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शिंदे सरकार का बड़ा फैसला- दही हांडी को मिला खेल का दर्जा; गोविंदाओं को मिलेगी सरकारी नौकरी और बीमा

मुंबई: देश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसके साथ ही जन्माष्टमी के दूसरे दिन यानी इस साल 19 अगस्त को दही-हांडी का उत्सव मनाया जाएगा। दही हांडी उत्सव मुख्यत: महाराष्ट्र गोवा और गुजरात में होता है। महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सव को गोपालकाला के नाम से भी जाना जाता है। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बड़ा ऐलान किया है। शिंदे सरकार ने दही हांडी को कबड्डी और खो-खो की तरह खेल का दर्जा दे दिया है।
अब राज्य में दही हांडी को ‘एडवेंचर स्पोर्ट्स’ के तौर पर पहचान मिली है। दही हांडी में शामिल होने वाले गोविंदा सरकारी योजनाओं का आनंद ले सकेंगे। गोविंदा अब से स्पोर्ट्स कोटा के लिए सरकारी नौकरियों भी मिलेगी।
गुरुवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में घोषणा की कि जल्दी ही प्रो कबड्डी के नियमों के आधार पर राज्य में दही हांडी प्रतिस्पर्द्धा भी शुरू होगा। दही हांडी के दिन सार्वजनिक छुट्टी घोषित किया गया है। दही हांडी में भाग लेने वाले गोविंदाओं को अब से ना सिर्फ सरकारी नौकरियां मिलेगी, बल्कि उन्हें बीमा संरक्षण भी दिया जाएगा। राज्य सरकार ने ये फैसला किया है कि दही हांडी फोड़ते समय अगर कोई दुर्घटना हो जाती है और ऐसे में किसी गोविंदा की मौत हो जाती है तो संबंधित गोविंदा के परिवार वालों को दस लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। गंभीर रूप से जख्मी होने पर 7 लाख 50 हजार रुपए की रकम मदद के तौर पर दी जाएगी। और यदि दही हांडी फोड़ने के दौरान कोई गोविंदा दोनों पैर या दोनों हाथ या दोनों आंखें या शरीर के कोई दो अहम अंग गंवा देता है तो उसे 7.5 लाख रुपए की रकम राज्य सरकार देगी। ऐसी किसी दुर्घटना में कोई गोविंदा अगर एक हाथ या एक पैर या शरीर का कोई अंग गंवा बैठता है तो ऐसी स्थिति में उसे 5 लाख रुपए की रकम मदद के तौर पर दिया जाएगा।

बता दें कि महाराष्ट्र में दही हांडी का खेल ऊंचाई पर लटकी मक्खन की मटकी तक पहुंचने के लिए गोविंदा मानव-श्रृंखला बनाते हैं। इसके लिए टोलियां बनती हैं और जो टोली पहले दही हांडी फोड़ लेती है, वही विजयी बनती है और उसे पुरस्कृत किया जाता है।