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वाराणसी: मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने किया बाढ़ राहत केंद्र का दौरा, अधिकारियों को खतरे से अलर्ट रहने का निर्देश

 

वाराणसी, (अंकेश जायसवाल): भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक राजधानी ‘वाराणसी’ में गंगा के जलस्तर में हो रहा बढ़ाव बृहस्पतिवार को ठहर गया और शुक्रवार सुबह से घटने लगा। सुबह आठ बजे तक एक सेंटीमीटर प्रतिघंटा से गंगा का जलस्तर घट रहा था जो सुबह 10 बजे तक थोड़ा और तेज हो गया। इसके अलावा मिर्जापुर, भदोही और चंदौली में भी बाढ़ में कमी आने लगी है। जबकि गाजीपुर और बलिया में गंगा फिलहाल स्थिर हैं।
केंद्रीय जल आयोग की बाढ़ बुलेटिन के मुताबिक, प्रयागराज में गंगा तीन सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उतरने लगी हैं। इसी के कारण बनारस में भी जलस्तर में गिरावट होने की संभावनाएं जताई गई हैं। वहीं वरुणा पार और सामनेघाट के इलाकों में बाढ़ से परेशानी बढ़ गई हैं। गंगा के कारण सभी घाट पानी में पूरी तरह से डूब चुके हैं।

गलियों का संपर्क टूटने से बढ़ी परेशानियां
गंगा के जलस्तर में बढ़ाव के कारण अस्सी से राजघाट के बीच कई गलियों का संपर्क भी टूट गया है। लोगों को घुटने भर से अधिक पानी में उतरकर घरों से बाहर निकलना पड़ रहा है। बृहस्पतिवार की भोर में गंगाजी दशाश्वमेध घाट व शीतला घाट की गलियों में प्रवेश कर गईं। इसके कारण सब्जी मंडी से लेकर बाजार तक पानी-पानी हो गया। सब्जी मंडी की सभी दुकानें बंद रहीं। वहीं गलियों में रहने वाले लोगों को बाढ़ के पानी से होकर गुजरना पड़ा।

खतरे के निशान से 1.60 मीटर ऊपर बह रहीं गंगा
वाराणसी में गंगा का पानी खतरे के लाल निशान 71.26 मीटर से 1.6 मीटर ऊपर 72.32 पर बह रहा है। काशीवासियों के लिए राहत की खबर यह है कि सुबह 11 बजे से देर रात तक गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। इस सूचना के बाद निचले और तटवर्ती इलाकों के लोगों ने राहत की सांस ली है।

वहीँ, केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, शुक्रवार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 72.26 मीटर पर बना हुआ है। गुरुवार की सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 72.262 मीटर दर्ज किया गया था। इसके बाद 11 बजे से गंगा में ठहराव बना रहा जो अब तक जारी है। घटाव की रफ्तार एक सेंटीमीटर प्रतिघंटा है।

सीएम योगी ने लिया बाढ़ का जायजा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने बाबा के दर्शन कर काशी विश्वनाथ धाम का अवलोकन किया। साथ ही निर्माण कार्य के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सर्किट हाउस में बाद देर शाम समीक्षा बैठक कर बाढ़ राहत शिविरों में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा का विशेष ख्याल रखने का निर्देश दिया। उन्होंने प्रत्येक शिविर में महिला आरक्षी और बाढ़ प्रभावित गांव व वार्ड में नोडल अधिकारी तैनात करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने सितंबर तक बाढ़ के खतरे से अलर्ट रहने का निर्देश दिया।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा, राहत सामग्री वितरण में जनप्रतिनिधियों का सहयोग लें। जिन घरों में पानी भरा है, वहां खाने का पैकेट व पेयजल की व्यवस्था करें। जिन्हें जरूरत हो एलपीजी सिलेंडर भिजवाएं। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में लोगों को गर्म पानी के सेवन के लिए जागरूक करें। प्रकाश के लिए पेट्रोमैक्स व अन्य साधनों की व्यवस्था करें। जब बाढ़ का पानी नीचे आएगा तब स्वास्थ्य, पंचायत व नगर विकास विभाग को सतर्क रहना होगा। वहां स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, स्वच्छ पेयजल उपलब्धता का कार्य करना होगा। बाढ़ से जहरीले कीड़े, कुत्तों की समस्या बढ़ेगी, ऐसे में एंटी स्नेक, एंटी रेबीज वैक्सीन की उपलब्धता कराएं। बाढ़ चौकी और राहत शिविर 24 घंटे सक्रिय रहें। पशुओं के चारे, दवा की समुचित व्यवस्था रखें और पशुपालकों से संवाद रखें। बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों से सहानुभूतिपूर्वक व संवेदनशीलता से पेश आएं। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाएं और लोगों को सतर्कता के प्रति सावधान करें ताकि कहीं चोरी की घटना नहीं हो सके। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड, राजस्थान, बुंदेलखंड क्षेत्र आदि में भारी वर्षा होती है, तो उसका प्रभाव गंगा नदी में आता है जो वाराणसी पर असर डालेगा। इसलिए सावधानी व सतर्कता बनाए रखने की जरूरत है।

बाढ़ क्षेत्रों में बढ़ाएं निगरानी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से मिर्जापुर, भदोही व चंदौली में बाढ़ की स्थिति एवं राहत कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने जिलाधिकारी मिर्जापुर को बाढ़ क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया। सीएम ने कहा, बाढ़ से मिर्जापुर जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। मिर्जापुर में 404 गांव प्रभावित हुए हैं, जिसमें 141 में आबादी प्रभावित है।
कोरोना काल में कमांड कंट्रोल रूम का अच्छा उपयोग हुआ था, इसे बाढ़ राहत, सूचना के आदान-प्रदान में उपयोग कर सकते हैं। सभी चारों जिलों में राहत कार्य तत्काल उपलब्ध कराएं। बाढ़ क्षेत्रों में नावों की समुचित संख्या में व्यवस्था रखें। भदोही भी सावधानी व सतर्कता रखें।

राहत कार्यो में जनप्रतिनिधियों का लें सहयोग
सीएम योगी ने कहा कि आपदा में धन की कमी नहीं है, सही समय पर मदद पात्र व्यक्ति तक पहुंचे। कोई बाढ़ पीड़ित व्यक्ति राहत सामग्री से वंचित न रहे। जिला प्रशासन जनप्रतिनिधियों का सहयोग लें। मिर्जापुर व वाराणसी में पुलिस द्वारा 42 नावे संचालित है। 25 सब इंस्पेक्टर 100 सिपाही वायरलेस सेट के साथ चौकसी व राउंड कर रहे हैं।

सीएम ने पूछा बाढ़ पीड़ितों से कुशलक्षेम
मुख्यमंत्री ने सरैया स्थित आलिया गार्डन में बनाए गए राहत केंद्र में ठहरे 12 बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जाना। अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ पीड़ितों की मदद में कोई कोर-कसर न छोड़ी जाए। इसके बाद मुख्यमंत्री जेपी मेहता इंटर कॉलेज राहत केंद्र पर पहुंचे। यहां रहने वाले 60 से अधिक बाढ़ प्रभावित परिवारों के लोगों से मुलाकात कर उनसे कुशलक्षेम पूछा। उन्हें मिल रही सुविधाओं की भी जानकारी ली। उन्होंने लगभग 37 लोगों को राहत सामग्री से भरा झोला अपने हाथों से दिया। झोले में टार्च, आलू, प्याज, दाल, आटा, तेल, मसाला, लाई, चना, गुड़ सहित कई जरूरी खाद्य पदार्थ शामिल हैं।

वाराणसी से गाजीपुर पहुंचे सीएम योगी
सीएम योगी आदित्यनाथ शुक्रवार की सुबह वाराणसी से गाजीपुर पहुंचे। इस दौरान गहमर इंटर कालेज में बाढ़ के मद्देनजर राहत और बचाव कार्य के हालात का जायजा लिया और बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात के दौरान ही बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री भी वितरित की। इस दौरान सीएम ने सभा में बाढ़ पीड़‍ितों के हित के लिए किए जा रहे सरकार के प्रयासों से अवगत कराते हुए तैयारियों के बारे में भी जानकारी दी। बाढ़ पीड़‍ितों को भरोसा दिलाया कि सरकार के सभी प्रयास बाढ़ पीड़ि‍तों के लिए पूरे मनोयोग से किए जा रहे हैं।

करंट की चपेट में आने से हुई बच्चे की मौत!
चौबेपुर थाना क्षेत्र में करंट की चपेट में आने से एक बच्चे की मौत हो गई। मंगलवार शाम क्षेत्र के रामचंदीपुर ढाब में सुनील प्रजापति के घर में बाढ़ का पानी घुसने लगा। परिवार के सभी लोग घर के सामान को बाढ़ के पानी से बचाने के लिए सुरक्षित जगह पर ले जाने लगे। इसी बीच उनका मासूम बच्चा किसी तरह टेबल फैन को हाथ से पकड़ लिया। जिसमें करंट दौड़ रहा था। करंट की चपेट में आकर वह अचेत हो गया। परिवार के लोग निजी चिकित्सक के यहां ले गए जहां चिकित्सक नें उसे मृत घोषित कर दिया। जिससे परिवार में कोहराम मचा है। बच्चे की मौत से गांव में मातम छा गया।

गली-मुहल्लों में घुसा बाढ़ का पानी!
बाढ़ के कारण रामनगर, नगवां, दशाश्वमेध और जलासेन घाट पर बने सीवर पंपिंग स्टेशन (एसटीपी) डूब गए हैं। दीनापुर, गोइठहां, भगवानपुर और रामनगर के एसटीपी भी काम करना बंद कर दिए हैं। करसड़ा स्थित कूड़ा निस्तारण केंद्र में पानी घुसने से वहां कूड़ा गाड़ियां नहीं जा पा रही हैं। राजघाट स्थित मालवीय पुल से जो ट्रेनें सामान्य दिनों में 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरती थीं उन्हें 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आवाजाही के लिए कहा गया है। श्मशान घाट भी पूरी तरह डूबे हुए हैं। मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार के लिए नावों से शव ले जाया जा रहा है, कई जगहों पर खेतों में शव जलाए जा रहे हैं।
बाढ़ से प्रभावित होने वाले रिहायशी इलाकों में सामने घाट क्षेत्र का मारुती नगर, शिवाजी नगर, गायत्री नगर, रत्नाकर नगर, मदरवा, रमना, नगवा, रामनगर, सूजाबाद, डोमरी और चौबेपुर के ढाब क्षेत्र के दर्जन भर से ज्यादा गांव हैं। वरुणा किनारे जैतपुरा, आदमपुर और सारनाथ क्षेत्र के करीब 30 मुहल्लों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि 17 बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं। आज सात कम्युनिटी किचन शुरू किए जाएंगे। सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर उन्हें बाढ़ राहत कार्य में ड्यूटी के लिए तैयार रहने को कहा गया है।

कमिश्नरेट के वरूणा जोन के आदमपुर क्षेत्र में आने वाले कज्जापुरा, मोहन कटरा, विजयपुरा, हर्ष इंटर कॉलेज के पास घुटने भर पानी लगा है। कोनिया, कोनिया सट्टी, सरैया, ढेलवरिया, नक्खीघाट, पुराना पुल के कई मुहल्ले पूरी तरह से जलमग्‍न हो गये हैं।
उधर, लंका थाना क्षेत्र के सामनेघाट इलाके में मारुति नगर, शिवाजी नगर, वैष्णो नगर, सत्यम नगर कालोनी सहित नगवा के कई कालोनियों में गंगा का पानी लोगों के घरों में घुस गया है। हुकुलगंज, नई बस्‍ती, चौकाघाट आदि‍ क्षेत्रों में भी पानी पहुंच गया है। कहीं-कहीं मकान का भूतल डूब चुका है तो लोग दूसरी मंजिल पर अपना ठिकाना बनाए हुए हैं। बाढ़ पीड़ितों को आशंका है कि बाढ़ के समय चोर-उचक्के सक्रिय हो जाते हैं।

मंगलवार को जि‍लाधि‍कारी कौशल राज शर्मा ने वाराणसी के बाढ़ प्रभावि‍त ग्रामीण इलाकों के साथ साथ कोनि‍या और लंका क्षेत्र के बाढ़ग्रस्‍त इलाकों का जमीनी दौरा कि‍या था।