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वाराणसी में DRDO द्वारा स्थापित पंडित राजन मिश्रा Covid हॉस्पिटल का शुरू हुआ संचालन

वाराणसी: रक्षा अनुसंधान विकास संगठन सशस्त्र बलों और नागरिक प्रशासन के प्रयासों से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पंडित राजन मिश्र कोविड अस्पताल का संचालन सोमवार से शुरू हो गया। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, 750 बिस्तरों वाला यह अस्पताल डीआरडीओ द्वारा स्थापित किया गया है और इस अस्पताल में सशस्त्र बलों द्वारा देशभर से चिकित्सा विशेषज्ञों, डॉक्टरों, नर्सिंग और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों को सेवा में लगाया गया है। सोमवार को जारी सरकारी बयान के अनुसार, अस्पताल में सभी बिस्तरों को ऑक्सीजन युक्त बनाया गया और यह अस्पताल 40 के एल ऑक्सीजन से सुसज्जित है जो तीन टैंकों में संग्रहित है ।
जानकारी के अनुसार, पूरा मेडिकल स्टाफ कोविड प्रोटोकॉल में प्रशिक्षित किया गया है, साथ ही सभी चिकित्सा उपकरणों की सेवा क्षमता और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए जांच की गई है और अस्पताल की सहायक सेवाओं की कार्यक्षमता सुनिश्चित की गई है।
राज्य सरकार ने अस्पताल को चलाने के लिए आवश्यक सुविधाओं की आपूर्ति, ऑक्सीजन, निर्बाध बिजली आपूर्ति, जैव-चिकित्सा और अन्य अपशिष्ट प्रबंधन और रोगी प्रबंधन प्रणाली जैसे सभी प्रमुख कार्यों की सुविधा प्रदान की है, यहां सभी मरीजों को दवाइयां और खाना मुफ्त उपलब्ध करायी जाएगी। इस अस्पताल में 250 बिस्तरों की आईसीयू सुविधा उपलब्ध है। अस्पताल की क्षमता धीरे-धीरे 750 बिस्तरों तक विस्तारित की जा सकती है ।
बता दें कि पंडित राजन मिश्रा कोविड अस्पताल में कोई सीधा वॉक-इन प्रवेश अर्थात भर्ती नहीं होगी। मरीजों को भर्ती के लिए राज्य प्रशासन के तहत स्थापित कोविड एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) वाराणसी द्वारा रेफरल के माध्यम से प्रबंधित किया गया है। रक्षा मंत्रालय इन अस्पतालों का त्वरित सेटअप राज्य सरकारों के साथ निकट समन्वय में काम करते हुए स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

पद्म भूषण पंडित राजन मिश्रा का कोरोना से हुआ था निधन
गौरतलब है कि अभी पिछले माह में ही बनारस घराने के संगीतज्ञ पंडित राजन मिश्रा ने 70 वर्ष की उम्र में दिल्ली के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। कोरोना पीड़ित राजन मिश्रा को हृदय में समस्या होने के बाद दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन डॉक्टरों के अथक प्रयास के बाद भी उनकी जान नहीं बचायी जा सकी। उनके निधन के साथ ही बनारस घराने के मशहूर मिश्र बंधुओं वाली जोड़ी हमेशा के लिए टूट गई थी।