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विजय संकल्प समावेश रैली: गृहमंत्री अमित शाह बोले- कांग्रेस जवाब दे सालों तक असम रक्तरंजित क्यों रहा?

गुवाहाटी: असम में इस साल विधानसभा चुनाव के चलते गृहमंत्री अमित शाह राज्य के दौरे पर हैं। आज असम के कोकराझार में गृहमंत्री शाह ने बीजेपी की ‘विजय संकल्प समावेश’ रैली को संबोधित किया। आज इस ऐतिहासिक रैली में पूरे देश को कहना चाहता हूं कि मेरे राजनीतिक जीवन में मैंने बहुत रैलियां देखी, मगर आज इस रैली को संबोधित करते हुए मेरे मन को अपरा शांति का अनुभव हो रहा है। आज से ठीक एक साल पहले देश के प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में बोडो शांति समझौता हुआ और बोडो शांति समझौते के साथ प्रधानमंत्री जी ने संदेश दिया कि उत्तर पूर्व में जहां-जहां अशांति है, वहां बातचीत कीजिए और शांति का मार्ग प्रशस्त कीजिए।
अमित शाह ने कहा, मुझे कहते हुए आनंद है कि मोदी जी की अगुवाई में जो BTR क्षेत्र का शांति समझौता हुआ, उसको एक साल आज पूरा हुआ है। आपका चुनाव भी समाप्त हो गया है और शांति के एक नए युग की शुरुआत हुई है। वर्षों से चली आई समस्या ने 5,000 से ज्यादा लोगों की जान ली, वो मोदी जी के दृढ़ निश्चय, मार्गदर्शन और हमारे प्रमोद जी के इनिशिएटिव के कारण आज ये समस्या शांत हो गई है और आने वाले अनेक वर्षों तक हमारा बोडो क्षेत्र विकास के रास्ते पर आगे चल पड़ेगा।
गृहमंत्री शाह ने कहा, इस क्षेत्र में मैं कई बार आया हूं, कई रैलियां की हैं। परन्तु मित्रों, जहां बोडो और नॉन बोडो उपस्थित हों ये पहली रैली है, इसलिए इस रैली का महत्व है। बोडो शांति समझौते के बाद ब्रू-रियांग समझौते का प्रयास किया गया। 8 अलग-अलग हत्यारे ग्रुपों ने हथियार डालकर शांति का रास्ता चुना। ये सारी प्रक्रिया विकास के रास्ते में हमें ले जाने वाली है।
शाह ने कहा, जो कांग्रेस पार्टी अपने कार्यकाल में शांति, विकास नहीं ला सकी, वो आज हमें सलाह दे रहे हैं। इसने वर्षों तक असम रक्त-रंजित रहा, बोडो क्षेत्र रक्त-रंजित रहा, क्या किया आपने? जो भी किया भाजपा सरकार ने किया। आत्मसमर्थन करने वाले सभी शरणार्थियों को 4 लाख रुपये की जो आर्थिक सहायता देनी थी उसकी भी आज चेक के माध्यम से आपके सामने देने की शुरुआत भाजपा सरकार ने की है।
अमित शाह ने कहा, बोडो भाषा को सम्मान देने का हमने वादा किया था। असम सरकार ने असम की सह राज्य भाषा का दर्जा बोडो भाषा को देकर आज वर्षों पुरानी मांग समाप्त कर दिया है। मुझे ये घोषणा करते हुए बहुत आनंद हो रहा है कि 500 करोड़ रुपये सिर्फ बोडो क्षेत्र के रोड नेटवर्क के लिए आवंटित किए गए हैं। ये रोड़ का जाल समस्त बोडो क्षेत्र को विकास के रास्ते पर ले जाएगा।
गृहमंत्री ने कहा, कांग्रेस पार्टी वर्षों तक असम को रक्त रंजित करती रही। अलग-अलग आंदोलन कराती रही। पिछले 5 साल में असम में जो विकास हुआ है, वो पिछले 70 साल में नहीं हुआ। असमी-गैरअसमी, बोडो-गैर बोडो करने वालों को पहचानिए। ये लोग ऐसी बाते राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए कर रहे हैं।
शाह ने कहा, भ्रष्टाचार मुक्त, घुसपैठिये मुक्त, आतंकवाद से मुक्त और प्रदूषण से मुक्त असम अगर बनाना है तो मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा ही बना सकती है। आने वाले चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ असम में NDA की सरकार बनाइए और बोडो लैंड के विकास को सुनिश्चित करिए। असम में कांग्रेस और बदरुद्दीन अजमल घुसपैठियों के लिए सारे दरवाजे खोल देगी, क्योंकि ये उनकी वोटबैंक है। घुसपैठ को भाजपा की सरकार ही रोक सकती है। जो वर्षों तक यहां शासन में रहें हैं, मैं उनको पूछना चाहता हूं कि आपने असम की संस्कृति के लिए क्या किया? वोट बटोरने के अलावा इन लोगों ने कुछ नहीं किया। असम में NDA सरकार ने श्रीमान शंकरदेव को चिर स्मरणीय बनाने के लिए कदम उठाया है।
अमित शाह ने कहा, कांग्रेस कई बार भाजपा पर साम्प्रदायिक होने का आरोप लगाती है, वहीं कांग्रेस केरल में मुस्लिम लीग के साथ है और असम में बदरुद्दीन अजमल के साथ गठबंधन किया है। कांग्रेस असम को किस दिशा में ले जाएगी? कांग्रेस अंग्रेजों की नीति पर चलती रही। फूट डालो और राज करो। कभी असमी-गैरअसमी, अभी आदिवासी-गैर आदिवासी, कभी बोडो-गैरबोडो। यहां लोगों को लड़ाते-लड़ाते वर्षों तक असम को रक्त रंजित किया। 10 हजार से ज्यादा युवाओं का खून बहा।
अमित शाह ने कहा, असम में विकास की बयार चल रही है। नए रास्ते, अस्पताल, कॉलेज बन रहे हैं, उद्योग लग रहे हैं। आने वाले दिनों में असम में बाड़ की समस्या का समाधान भी भाजपा की सरकार करेगी। हमने चाय बागान क्षेत्र के लगभग 7.20 लाख लोगों का बैंक अकाउंट खोला। असम के 26 जिलों के लगभग 60.20 लाख लोगों को पांच हजार रुपये देने का काम भाजपा ने किया है।
शाह ने कहा, कांग्रेस सरकार को और बदरुद्दीन अजमल को मैं पूछना चाहता हूं कि वर्षों तक यहां इनकी सरकार रही। आपने असम के लिए क्या किया? 13वें वित्त आयोग में राज्य को सिर्फ 79 हजार करोड़ रुपये दिए गए। 14वें वित्त आयोग में भाजपा सरकार ने 1.55 लाख करोड़ रुपये राज्य को दिए।