग में भारत के सामर्थ्य को उजागर करता है।

-भारत को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में होलिस्टिक अप्रोच अपनाने की भी जरूरत है। भारत आने वाले कुछ ही समय में प्रधानमंत्री गतिशक्ति- नेशनल मास्टर प्लान को लॉन्च करने जा रहा है।

-देश के सभी मैन्यूफैक्चर्स को भी ये समझना होगा- आप जो प्रोडक्ट बाहर भेजते हैं वो आपकी कंपनी में बनाया हुआ सिर्फ एक प्रोडक्ट नहीं होता, उसके साथ भारत की पहचान जुड़ी, प्रतिष्ठा जुड़ी होती है, भारत के कोटि-कोटि लोगों का विश्वास जुड़ा होता है।

-हमने देखा है, कोरोना काल में ही हजारों नए स्टार्ट-अप्स बने हैं, सफलता से काम कर रहे हैं। कल के स्टार्ट-अप्स, आज के Unicorn बन रहे हैं। इनकी मार्केट वैल्यू हजारों करोड़ रुपये तक पहुंच रही है।

-Reforms को लागू करने के लिए Good और Smart Governance चाहिए। आज दुनिया इस बात की भी साक्षी है कि कैसे भारत अपने यहां Governance का नया अध्याय लिख रहा है।

-बीते 7 वर्षों में देश के लोगों को अनावश्यक कानूनों के जाल, अनावश्यक प्रक्रियाओं के जाल से मुक्ति दिलाई जाए। अब तक देश के सैकड़ों पुराने कानूनों को समाप्त किया जा चुका है। कोरोना के इस कालखंड में भी सरकार ने 15,000 से ज्यादा कम्पलाइंसेस को समाप्त किया है।

-नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में गरीबी के खिलाफ लड़ाई का साधन भाषा है ऐसा मैं मानता हूं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी एक प्रकार से गरीबी के खिलाफ एक बहुत बड़ा शस्त्र बनकर काम आने वाला है।

-बेवजह कानूनों की जकड़ से मुक्ति ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए बहुत जरूरी है। आज दर्जनों श्रम कानून 4 कोड में समा गए हैं। टैक्स से जुड़ी व्यवस्था को भी आज आसान किया गया है।

-आज देश के पास 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने वाली नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ भी है। अब हमारे बच्चे न कौशल की कमी के कारण रुकेंगे और न ही भाषा की सीमा में बंधेंगे।

-नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की एक और विशेष बात है। इसमें स्पोर्ट्स को Extracurricular की जगह मेनस्ट्रीम पढ़ाई का हिस्सा बनाया गया है। जीवन को आगे बढ़ाने में जो भी प्रभावी माध्यम हैं, उनमें एक स्पोर्ट्स भी है।

-भारत की प्रगति के लिए, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए भारत का एनर्जी इंडिपेंडेंट होना अनिवार्य है। इसलिए आज भारत को ये संकल्प लेना होगा कि हम आजादी के 100 साल होने से पहले भारत को एनर्जी इंडिपेंडेंट बनाएंगे।

-ये देश के लिए गौरव की बात है कि शिक्षा हो या खेल, बोर्ड्स के नतीजे हों या ओलपिंक का मेडल, हमारी बेटियां आज अभूतपूर्व प्रदर्शन कर रही हैं। आज भारत की बेटियां अपना स्पेस लेने के लिए आतुर हैं।

-भारत आज जो भी कार्य कर रहा है, उसमें सबसे बड़ा लक्ष्य है, जो भारत को क्वांटम जंप देने वाला है- वो है ग्रीन हाइड्रोजन का क्षेत्र। मैं आज तिरंगे की साक्षी में नेशनल हाइड्रोजन मिशन की घोषणा कर रहा हूं।

-21वीं सदी का आज का भारत, बड़े लक्ष्य गढ़ने और उन्हें प्राप्त करने का सामर्थ्य रखता है। आज भारत उन विषयों को भी हल कर रहा है, जिनके सुलझने का दशकों से, सदियों से इंतजार था।

-आज दुनिया, भारत को एक नई दृष्टि से देख रही है और इस दृष्टि के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं। एक आतंकवाद और दूसरा विस्तारवाद। भारत इन दोनों ही चुनौतियों से लड़ रहा है और सधे हुए तरीके से बड़े हिम्मत के साथ जवाब भी दे रहा है।

-त्रिपुरा में दशकों बाद ब्रू रियांग समझौता होना हो, ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देना हो, या फिर जम्मू-कश्मीर में आजादी के बाद पहली बार हुए BDC और DDC चुनाव, भारत अपनी संकल्पशक्ति लगातार सिद्ध कर रहा है।

-मैं देश को विश्वास दिलाता हूं कि देश की रक्षा में लगी हमारी सेनाओं के हाथ मजबूत करने के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

-मैं भविष्यदृष्टा नहीं हूं, मैं कर्म के फल पर विश्वास रखता हूं। मेरा विश्वास देश के युवाओं पर है। मेरा विश्वास देश की बहनों-बेटियों, देश के किसानों, देश के प्रोफेशनल्स पर है। ये Can Do Generation है, ये हर लक्ष्य हासिल कर सकती है।

-21वीं सदी में भारत के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने से कोई भी बाधा रोक नहीं सकती। हमारी ताकत हमारी जीवटता है, हमारी ताकत हमारी एकजुटता है। हमारी प्राणशक्ति, राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम की भावना है।