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शरद पवार का राज्यपाल पर तंज, कहा, आत्मसम्मान बचा है तो तय करें कि पद पर रहना है या नहीं!

उस्मानाबाद: देश के पूर्व कृषि मंत्री और राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधते हुए कहा है कि यदि आत्म सम्मान बचा हो तो वे यह तय करें कि पद पर बने रहना है या नहीं। पवार ने कहा कि राज्यपाल का पद देश के कई महत्वपूर्ण पदों में से एक है। जिस प्रकार इस पद की गरिमा है उसी प्रकार मुख्यमंत्री के पद की भी गरिमा होती है।

मंदिर खोलने को लेकर राज्यपाल ने सीएम को लिखा था पत्र
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में मंदिरों को खोलने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा था। पत्र में लिखे गए शब्दों का कड़ा विरोध करते हुए उद्धव ठाकरे ने कोश्यारी को जवाब दिया था। इस बात की शिकायत खुद शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर की थी।
बारिश की वजह से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए शरद पवार आज उस्मानाबाद के दौरे पर हैं। उस्मानाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने यह बयान दिया।

राज्यपाल के पत्र से अमित शाह नाराज
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा सीएम को लिखे गए पत्र से देश के गृहमंत्री अमित शाह भी नाराज हैं। शाह ने यह भी कहा कि उन्होंने राज्यपाल का पत्र पढ़ा है उन्होंने कहा कि पत्र में लिखे गए कुछ शब्दों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए था। इसी बात को लेकर शरद पवार ने एक बार फिर से राज्यपाल कोश्यारी पर निशाना साधते हुए कहा है कि स्वाभिमान है तो उन्हें यह तय करना चाहिए कि पद पर रहना है या नहीं।

क्या है मामला?
कुछ दिनों पहले राज्य में मंदिर को शुरू करने के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को हिंदुत्व की याद दिलाते हुए कुछ प्रश्न किए थे। उन्होंने कहा था कि राज्य में बार और रेस्टोरेंट शुरू हो गए हैं लेकिन मंदिर अभी भी बंद है। आप हिंदुत्व को भूल गए हैं क्या? ऐसे सवालों पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी जवाब देते हुए कहा था कि मुझे हिंदुत्व का सर्टिफिकेट आप से लेने की जरूरत नहीं है।